लखनऊः मास्टर माइंड राशिद ने लोगों को घर बनाने का झांसा देकर मोटी रकम जुटाई है. उसने 200 रुपये प्रति स्क्वायर फीट से 1 हजार रुपये प्रति स्क्वायर फीट के प्लांट दो लाख से 10 लाख रुपये में बेचने की स्कीमें लांच की. अलग-अलग साइज के प्लॉट के लिए 20 हजार से एक लाख रुपये तक की बुकिंग अमाउंट वसूल लिया और 3 हजार से 2 लाख रुपये तक की न्यूनतम मासिक किस्त में कय कर दी. ये किस्तें मामूली होती थीं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग उससे जुड़ते गए.
छूट देकर लोगों को किया था आकर्षित
उसने लोगों को लुभाने के लिए प्लॉट की बाउंड्री वाल के निर्माण पर 50 फीसदी और निर्माण काम पर 20 फीसदी छूट का ऑफर भी दिया था. बता दें कि 60 हजार करोड़ रुपये हड़पने के आरोपी शाइन सिटी कंपनी के एमडी राशिद नसीम, उसके भाई आसिफ नसीम के साथ ही कंपनी के 40 से अधिक अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों साथ ही दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुवाहाटी जैसे राज्यों में धोखाधड़ी के 4 हजार मामले दर्ज हो चुके हैं. सिर्फ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही 238 केस दर्ज हैं. देश में शाइन सिटी कम्पनी की ठगी के शिकार लोगों की संख्या 10 लाख से भी अधिक है. इसमें रिक्शे से लेकर रसूखदार भी शामिल हैं. लखनऊ पुलिस ने दोनों भाइयों पर 50-50 हजार और वाराणसी पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. इसी साल जनवरी में ईडी ने राशिद और आसिफ समेत शाइन कम्पनी के छह लोगों पर अवैध तरीके से 36.54 करोड़ रुपये देश से बाहर भेजने के आरोप में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. हालांकि पुलिस का दबाव पड़ते ही महाठग राशिद नसीम भारत छोड़कर दुबई भाग गया.
RIP प्लान भी ठगी का तरीका
एडीजी एसटीएफ की माने तो महाठग ने प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट प्लान पीआईपी शुरू किया. जिसमें 2 लाख रुपये का न्यूनतम निवेश करने पर 12 महीने बाद मूलधन यानि दो लाख रुपये की वापसी और 15 महीने बाद 30 हजार रुपये का लाभ और साथ में 800 स्क्ववायर फीट का प्लॉट देने की बात कही गई थी. 15 महीने बाद प्लॉट खुद या किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से रजिस्ट्री करा सकते हैं. अपनी मनचाही कीमत पर किसी अन्य को बेच सकते थे. 15 महीने के बाद कंपनी को ही दो लाख रुपये में प्लॉट बेच सकते थे. यानि कंपनी 15 महीने बाद निवेशकों को दो लाख रुपये मूलधन के साथ 30 हजार रुपये का लाभांश और दो लाख का प्लॉट या उसकी कीमत अर्थात कुल लाभ 4,30 हजार रुपया कमाने का लालच देती थी.
शोरूम खोलकर शुरू किया 'हीरो' का कारोबार
ADG STF के मुताबिक, मास्टर माइंड राशिद ने गुजरात के एक कारोबारी के साथ मिलकर साल 2017 में हीरो का कारोबार शुरू किया. उसने गीत ज्वैलरी के नाम से कम्पनी शुरू की. उसके ज्यादातर क्लाइंट कम्पनी के ही अधिकारी-कर्मचारी और एजेंट थे. राशिद सबको उनकी परफार्मेंस के आधार पर प्वाइंट्स देता था और फिर ज्वैलरी खरीदने पर प्वाइंट्स रिडीम कराता था. इससे जहां लोगों को ज्वैलरी काफी कम दामों में मिल जाती थी. वहीं, राशिद को खूब बिजनेस मिलता था.
आधे रेट पर लग्जरी कारों की स्कीम
राशिद ने कम्पनी से जुड़े लोगों के लिए 50 परसेंट रेट पर लग्जरी कारों की स्कीम शुरू की थी. उसकी ये स्कीम भी नेटवर्क मार्केटिंग का हिस्सा थी. कम्पनी के अधिकारियों-कर्मचारियों को इन्वेस्टमेंट के टारगेट को पूरा करने पर उन्हें प्वाइंट्स मिलते थे. लग्जरी कार लेने वालों को वो प्वाइंट्स रिडीम करने पर कार की कीमत में 50 परसेंट छूट देता था. आधे दाम पर लग्जरी कार पाने के लिए कम्पनी के लोगों ने उसे खूब बिजनेस दिलाया.
