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कैसे दौड़ेगी ट्रेन, लखीमपुर खीरी में बाढ़ के पानी से रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त

यूपी के लखीमपुर खीरी में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. यहां बाढ़ के पानी से रेलवे ट्रैक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसे ग्रामीण मंगलवार रात से ही ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं.

लखीमपुर खीरी में बाढ़ के पानी से कटा रेलवे ट्रैक.
लखीमपुर खीरी में बाढ़ के पानी से कटा रेलवे ट्रैक.
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Published : Oct 20, 2021, 11:09 AM IST

Updated : Oct 20, 2021, 9:18 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले के बनबसा बैराज से 50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से खीरी-पीलीभीत जिले में बाढ़ से कोहराम मच गया है. खीरी जिले के शारदा और मोहाना और घाघरा नदी किनारे बसे 100 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. भीरा पलिया के बीच मटहिया में बाढ़ का पानी रेल पटरी से छूकर चल रहा है. इससे रेल पटरी में कटान शुरू को गया है. शारदा बिजुआ और फूलबेहड़ इलाके में भी तेजी से कटान कर रही है.


एसडीएम पलिया अमरेश कुमार ने बताया कि रेल पटरी कटने की सूचना रेलवे विभाग को दे दी गई है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि अभी तक कोई रेलकर्मी या प्रशासनिक अधिकारी मदद के लिए नहीं पहुंचा है. स्थानीय सिख समुदाय के किसान बोरिया बालू की भरकर रेल पटरी के कटान को रोकने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

लखीमपुर खीरी में बाढ़ से कोहराम.

खीरी जिले में उत्तराखंड के बनबसा बैराज से सुबह आठ बजे से ही 4.33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की शुरुआत हुई. उसके बाद पानी की रफ्तार बढ़ती चली गई. बनसा बिराज से शाम होते 5.47 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाने लगा. इससे पीलीभीती और खीरी की स्थिति खराब हो गई. इंडो नेपाल बॉर्डर के इन दोनों जिलों में शारदा के तटवर्ती इलाकों के गांव में पानी भर गया है. डूब क्षेत्र के इलाकों की फसलें बुरी तरह से तबाह हो गई हैं. बाढ़ का पानी अभी बढ़ रहा है. रात में बाढ़ का पानी मैलानी गोंडा रेल प्रखंड पर भीरा और बलिया के बीच रेलवे पटरी के ऊपर से निकलने लगा. भीरा के पास बोझवा और मटहिया गांव में पानी रेल पटरी से रिसने के कारण जगह-जगह पटरी कटने लगी है.

स्थानीय सिख समुदाय और गुरुद्वारों से कार सेवा का एलान हुआ है. उसके बाद सैकड़ों की तादाद में सिख समुदाय के लोग बोरियां इकट्ठे कर करके रेलवे पटरी को बचाने में जुटे हैं. स्थानीय किसानों का कहना है कि अगर रेल पटरी कट गई, तो भारी तबाही होगी. उनका यह भी आरोप है कि रात से ही कटान हो रहा है. सूचना दी गई है, लेकिन प्रशासन का कोई भी अफसर और रेल विभाग अभी तक कोई मदद के लिए नहीं पहुंचा. हालांकि पलिया एसडीएम अमरेश कुमार ने ईटीवी भारत को बताया की रात में ही सूचना मिली थी. रेलवे को खबर कर दी गई है. पलिया तहसील के करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हैं.

लखीमपुर खीरी में बाढ़ से कोहराम


इधर सुबह होते-होते शारदा पुल पर भी बंधा कट गया है, जिससे पानी उत्तर की तरफ पलिया की तरफ जाने लगा है. रेलवे पुल के पास यह कटान हो गया है, जिससे नदी का पानी तेजी से पलिया की तरफ बढ़ रहा है. पलिया और नेपाल को जोड़ने वाले स्टेट हाईवे पर भी बाढ़ का पानी आ चुका है. बजाज चीनी मिल पलिया में बाढ़ का पानी घुस गया है. डीएम डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने रेलवे अफसरों को मौके पर जाकर रेस्क्यू कार्य करने को कहा है.

