लखनऊ : केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने योजना भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (Republican Party of India) उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के विकल्प के तौर पर सामने आएगी. 2024 में वह भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. वहीं उससे पहले उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में भी वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से मुलाकात भी की है. उन्होंने राज्य में सीटों के बंटवारे का प्रस्ताव भी रखा है. इससे पहले उन्होंने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है.
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला बताते हुए कहा कि आरपीआई उत्तर प्रदेश की दलित और मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश का जीतना संभव नहीं है. कांग्रेस का तो यहां जीतना असंभव ही है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. बड़ी संख्या में दूसरे दलों से कार्यकर्ता आरपीआई में शामिल हो रहे हैं. आने वाले समय में उनकी पार्टी प्रदेश में बहुजन कल्याण यात्रा निकालेगी. यह यात्रा गाजियाबाद से शुरू होकर पूरे प्रदेश भर में जाएगी. सभी मंडल मुख्यालयों पर रामदास आठवले खुद पहुंचेंगे और सभाएं करेंगे. इस दौरान वह दलित और मुस्लिम वर्ग से साथ देने की अपील करेंगे. इस यात्रा का समापन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगा. इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने 2024 में देश में खेला होने की बात कही है. मैं कहता हूं कि 2024 में नहीं होगा खेला. 2024 में रहेगा नरेंद्र मोदी का मेला. देश में एक बार फिर नरेंद्र मोदी की सरकार बनेगी. पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में करीब 100 सीटें ऐसी थी, जहां पर भाजपा को हजार या दो हजार वोटों से हार मिली है. उन्होंने जीत दर्ज की है. इसके लिए बधाई. लेकिन, ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री तक ही सोचना चाहिए. उन्हें प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखना चाहिए. अगर वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देखेंगी तो अगली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी भी चली जाएगी. देश में जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, तब तक किसी को भी प्रधानमंत्री बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
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