लखनऊ : कोरोना काल में बंद की गई ट्रेनों से रेलवे का घाटा बढ़ा है और यात्रियों को भी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं. रेलवे डिमांड वाली स्पेशल ट्रेनों को चलाकर जहां घाटे से उबर सकता है, वहीं हजारों यात्रियों क उनके गंतव्य तक पहुंचाना आसान हो जाएगा. यह बात उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन कारखाना मंडल की डिवीजनल काउंसिल की बैठक में पदाधिकारियों ने कही. बैठक में शाखा सचिव शांति सिंह को कारखाना मंडल अध्यक्ष चुना गया. काउंसिल की बैठक में रेलवे का निजीकरण रोकने और ठेकेदारी प्रथा को बंद करने की मांग की गई.
'जर्जर हो चुकी है रेलवे क्वार्टर की हालत'
केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आरबी सिन्हा ने कहा कि रेलवे क्वार्टर की हालत लगातार जर्जर हो रही है. ऐसे में कर्मचारियों से बढ़े हुए पूल रेंट को बंद किया जाना चाहिए. महंगाई और यात्रा भत्ता पर लगी रोक को हटाया जाना चाहिए. साथ ही रात्रि ड्यूटी और राष्ट्रीय अवकाश भत्ता पर को भी फिर बहाल करना चाहिए. बैठक में यूआरएमयू के केंद्रीय उपाध्यक्ष जगदम्बा प्रसाद तिवारी, मंडल अध्यक्ष विद्यानाथ यादव, कारखाना मंडल मंत्री भूपिंदर सिंह संधू भी मौजूद थे.
बीच रास्ते में ट्रेनें निरस्त
पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने मंगलवार को दरभंगा से रवाना हुई 05933 स्पेशल को बुधवार को अंबाला में निरस्त कर दिया. वहीं अमृतसर से 11 दिसंबर को चलने वाली 05934 अमृतसर-दरभंगा स्पेशल अंबाला से चलेगी. अमृतसर से मंगलवार को रवाना होने वाली सरयू यमुना एक्सप्रेस को बदले मार्ग अमृतसर-जंडियाल-बीस की जगह अमृतसर-तरनतारण-बीस होकर चलाया गया.