लखनऊः सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान को लेकर अभी तक राजनीतिक गलियारे में विरोध के सुर उठ रहे थे. लेकिन, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विरोध के बीच समर्थन की भी आवाज उठने लगी है. लखनऊ के पीजीआई कोतवाली क्षेत्र के वृंदावन योजना में रामचरित मानस की प्रतियों को जला दिया गया.
महासभा के लोग बोले, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ गलत नहीं कहा
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में उतरे अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के लोगों ने सनातन धर्म संस्कृति और रामचरित मानस के रचनाकार महाकवि तुलसीदास पर भी सवाल उठाए. अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के देवेंद्र यादव ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ गलत नहीं कहा है. रामचरित मानस में कई जगह जातियों के खिलाफ चौपाइयों में गलत बातें लिखीं गई हैं. इनको इससे हटाना चाहिए या फिर इसको बैन कर देना चाहिए.
रामचरितमानस की प्रतियां जलाकर की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
रविवार सुबह करीब दस बजे 10-12 लोगों ने खुद को अखिल भारतीय ओबीसी महासभा का पदाधिकारी बताते हुए पहले तो सनातन संस्कृति के खिलाफ नारेबाजी की. उसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए रामचरितमानस की प्रतियों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. इन लोगों का कहना था कि सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो, ओबीसी, एससी समाज सड़क पर उतर कर मुंहतोड़ जवाब देगा.
रामचरितमानस पर बयान देने के बाद से विवादों में घिरे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
रामचरितमानस पर टिप्पणी करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य विवादों में घिरते चले जा रहे हैं. लगातार उनका विरोध हो रहा है. उसी को देखते हुए अब ओबीसी समाज उनके पक्ष में खड़ा हो गया है. ओबीसी समाज ने आज रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के बाद उनके समर्थन में खड़ा होने की बात कही है. फिलहाल अब देखना है कि यह विवाद कब शांत होगा.
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