इसे भी पढ़ें- UP में बारिश से तबाही: घंटों तक पेड़ पर बैठे रहे लोग, वीडियो वायरल होने के बाद रेस्क्यू को पहुंचा हेलीकॉप्टर

लखीमपुर खीरी: जिले के बनबसा बैराज से 50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से खीरी-पीलीभीत जिले में बाढ़ से कोहराम मच गया है. खीरी जिले के शारदा और मोहाना और घाघरा नदी किनारे बसे 100 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. भीरा पलिया के बीच मटहिया में बाढ़ का पानी रेल पटरी से छूकर चल रहा है. इससे रेल पटरी में कटान शुरू को गया है. शारदा बिजुआ और फूलबेहड़ इलाके में भी तेजी से कटान कर रही है.


एसडीएम पलिया अमरेश कुमार ने बताया कि रेल पटरी कटने की सूचना रेलवे विभाग को दे दी गई है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि अभी तक कोई रेलकर्मी या प्रशासनिक अधिकारी मदद के लिए नहीं पहुंचा है. स्थानीय सिख समुदाय के किसान बोरिया बालू की भरकर रेल पटरी के कटान को रोकने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

लखीमपुर खीरी में बाढ़ से कोहराम.

खीरी जिले में उत्तराखंड के बनबसा बैराज से सुबह आठ बजे से ही 4.33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की शुरुआत हुई. उसके बाद पानी की रफ्तार बढ़ती चली गई. बनसा बिराज से शाम होते 5.47 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाने लगा. इससे पीलीभीती और खीरी की स्थिति खराब हो गई. इंडो नेपाल बॉर्डर के इन दोनों जिलों में शारदा के तटवर्ती इलाकों के गांव में पानी भर गया है. डूब क्षेत्र के इलाकों की फसलें बुरी तरह से तबाह हो गई हैं. बाढ़ का पानी अभी बढ़ रहा है. रात में बाढ़ का पानी मैलानी गोंडा रेल प्रखंड पर भीरा और बलिया के बीच रेलवे पटरी के ऊपर से निकलने लगा. भीरा के पास बोझवा और मटहिया गांव में पानी रेल पटरी से रिसने के कारण जगह-जगह पटरी कटने लगी है.

स्थानीय सिख समुदाय और गुरुद्वारों से कार सेवा का एलान हुआ है. उसके बाद सैकड़ों की तादाद में सिख समुदाय के लोग बोरियां इकट्ठे कर करके रेलवे पटरी को बचाने में जुटे हैं. स्थानीय किसानों का कहना है कि अगर रेल पटरी कट गई, तो भारी तबाही होगी. उनका यह भी आरोप है कि रात से ही कटान हो रहा है. सूचना दी गई है, लेकिन प्रशासन का कोई भी अफसर और रेल विभाग अभी तक कोई मदद के लिए नहीं पहुंचा. हालांकि पलिया एसडीएम अमरेश कुमार ने ईटीवी भारत को बताया की रात में ही सूचना मिली थी. रेलवे को खबर कर दी गई है. पलिया तहसील के करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हैं.

लखीमपुर खीरी में बाढ़ से कोहराम


इधर सुबह होते-होते शारदा पुल पर भी बंधा कट गया है, जिससे पानी उत्तर की तरफ पलिया की तरफ जाने लगा है. रेलवे पुल के पास यह कटान हो गया है, जिससे नदी का पानी तेजी से पलिया की तरफ बढ़ रहा है. पलिया और नेपाल को जोड़ने वाले स्टेट हाईवे पर भी बाढ़ का पानी आ चुका है. बजाज चीनी मिल पलिया में बाढ़ का पानी घुस गया है. डीएम डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने रेलवे अफसरों को मौके पर जाकर रेस्क्यू कार्य करने को कहा है.

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Last Updated : Oct 20, 2021, 9:18 PM IST
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