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लखनऊ के रेलवे अस्पताल में फिर हो सकेगा रेलकर्मियों का इलाज - लखनऊ खबर

लखनऊ के रेलवे अस्पताल को अब कोरोना वार्ड से मुक्ति मिल गई है. अब यहां पर रेलकर्मी बेहतर उपचार के लिए भर्ती किए जा सकेंगे. लखनऊ के सीएमओ ने रेलवे के इस हॉस्पिटल को कोविड-19 के दायरे से बाहर कर दिया है.

लखनऊ के रेलवे अस्पताल में हो सकेगा रेलकर्मियों का इलाज
लखनऊ के रेलवे अस्पताल में हो सकेगा रेलकर्मियों का इलाज
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Published : Jan 7, 2021, 2:37 AM IST

लखनऊ: चारबाग स्थित उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अस्पताल को अब कोरोना वार्ड से मुक्ति मिल गई है. अब यहां पर रेलकर्मी बेहतर उपचार के लिए भर्ती किए जा सकेंगे. लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने रेलवे के इस हॉस्पिटल को कोविड-19 के दायरे से बाहर कर दिया है. उन्होंने रेलवे के इस अस्पताल में रेलकर्मियों को भर्ती कर उनका उपचार की अनुमति दे दी है. इसके बाद यहां पर उत्तर रेलवे जोन में आने वाले स्टेशन के रेलकर्मी अपने परिजनों के इलाज के लिए फिर से आ सकेंगे.

सीएमओ की अनुमति के बाद शुरू हुई ओपीडी
कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर पिछले साल उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के रेलवे अस्पताल को 275 बिस्तरों वाला कोविड केयर सेंटर बनाया गया था. इसके चलते अस्पताल में ओपीडी भी बंद हो गई थी. रेलकर्मियों को आरडीएसओ और बादशाहनगर स्थित मंडल अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. यहां 925 से ज्यादा कोरोना संक्रमित रोगियों का उपचार कर उनको स्वस्थ किया गया. सिर्फ आठ लोगों की ही मौत हुई. कोरोना वार्ड होने के चलते पिछले कई दिनों से रेलकर्मी उपचार के लिए भटक रहे थे. इसके बाद सीएमओ की अनुमति से यहां ओपीडी शुरू कर दी गई. उत्तर रेलवे मुख्यालय ने इस अस्पताल को बेस्ट कोविड केयर सेंटर भी चुना. पिछले कई दिनों से यहां कोरोना मरीज नहीं आ रहे थे.

उत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विश्व मोहिनी सिन्हा ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर इस अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की अनुमति मांगी थी. इसके बाद अस्पताल के एक हिस्से को कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया. शेष पूरे परिसर में अब रेलकर्मियों का उपचार शुरू किया गया.

लखनऊ: चारबाग स्थित उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अस्पताल को अब कोरोना वार्ड से मुक्ति मिल गई है. अब यहां पर रेलकर्मी बेहतर उपचार के लिए भर्ती किए जा सकेंगे. लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने रेलवे के इस हॉस्पिटल को कोविड-19 के दायरे से बाहर कर दिया है. उन्होंने रेलवे के इस अस्पताल में रेलकर्मियों को भर्ती कर उनका उपचार की अनुमति दे दी है. इसके बाद यहां पर उत्तर रेलवे जोन में आने वाले स्टेशन के रेलकर्मी अपने परिजनों के इलाज के लिए फिर से आ सकेंगे.

सीएमओ की अनुमति के बाद शुरू हुई ओपीडी
कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर पिछले साल उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के रेलवे अस्पताल को 275 बिस्तरों वाला कोविड केयर सेंटर बनाया गया था. इसके चलते अस्पताल में ओपीडी भी बंद हो गई थी. रेलकर्मियों को आरडीएसओ और बादशाहनगर स्थित मंडल अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. यहां 925 से ज्यादा कोरोना संक्रमित रोगियों का उपचार कर उनको स्वस्थ किया गया. सिर्फ आठ लोगों की ही मौत हुई. कोरोना वार्ड होने के चलते पिछले कई दिनों से रेलकर्मी उपचार के लिए भटक रहे थे. इसके बाद सीएमओ की अनुमति से यहां ओपीडी शुरू कर दी गई. उत्तर रेलवे मुख्यालय ने इस अस्पताल को बेस्ट कोविड केयर सेंटर भी चुना. पिछले कई दिनों से यहां कोरोना मरीज नहीं आ रहे थे.

उत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विश्व मोहिनी सिन्हा ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर इस अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की अनुमति मांगी थी. इसके बाद अस्पताल के एक हिस्से को कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया. शेष पूरे परिसर में अब रेलकर्मियों का उपचार शुरू किया गया.

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