ETV Bharat / state

राष्ट्रीय लोकदल ने उठाए पौधरोपण पर सवाल, कहा-सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए बर्बाद किया जा रहा सरकारी धन

author img

By

Published : Jul 24, 2023, 9:36 PM IST

राष्ट्रीय लोकदल ने सरकार के पौधरोपण अभियान पर गंभीर सवाल उठाए हैं. राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि सरकार प्रतिवर्ष पौधरोपण पर हजारों करोड़ का बजट खपाया जाता है, लेकिन पौधों की सुरक्षा का ठोस इंतजाम नहीं है.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने सरकार के पौधरोपण पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार का पौधरोपण सिर्फ कागजों पर चल रहा है. पौधरोपण के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये सरकारी खजाने से पानी की तरह बहाने के बाद क्या विभाग. इसके सुरक्षा का भी कोई प्रबंध करता है, प्रतिवर्ष केवल पौधरोपण के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जाता है.

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे.
अनिल दुबे ने कहा कि सरकार बताए कि विगत वर्षों में लगाए गए कितने पेड़ अस्तित्व में हैं? सरकारी तंत्र और सत्ताधारी पार्टी के लोग इस अभियान को अपने फोटोग्राफी तक सीमित किए हैं. पौधा लगाते समय फोटो खिंचवाने के बाद लगे पौधे की सुरक्षा के विषय में भूल जाते हैं जो सरकार सांड़ और आवारा पशुओं से निजात के कोई उपाय नहीं कर पाई वह ट्री गार्ड के नाम पर 35 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कह रही है.

भाजपा सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है. भाजपा सरकार ने किसानों को संकट में डाला है. महंगाई लगातार बढ़ने से खेती का लागत मूल्य बहुत बढ़ गया है. डीजल, खाद, बीज, कीटनाशकों की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं. फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं दिया रहा है. हालात यह हैं कि किसानों के गेहूं, धान, मक्का, ज्वार, बाजरा समेत अन्य मोटे अनाजों की फसलों का लागत मूल्य नहीं निकल रहा है. किसानों को हर साल महंगा बीज खरीदना पड़ता है. डीजल के बढ़े दामों में जुताई, सिंचाई और ढुलाई महंगी हो गई है. श्री अन्न के नाम पर इन दिनों सरकार बहुत प्रचार कर रही है, लेकिन किसान का मक्का दाना 20 रुपये किलो बिक रहा है जबकि बीज साढ़े तीन सौ रुपये किलो है. इस मक्का का बीज दोबारा इस्तेमाल नहीं होता है.





यह भी पढ़ें : देहदानियों के परिजनों को KGMU में मिलेगा नि:शुल्क इलाज, प्रस्ताव पर लगी मुहर

लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने सरकार के पौधरोपण पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार का पौधरोपण सिर्फ कागजों पर चल रहा है. पौधरोपण के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये सरकारी खजाने से पानी की तरह बहाने के बाद क्या विभाग. इसके सुरक्षा का भी कोई प्रबंध करता है, प्रतिवर्ष केवल पौधरोपण के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जाता है.

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे.
अनिल दुबे ने कहा कि सरकार बताए कि विगत वर्षों में लगाए गए कितने पेड़ अस्तित्व में हैं? सरकारी तंत्र और सत्ताधारी पार्टी के लोग इस अभियान को अपने फोटोग्राफी तक सीमित किए हैं. पौधा लगाते समय फोटो खिंचवाने के बाद लगे पौधे की सुरक्षा के विषय में भूल जाते हैं जो सरकार सांड़ और आवारा पशुओं से निजात के कोई उपाय नहीं कर पाई वह ट्री गार्ड के नाम पर 35 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कह रही है.

भाजपा सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है. भाजपा सरकार ने किसानों को संकट में डाला है. महंगाई लगातार बढ़ने से खेती का लागत मूल्य बहुत बढ़ गया है. डीजल, खाद, बीज, कीटनाशकों की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं. फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं दिया रहा है. हालात यह हैं कि किसानों के गेहूं, धान, मक्का, ज्वार, बाजरा समेत अन्य मोटे अनाजों की फसलों का लागत मूल्य नहीं निकल रहा है. किसानों को हर साल महंगा बीज खरीदना पड़ता है. डीजल के बढ़े दामों में जुताई, सिंचाई और ढुलाई महंगी हो गई है. श्री अन्न के नाम पर इन दिनों सरकार बहुत प्रचार कर रही है, लेकिन किसान का मक्का दाना 20 रुपये किलो बिक रहा है जबकि बीज साढ़े तीन सौ रुपये किलो है. इस मक्का का बीज दोबारा इस्तेमाल नहीं होता है.





यह भी पढ़ें : देहदानियों के परिजनों को KGMU में मिलेगा नि:शुल्क इलाज, प्रस्ताव पर लगी मुहर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.