अल्कालाइन वाटर बनाने वाली कम्पनी की लांच
एडीजी एसटीएफ के मुताबिक राशिद नसीम ने बढ़ती उम्र को रोकने के लिए जल क्रांति के स्लोगन के साथ अल्कालाइन वाटर कम्पनी केम्फलो भी लांच की. शाइन केम्फलो नाम की ये कम्पनी अल्कलाइन वाटर प्योरिफायर सिस्टम और मशीन के अलावा अल्कलाइन वाटर पॉट्स, अल्कलाइन वाटर जग, बॉटल, स्टिक बनाती थी. काफी महंगी मशीन वो सिर्फ 1,650 रुपये में बेचता था. ये ऑफर सिर्फ बिजनेस टारगेट के साथ ही मिलता था.
वर्चुअल करेंसी शाइन वी कॉइन (SVC) की लांच
ADG STF की मानें तो शातिर राशिद नसीम ने वर्चुअल करेंसी की तेजी से बढ़ती दुनिया में भी कदम रखा. उसने अपनी वर्चुअल करेंसी SVC लांच की. चूंकि, राशिद के पास 10 लाख से ज्यादा कंज्यूमर पॉवर थी, इसलिए उसने एसवीसी से खूब मोटी कमाई की. अपनी वर्चुअल करेंसी SVC की शुरुआत उसने ढाई से तीन रुपये से की थी. कुछ ही हफ्तों में उसका रेट 125 से 130 तक पहुंच गया. उसने कम्पनी के अधिकारियों-कर्मचारियों को टारगेट पूरा करने पर प्वाइंट्स के बदले SVC देना शुरू किया. इसके बाद में वही लोग SVC में रुपया लगाने लगे. जिससे इस वर्चुअल करेंसी का रेट बढ़ने लगा.
कई पुलिस अफसरों की भी लगी थी काली कमाई
राशिद नसीम पर पुलिस महकमे की खासी मेहरबानी रही. उसने कई IAS और IPS अफसरों की काली कमाई भी अपने प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रखी थी. इसके अलावा उसने कुछ नेताओं से भी नजदीकियां बना ली थीं. यही वजह है कि ठगी के आरोपों में घिरने के बाद भी काफी समय तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. गोमतीनगर पुलिस और SRS मॉल चौकी की पुलिस तो जैसे उसके इशारों पर काम करती थी. शाइन सिटी कम्पनी की ठगी के शिकार लोगों को पुलिस थाना-चौकी से ही टरका देती थी. शिकायत पहुंचने पर तत्काल जानकारी उसे मिलती और वो शिकायतकर्ता को मैनेज कर लेता था. इसके बदले राशिद हर महीने पुलिस को मोटी रकम देता था.
जॉर्जिया की नागरिकता लेने की कर रहा कोशिश
ADG UP STF अमिताभ यश का दावा है कि, राशिद के फिलहाल दुबई में होने की जानकारी मिल रही है. देश से भागने के बाद वो किसी अन्य देश की नागरिकता लेने की कोशिश कर रहा है. दुबई नागरिकता नहीं देता इसलिए राशिद ने इसके लिए जॉर्जिया में आवेदन किया है. इसकी पुष्टि के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी की मदद ली जा रही है.
शाइन की डायरेक्ट मार्केटिंग टीम के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व बीडीएम एसोसिएट और एजेंट के नाम
डॉ अमिताभ श्रीवास्तव टीम, रवि तिवारी विक्रांत टीम, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, मनीष जायसवाल, ओमकार, विवेक किंग ऑफ स्पाइडर, दिनेश कुमार मौर्य टाइम चैंपियन का प्रेसिडेंट, विनीत पांडे वाइस प्रेसिडेंट, नवीन पांडे बीडीएम स्पार्टा टीम, नूरुल वाराणसी, अभिषेक ठाकुर पैंथर टीम, नितिन ,आशीष सिंह, संजय वर्मा जगुआर टीम, नितिन जायसवाल और रोहित शर्मा टीम अटल, अजीत यादव टीम शाइन, मोहम्मद जावेद, शोभनाथ शर्मा डोमिनेटर टीम, अभिषेक अवस्थी और संदीप पांडे कोहिनूर टीम, मोहम्मद तारिक शाइन विक्टर टीम, संदीप राठौर राइजिंग स्टार टीम, अभिनव दीप यूथ इंडियन टीम का रिया शेख और नाजिम शेख, शाइन अमन टीम का संजीव श्रीवास्तव जैसे सैकड़ों लोग राशिद की टीम का हिस्सा थे. ये सभी आरोपी भी बनाये गए हैं.
