लखनऊ : बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के शूटर अब्दुल कवि ने 18 साल बाद सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. उस पर एक लाख का इनाम घोषित था. कुख्यात शूटर अब्दुल कवि पिछले 18 साल से फरार चल रहा है. उमेश पाल की हत्या के बाद अब्दुल की तलाश तेज हुई तो उसने एनकाउंटर के डर से बुधवार को लखनऊ स्थित सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया.
कौशांबी के सराय अकिल थाना क्षेत्र के भकंदा निवासी अब्दुल कवि 25 जनवरी 2005 को हुए पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में शामिल था. सीबीआई की जांच में जब कवि का नाम आया तो वह फरार हो गया. तब से लेकर अब तक सीबीआई, एसटीएफ व कौशांबी पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी, लेकिन बुधवार को उसने सभी एजेंसियों की आंख में धूल झोंकते हुए लखनऊ के सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया. हाल ही में प्रयागराज एडीजी जोन भानु भास्कर ने इनाम राशि बढ़ाते हुए 50 हजार से एक लाख कर दिया था.
बीते दिनों उमेश पाल हत्याकांड के बाद ही एसटीएफ और पुलिस ने अब्दुल कवि की तलाश में घर व उसके ससुराल कटैया में छापा मारा था. उसकी दो बहनों समेत परिवार के पांच लोगों को हिरासत में लिया था. यही नहीं अब्दुल कवि की घर में तलाशी ली गई तो दीवारों में भारी मात्रा में अवैध असलहे पाए गए थे, जिसे कौशांबी पुलिस ने बुलडोजर से गिरवा दिया था. अब्दुल कवि के भाई अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. उमेश पाल हत्याकांड के मामले में अब्दुल कवि की एसटीएफ को सरगर्मी से तलाश थी. पुलिस की उसके भाइयों पर हो रही कार्रवाई और एनकाउंटर के डर से उसने बुधवार को सरेंडर कर दिया है.
सीबीआई की विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा जेल : सीबीआई की विशेष जज कविता मिश्र ने इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के बहुचर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में वांछित अभियुक्त अब्दुल कवि को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. बुधवार को विशेष अदालत में अभियुक्त अब्दुल कवि ने आत्मसमर्पण कर न्यायिक अभिरक्षा में लेने का अनुरोध किया था. अब्दुल कवि इस मामले में लंबे समय से फरार चल रहा था.
पत्रावली के अनुसार, अब्दुल कवि विवेचना के दौरान सीबीआई की पकड़ से बाहर था. सीबीआई ने इस मामले में 10 आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया है. चार्जशीट में अब्दुल कवि को फरार दिखाया गया है, जिसके कारण गत वर्ष 23 मार्च को उसकी पत्रावली अन्य अभियुक्तों से अलग की गई तथा उसकी हाजिरी के लिए नियमित गिरफ्तारी वारंट 15 जुलाई 2022 को जारी किया गया. इसके बावजूद सीबीआई जब उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी, तब न्यायालय ने 17 दिसंबर 2022 को उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट के साथ-साथ भगोड़ा घोषित किए जाने का आदेश जारी किया. इसी क्रम में उसे 16 फरवरी 2023 को अदालत ने फरार घोषित कर दिया. अदालत ने अब्दुल कवि के बैंक अकाउंट को फरारी के चलते 10 मार्च 2023 को सीज किए जाने का आदेश दिया था. 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया था, जबकि पहले इस मामले की विेवेचना पुलिस व बाद में सीबीसीआईडी कर रही थी. सीबीआई ने विवेचना के बाद पूर्व सांसद अतीक अहमद व इसके भाई पूर्व विधायक अशरफ उर्फ खालिद अजीम समेत दस अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302 व सपठित धारा 120-बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. इस हत्याकांड मामले में अतीक अहमद समेत आठ अभियुक्तों पर आरोप तय हो चुका है. फिलहाल इस मामले में गवाही की प्रक्रिया चल रही है.
उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी, 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल की दिन-दहाड़े गोलियों बरसा कर हत्या कर दी गई थी. इस गोलीबारी में देवी पाल व संदीप यादव की भी मौत हुई थी, जबकि दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे. इस बहुचर्चित हत्याकांड से ठीक 16 दिन पहले विधायक राजू पाल की पूजा पाल से शादी हुई थी. पूजा पाल ने हत्या के इस मामले में अतीक व उसके भाई अशरफ को नामजद करते हुए थाना धुमनगंज में एफआईआर दर्ज कराई थी.
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