लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रालोद को जितनी उम्मीद थी उतनी सफलता नहीं मिली. पार्टी को मात्र 8 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. इससे पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी काफी खिन्न बताए जा रहे हैं. उन्होंने अब पार्टी को फिर से संगठित करने के लिए फिलहाल प्रदेश, जिला और सभी फ्रंटल संगठन को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया हैं. इसके अलावा 21 मार्च को प्नदेश मुख्यालय में नवनिर्वाचित विधायकों की एक बैठक भी बुलाई है. 21 मार्च को ही इन नवनिर्वाचित विधायकों का पार्टी कार्यालय पर स्वागत किया जाएगा.
बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रालोद को 33 सीटें दी थीं. इसमें रालोद के मात्र आठ प्रत्याशी ही चुनाव जीतने में सफल हुए. हालांकि रालोद मुखिया चौधरी जयंत सिंह को 20 सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद के किले में ही सेंध लगा दी.
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21 मार्च को जयंत करेंगे अखिलेश से मुलाकात
भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल पर भी भारी पड़ी, जिससे चौधरी जयंत सिंह की उम्मीदें ध्वस्त हो गईं. समाजवादी पार्टी गठबंधन के सभी नेताओं को पूरा यकीन था कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी गठबंधन की ही सरकार बनेगी. चर्चा तो यहां तक थी कि चौधरी जयंत सिंह अखिलेश सरकार में डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे, लेकिन नतीजों ने सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
सपा ने भी नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई
समाजवादी पार्टी ने भी 21 मार्च को ही अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है. अखिलेश यादव और जयंत सिंह अपने-अपने कार्यालयों पर नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करने के बाद एक-दूसरे से मुलाकात भी करेंगे. राष्ट्रीय लोकदल के सूत्रों के मुताबिक चौधरी जयंत सिंह अखिलेश से मिलने जाएंगे.
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