लखनऊ: राजधानी के राजाजीपुरम इलाके में मौजूद रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय के डॉक्टरों पर मरीजों को जांच के लिए निजी पैथोलॉजी सेंटर पर भेजने का आरोप लगा है. आरोप है कि, अस्पताल की पैथोलॉजी में काम करने वाले लैब टेक्नीशियन में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद, यहां के डॉक्टर्स मरीजों को जांच के लिए प्राइवेट लैब्स में भेज रहे हैं.
- डॉक्टर्स पर मरीजों को जांच के लिए निजी लैब्स में भेजने का आरोप
- अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को बताया निराधार
रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में शनिवार को दो लैब टेक्नीशियन में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई. इसके बाद अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग को दो दिनों तक बंद कर दिया गया. दो दिनों के सैनिटाइजेशन के बाद अस्पताल पहुंचे मरीजों ने डॉक्टर्स पर पैथोलॉजी की जांच के लिए निजी लैब्स में भेजने का आरोप लगाया. हालांकि अस्पताल प्रशासन ऐसे किसी भी आरोप से नकार रहा है.
रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल के सीएमएस डॉ एके आर्या का कहना है कि पैथोलॉजी के दो एलटी में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके बाद रविवार और सोमवार को पैथोलॉजी को सैनिटाइजेशन के लिए बंद कर दिया गया था. मंगलवार को इसे दोबारा खोल दिया गया है, लेकिन स्टाफ कम है. उन्होंने कहा कि अब तक हमारे अस्पताल में चार लैब टेक्निशियंस पैथोलॉजी विभाग में काम कर रहे थे, लेकिन अब सिर्फ दो एलटी ही कार्यरत हैं. ऐसे में काम का दबाव बढ़ रहा है और लोग कम हैं. इस वजह से जांच में देरी हो रही है लेकिन काम हो रहा है निजी पैथोलॉजी में भेजे जाने की बात पूरी तरह से गलत है.
डॉक्टर आर्या ने बताया कि मंगलवार को खुली पैथोलॉजी में भले ही दो एलटी कार्यरत रहे लेकिन, उन्होंने पूरी तरह से काम किया है. मंगलवार को पैथोलॉजी की अन्य जांचों के साथ ही साथ कोरोना जांच के लिए तकरीबन 20 एंटीजन टेस्ट किए गए हैं और 12 आरटीपीसीआर टेस्ट के सैंपल लिए गए हैं.