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राकेश टिकैत ने कहा, आंदोलन ही किसानों की ताकत यह सरकार भला नहीं कर सकती

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Published : Nov 26, 2022, 7:41 PM IST

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि यह सरकार तानाशाही की सरकार है. इस सरकार में किसानों का कोई भला नहीं हो सकता है. मौजूदा सरकार ने विपक्ष को डरा रखा है. ऐसे में वह भी बहुत विरोध नहीं कर पा रहे हैं. राकेश टिकैत शनिवार को ईको गार्डन में किसानों को संबोधित कर रहे थे. किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए करीब 15 हजार किसान प्रदेशभर से पहुंच चुके हैं.

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लखनऊ : मायावती सरकार में सबसे अच्छा किसानों के लिए काम हुआ था. यह सरकार तानाशाही की सरकार है. इस सरकार में किसानों का कोई भला नहीं हो सकता है. यह चुनी हुई सरकार नहीं है. इसलिए यह ठीक से काम नहीं कर रही है. मौजूदा सरकार ने विपक्ष को डरा रखा है. ऐसे में वह भी बहुत विरोध नहीं कर पा रहे हैं. यह बातें लखनऊ के ईको गार्डन में किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान रेली को संबोधित करते हुए कहीं. किसान रैली में शामिल होने के लिए करीब 15 हजार किसान प्रदेशभर से पहुंचे हैं.


लखनऊ के ईको गार्डन में (In Lucknow's Eco Garden) टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन (KISAN movement) देश में और तेजी से बढ़ेंगे. सरकार कागजों में लिखा पढ़ी में झूठ बोलने का काम करती है. फ्री बिजली के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तय हो गया है तो फिर मीटर लगवाने की बात कहां से आ. मीटर लगवाने का मतलब है कि किसानों से पैसा लेने की बात हो रही है. अब व्यापारियों को छोड़ दिया जा रहा है और किसानों को पराली जलाने के लिए दंडित किया जा रहा है. राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को हल चलाने वाला किसान और खेत मजदूर आगे बढ़ाएगा. यह आंदोलन किसानों की ताकत है. विपक्ष पर भी कटाक्ष करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार 2024 तक उनको अपनी पार्टी में शामिल कर लेगी या उनको खत्म कर देगी. ऐसे में लड़ाई सिर्फ किसान ही सरकार के खिलाफ लड़ सकता है. कोई पार्टी सरकार के खिलाफ खुलकर नहीं लड़ सकती है. करीब 15 हजार किसान प्रदेशभर से पहुंचे हैं और अभी किसानों के पहुंचने का सिलसिला चालू है.

किसान नेता टिकैत (farmer leader ticket) ने कहा कि वर्ष 2005 में मंडी खत्म करके बिहार को बर्बाद कर दिया गया है. यही वजह है कि आज बिहार का किसान ₹800 क्विंटल धान बेचने को मजबूर है. हिमाचल में किसानों का सेब अडानी ने खरीद लिया है.अडानी का तेल बिके इसके लिए जम्मू-कश्मीर के किसानों का सेब नहीं बेचने दिया जा रहा है. वहां का किसान मुसलमान है. इस वजह से उनको और परेशान किया जाता है वहां के पूरे किसानों को बर्बाद कर दिया है.

प्रदेश भर से ईको गार्डन पहुंचे किसान.
प्रदेश भर से ईको गार्डन पहुंचे किसान.

इन प्रमुख मांगो को लेकर हो रहा आंदोलन

50 से ज्यादा छोटे बड़े से संगठन आंदोलन में शामिल

किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली, गरीबों को 300 यूनिट फ्री बिजली मिले,
गन्ना का बकाया भुगतान जल्द किया जाए, आवारा पशुओं का बंदोबस्त किया जाए.
खाद की समुचित व्यवस्था की जाए, सूखा और अतिवृष्टि का बकाया मुआवजा.
लखनऊ के ईको गार्डन में भारतीय किसान यूनियन
उ.प्र किसान सभा समेत 50 से ज्यादा छोटे-बड़े संगठन के
लोग शामिल हुए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य आज राजभवन तक मार्च भी कर सकते हैं.
किसान शुक्रवार रात से ही ईको गार्डन में पहुंचना शुरू हो गए थे.