टीम का अध्यक्ष अमिताभ वाराणसी जेल में है बंद
अमिताभ श्रीवास्तव शाइन सिटी का खास आदमी था। वो टीम का अध्यक्ष था जो इस समय जेल में है। उसे वाराणसी पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। वाराणसी में वो अपनी कम्पनी किंग्सटन बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड चलाता था। मूलरूप से बिहार के सिवान का रहने वाला अमिताभ यहां वाराणसी में दशाश्वमेध घाट रोड पर एक अपार्टमेंट में रह रहा था। वो शाइन केमफ्लो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वर्धमान बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, शाइन सिटी बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, शाइन जॉइन ज्वेलरी ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, शाइन सिटी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड, क्लिक फॉर लाइफ यात्रा प्राइवेट लिमिटेड, शाइन ऐमर इंश्योरेंस मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, माइलस्टोन रियलकॉन लिमिटेड, शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, शाइन जॉइन प्राइवेट लिमिटेड, क्विक डील ऑनलाइन ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, ऑलमाइटी कैरियर एंड कंसलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड, गीत ज्वैलरी प्राइवेट लिमिटेड, शाइन सिटी अकैडमी ऑफ एवियशन एंड हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा था।
राशिद ने खुद को बचाया, सिर्फ मोहरे फंसे
राशिद नसीम जानता था कि ठगी के बाद उसे देश छोड़कर भागना है इसलिए किसी कानूनी पचड़े में नहीं फंसना चाहता था. इसके लिए उसने ऐसी चाल चली कि कोई समझ ही नहीं पाया. शातिर राशिद ने अच्छा बिजनेस लाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर बैठाना शुरू किया. प्लॉट की रजिस्ट्री पर इन्हीं अफसरों के दस्तखत होते थे. इसके बाद में प्लॉट नहीं मिलता तो एफआईआर में दस्तखत करने वाले ही फंसते थे. राशिद ने अपने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मोहरा बनाया और अरबों रुपया डकारकर दुबई भाग गया. यहां पुलिस ने कार्रवाई शुरू की तो राशिद के तैयार किए मोहरे फंसते गए. पुलिस अब तक कम्पनी के प्रेजिडेंट अमिताभ श्रीवास्तव, ज्ञान प्रकाश के अलावा उत्तमा अग्रवाल, दीपक भारती, वशिष्ठ कुमार, विनय चौधरी, इण्डिया बिजनेस हेड बृजमोहन कुमार सिंह उसके सहयोगी अंकित कुमार एमडी स्काई ओशियन, मोहम्मद फैजान अंसारी टीम लीडर और सुभाष तुक्काराम, प्रयागराज के सुनील कुमार जायसवाल समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
नेपाल में धरा गया, छूटने के बाद से है फरार
महाठग राशिद नसीम बीते साल नेपाल में गिरफ्तार हुआ था. पुलिस सूत्र बताते हैं कि राशिद ने नेपाल में मल्टी लेवल मार्केटिंग नेटवर्क से जुड़ी स्कीमों को लेकर एक आयोजन किया था. नेपाल में इस तरह की स्कीमों को अवैध घोषित किया गया है इसलिए वहां की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. बताते हैं कि राशिद 43 दिन नेपाल की जेल में रहा. वहां से जमानत पर छूटने के बाद से वो अंडरग्राउंड है. UP STF लखनऊ समेत देश के कई राज्यों की पुलिस उसे तलाश कर रही है. UP STF ने उसके दुबई में होने की आशंका पर विदेश मंत्रालय से संपर्क भी किया है. इस सिलसिले में UP STF और ED लगातार विदेश मंत्रालय से पत्राचार कर रही है. राशिद और उसके भाई आसिफ के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी है.
कई ने दी जान तो कुछ की संदिग्ध हालात में हुई मौत
जांच एजेंसियों की मानें तो शाइन सिटी कम्पनी के चक्कर में कई लोगों ने खुदकुशी कर ली तो कुछ की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. उन्नाव में रहने वाले 27 साल के मनीष निषाद ने बतौर एजेंट कम्पनी में काफी लोगों की रकम निवेश कराई थी. निवेश की निर्धारित अवधि बीतने के बाद जब लोगों को रुपये वापस नहीं मिले तो उन्होंने मनीष से संपर्क किया. मनीष ने राशिद और कम्पनी के अन्य अफसरों से सम्पर्क साधा लेकिन सब उसे टरकाते रहे. उधर, निवेशकों ने मनीष पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. परेशान मनीष ने 20 जून 2020 को राशिद नसीम को व्हाट्सअप पर मैसेज भेजकर लोगों की रकम वापस दिलाने की गुहार लगाई. राशिद ने उस पर ध्यान नहीं दिया अंत में भारी दबाव के चलते 22 जून 2020 को मनीष ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. उन्नाव के ही सहायक शिक्षक प्रदीप कुमार शुक्ला निवेशकों के दबाव से इतने तनाव ग्रस्त हो गए कि बेहोश होकर आग में गिर पड़े. उनका चेहरा झुलस गया और एक आंख खराब हो गई. लखनऊ के गुडम्बा कुर्सी रोड निवासी शाहिद हुदा को तनाव के कारण ब्रेन स्ट्रोक आ गया, उनकी याददाश्त खो चुकी है.