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बकरीद को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का आया आदेश, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने दी ये प्रतिक्रिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 अगस्त को मनाए जाने वाले बकरीद के त्योहार पर बकरों की कुर्बानी सिर्फ सरकारी स्लॉटर हाउस में होने का आदेश दिया है. जानिए हाईकोर्ट के इस फैसले पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने क्या प्रतिक्रिया दी है.

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया
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Published : Aug 11, 2019, 11:51 PM IST

लखनऊ: देशभर में 12 अगस्त को बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा, लेकिन इन दिनों मुंबई हाई कोर्ट का एक आदेश सुर्खियों में है. जिसमें यह कहा गया है कि बकरों की कुर्बानी सिर्फ सरकारी स्लॉटर हाउस में होगी और किसी भी प्राइवेट जगह पर कुर्बानी नहीं कराई जा सकती है.

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते मुस्लिम धर्मगुरु.

कोर्ट के फैसले का हो सम्मान-
मुंबई हाई कोर्ट के इस फैसले पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि कोर्ट के आदेश का सभी को सम्मान करना चाहिए, लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि बकरीद के त्योहार में मुसलमानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.

सरकारी स्लॉटर हाउस में होगी कुर्बानी-
पिछले दिनों बकरीद की कुर्बानी को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि बकरों या भेड़ों की कुर्बानी सिर्फ सरकारी स्लॉटर हाउस में होगी और किसी भी प्राइवेट जगह पर कुर्बानी नहीं दी जा सकती है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी अपने फ्लैट या घर के भीतर बकरे की कुर्बानी नहीं दे सकता.

जस्टिस रंजन धर्माधिकारी और जस्टिस गौतम पटेल की बेंच ने बीएमसी को इसका पालन करने का आदेश दिया है. हालांकि मुस्लिम धर्मगुरुओं की अगर बात करें तो उनका भी यह साफ कहना है कि कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान होना चाहिए.

मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली बोले-
इस मामले पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि कुर्बानी इस्लाम धर्म में हर साहिबे हैसियत मुसलमान पर फर्ज करार दी गई है. जिस पर किसी तरीके की बंदिश सही नहीं है, लेकिन फिर भी अगर कोर्ट ने इसको लेकर कोई आदेश दिया है तो मुसलमानों को इस देश के कानून के हिसाब से अपनी कुर्बानी को अंजाम देना चाहिए.

मौलाना सैफ अब्बास बोले न हो कोई परेशानी-
शिया धर्म गुरु और मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि अगर कोर्ट ने घरों में कुर्बानी करने पर रोक लगाई है तो कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान होना चाहिए, लेकिन जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि मुसलमानों को बकरीद के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी न पेश होने पाए इसके लिए भी बंदोबस्त किए जाने चाहिए.

गौरतलब है कि मुंबई हाई कोर्ट ने पब्लिक सेफ्टी और साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए दो संस्थाओं की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था. हालांकि बेंच ने यह छूट दी है कि बीएमसी से परमिशन लेकर हाउसिंग सोसायटी में कुर्बानी की जा सकती है. साथ ही कोर्ट ने यह कंडीशन भी लगाई है कि अगर किसी हाउसिंग सोसायटी के 1 किलोमीटर के दायरे में स्लाटर हाउस है तो वहां पर कुर्बानी की इजाजत नहीं दी जाएगी.

आपको बताते चले कि मुंबई एक ऐसा शहर है जहां पर बड़ी संख्या में लोग रहते हैं और सामान्य तौर पर रिहायशी घर आकार में बहुत छोटे होते हैं जिसके चलते साफ सफाई की व्यवस्था करा पाना बीएमसी के लिए एक बड़ी चुनौती माना जाता है.

लखनऊ: देशभर में 12 अगस्त को बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा, लेकिन इन दिनों मुंबई हाई कोर्ट का एक आदेश सुर्खियों में है. जिसमें यह कहा गया है कि बकरों की कुर्बानी सिर्फ सरकारी स्लॉटर हाउस में होगी और किसी भी प्राइवेट जगह पर कुर्बानी नहीं कराई जा सकती है.

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते मुस्लिम धर्मगुरु.

कोर्ट के फैसले का हो सम्मान-
मुंबई हाई कोर्ट के इस फैसले पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि कोर्ट के आदेश का सभी को सम्मान करना चाहिए, लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि बकरीद के त्योहार में मुसलमानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.

सरकारी स्लॉटर हाउस में होगी कुर्बानी-
पिछले दिनों बकरीद की कुर्बानी को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि बकरों या भेड़ों की कुर्बानी सिर्फ सरकारी स्लॉटर हाउस में होगी और किसी भी प्राइवेट जगह पर कुर्बानी नहीं दी जा सकती है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी अपने फ्लैट या घर के भीतर बकरे की कुर्बानी नहीं दे सकता.

जस्टिस रंजन धर्माधिकारी और जस्टिस गौतम पटेल की बेंच ने बीएमसी को इसका पालन करने का आदेश दिया है. हालांकि मुस्लिम धर्मगुरुओं की अगर बात करें तो उनका भी यह साफ कहना है कि कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान होना चाहिए.

मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली बोले-
इस मामले पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि कुर्बानी इस्लाम धर्म में हर साहिबे हैसियत मुसलमान पर फर्ज करार दी गई है. जिस पर किसी तरीके की बंदिश सही नहीं है, लेकिन फिर भी अगर कोर्ट ने इसको लेकर कोई आदेश दिया है तो मुसलमानों को इस देश के कानून के हिसाब से अपनी कुर्बानी को अंजाम देना चाहिए.

मौलाना सैफ अब्बास बोले न हो कोई परेशानी-
शिया धर्म गुरु और मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि अगर कोर्ट ने घरों में कुर्बानी करने पर रोक लगाई है तो कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान होना चाहिए, लेकिन जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि मुसलमानों को बकरीद के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी न पेश होने पाए इसके लिए भी बंदोबस्त किए जाने चाहिए.

गौरतलब है कि मुंबई हाई कोर्ट ने पब्लिक सेफ्टी और साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए दो संस्थाओं की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था. हालांकि बेंच ने यह छूट दी है कि बीएमसी से परमिशन लेकर हाउसिंग सोसायटी में कुर्बानी की जा सकती है. साथ ही कोर्ट ने यह कंडीशन भी लगाई है कि अगर किसी हाउसिंग सोसायटी के 1 किलोमीटर के दायरे में स्लाटर हाउस है तो वहां पर कुर्बानी की इजाजत नहीं दी जाएगी.

आपको बताते चले कि मुंबई एक ऐसा शहर है जहां पर बड़ी संख्या में लोग रहते हैं और सामान्य तौर पर रिहायशी घर आकार में बहुत छोटे होते हैं जिसके चलते साफ सफाई की व्यवस्था करा पाना बीएमसी के लिए एक बड़ी चुनौती माना जाता है.

Intro:देशभर में 12 अगस्त को बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा लेकिन इन दिनों मुंबई हाई कोर्ट का एक आदेश सुर्खियों में है जिसमें यह कहा गया है कि बकरों की कुर्बानी सिर्फ सरकारी स्लॉटर हाउस में होगी और किसी भी प्राइवेट जगह पर कुर्बानी नहीं कराई जा सकती है जिस पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि कोर्ट के आदेश का सभी को सम्मान करना चाहिए लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि बकरीद के त्योहार में मुसलमानों को किसी प्रकार की परेशानी ना आने पाए इसके लिए बेहतर से बेहतर बंदोबस्त किए जाए ताकि मुसलमान अपने धार्मिक कार्य पूरे कर सकें।


Body:पिछले दिनों बकरीद की कुर्बानी को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि बकरों या भेड़ों की कुर्बानी सिर्फ सरकारी स्लॉटर हाउस में होगी और किसी भी प्राइवेट जगह पर कुर्बानी नहीं दी जा सकती है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी अपने फ्लैट या घर के भीतर बकरे की कुर्बानी नहीं दे सकता। जस्टिस रंजन धर्माधिकारी और जस्टिस गौतम पटेल की बेंच ने बीएमसी को इसका पालन करने का आदेश दिया है हालांकि मुस्लिम धर्मगुरुओं की अगर बात करें तो उनका भी यह साफ कहना है कि कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान होना चाहिए।

मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि कुर्बानी इस्लाम धर्म में हर साहिबे हैसियत मुसलमान पर फर्ज करार दी गई है जिस पर किसी तरीके की बंदिश सही नहीं है लेकिन फिर भी अगर कोर्ट ने इसको लेकर कोई आदेश दिया है तो मुसलमानों को इस देश के कानून के हिसाब से अपनी कुर्बानी को अंजाम देना चाहिए तो वही शिया धर्म गुरु और मरकज़ी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि अगर कोर्ट ने घरों में कुर्बानी करने पर रोक लगाई है तो कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान होना चाहिए लेकिन जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि मुसलमानों को बकरीद के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी ना पेश होने पाए इसके लिए भी बंदोबस्त किए जाने चाहिए।

बाइट- मौलाना खालिद राशिद, सुन्नी धर्मगुरु
बाइट2- मौलाना सैफ अब्बास, शिया धर्मगुरु


Conclusion: गौरतलब है कि मुंबई हाई कोर्ट ने पब्लिक सेफ्टी और साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए दो संस्थाओं की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था हालांकि बेंच ने यह छूट दी है कि बीएमसी से परमिशन लेकर हाउसिंग सोसायटी में कुर्बानी की जा सकती है लेकिन कोर्ट ने साथ ही यह कंडीशन भी लगाई है कि अगर किसी हाउसिंग सोसायटी के 1 किलोमीटर के दायरे में स्लाटर हाउस है तो वहां पर कुर्बानी की इजाजत नहीं दी जाएगी। हम आपको बताते चले कि मुंबई एक ऐसा शहर है जहां पर बड़ी संख्या में लोग रहते हैं और सामान्य तौर पर रिहायशी घर आकार में बहुत छोटे होते हैं जिसके चलते साफ सफाई की व्यवस्था करा पाना बीएमसी के लिए एक बड़ी चुनौती माना जाता है।
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