कर्ज माफी किसान पेंशन : MSP की कानूनी गारंटी आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी जैसी तमाम बाकी मांगों के लिए आंदोलन के दूसरे चरण का बिगुल बज चुका है. देशभर में राजभवन मार्च की तैयारियां जोरों पर हैं.

यह भी पढ़ें : रेलवे लाइन के किनारे मिला चरवाहे का शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

लखनऊ : मायावती सरकार में सबसे अच्छा किसानों के लिए काम हुआ था. यह सरकार तानाशाही की सरकार है. इस सरकार में किसानों का कोई भला नहीं हो सकता है. यह चुनी हुई सरकार नहीं है. इसलिए यह ठीक से काम नहीं कर रही है. मौजूदा सरकार ने विपक्ष को डरा रखा है. ऐसे में वह भी बहुत विरोध नहीं कर पा रहे हैं. यह बातें लखनऊ के ईको गार्डन में किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान रेली को संबोधित करते हुए कहीं. किसान रैली में शामिल होने के लिए करीब 15 हजार किसान प्रदेशभर से पहुंचे हैं.


लखनऊ के ईको गार्डन में (In Lucknow's Eco Garden) टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन (KISAN movement) देश में और तेजी से बढ़ेंगे. सरकार कागजों में लिखा पढ़ी में झूठ बोलने का काम करती है. फ्री बिजली के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तय हो गया है तो फिर मीटर लगवाने की बात कहां से आ. मीटर लगवाने का मतलब है कि किसानों से पैसा लेने की बात हो रही है. अब व्यापारियों को छोड़ दिया जा रहा है और किसानों को पराली जलाने के लिए दंडित किया जा रहा है. राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को हल चलाने वाला किसान और खेत मजदूर आगे बढ़ाएगा. यह आंदोलन किसानों की ताकत है. विपक्ष पर भी कटाक्ष करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार 2024 तक उनको अपनी पार्टी में शामिल कर लेगी या उनको खत्म कर देगी. ऐसे में लड़ाई सिर्फ किसान ही सरकार के खिलाफ लड़ सकता है. कोई पार्टी सरकार के खिलाफ खुलकर नहीं लड़ सकती है. करीब 15 हजार किसान प्रदेशभर से पहुंचे हैं और अभी किसानों के पहुंचने का सिलसिला चालू है.

किसान नेता टिकैत (farmer leader ticket) ने कहा कि वर्ष 2005 में मंडी खत्म करके बिहार को बर्बाद कर दिया गया है. यही वजह है कि आज बिहार का किसान ₹800 क्विंटल धान बेचने को मजबूर है. हिमाचल में किसानों का सेब अडानी ने खरीद लिया है.अडानी का तेल बिके इसके लिए जम्मू-कश्मीर के किसानों का सेब नहीं बेचने दिया जा रहा है. वहां का किसान मुसलमान है. इस वजह से उनको और परेशान किया जाता है वहां के पूरे किसानों को बर्बाद कर दिया है.

प्रदेश भर से ईको गार्डन पहुंचे किसान.
प्रदेश भर से ईको गार्डन पहुंचे किसान.

इन प्रमुख मांगो को लेकर हो रहा आंदोलन

50 से ज्यादा छोटे बड़े से संगठन आंदोलन में शामिल

किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली, गरीबों को 300 यूनिट फ्री बिजली मिले,
गन्ना का बकाया भुगतान जल्द किया जाए, आवारा पशुओं का बंदोबस्त किया जाए.
खाद की समुचित व्यवस्था की जाए, सूखा और अतिवृष्टि का बकाया मुआवजा.
लखनऊ के ईको गार्डन में भारतीय किसान यूनियन
उ.प्र किसान सभा समेत 50 से ज्यादा छोटे-बड़े संगठन के
लोग शामिल हुए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य आज राजभवन तक मार्च भी कर सकते हैं.
किसान शुक्रवार रात से ही ईको गार्डन में पहुंचना शुरू हो गए थे.

कर्ज माफी किसान पेंशन : MSP की कानूनी गारंटी आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी जैसी तमाम बाकी मांगों के लिए आंदोलन के दूसरे चरण का बिगुल बज चुका है. देशभर में राजभवन मार्च की तैयारियां जोरों पर हैं.

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