लखनऊः कोरोना की दूसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. साथ ही तीसरी लहर की आशंका भी जताई जाने लगी है. ऐसे में इस बार प्रशासन पहले से ही सक्रियता बरती जा रही है. रेल मंत्रालय ने रेलवे के इंडोर अस्पताल को कोरोनावायरस से निपटने के लिए अभी से तैयारी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
रेलवे प्रशासन रेलवे हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक इमरजेंसी वार्ड बनाने की तैयारी में जुट गया है. बच्चों के लिए इस अस्पताल में 50 बेड का अलग वार्ड बनाया जा रहा है. मंडल रेल अस्पताल कोविड केयर सेंटर के इस वार्ड में आईसीयू भी शामिल है.
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उन्होंने कहा कि दूसरी लहर आने के बाद दोबारा इस अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बना दिया गया. इस बार नॉन कोविड मरीजों की भर्ती और उनका उपचार इस हॉस्पिटल में पूरी तरह बंद रहा. अब यहां रेलवे ने ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था भी कर ली है. कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या कम होने के कारण अब अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी घट रही है. ऐसे में रेलवे ने अपने यहां महिला सर्जिकल और मेडिकल वार्ड के पास ही एक पीडियाट्रिक वार्ड बनाने का आदेश दिया है. रेलवे अस्पताल के बच्चों के इस इमरजेंसी वार्ड में बच्चो के लिए 50 आईसीयू बेड होंगे. डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि आवश्यक मेडिकल उपकरण भी मंगाए जा रहे हैं.
नॉन कोविड मरीजों का भी होगा उपचार
डीआरएम ने बताया कि अब मंडल अस्पताल में कोविड-19 मरीजो के इलाज के साथ-साथ नॉन कोविड मरीजों को भी उपचार मिलेगा. रेलवे बोर्ड की अगली गाइड लाइन की प्रतीक्षा है. उन्होंने बताया कि अब 250 में से 170 बेड पर नॉन कोविड मरीजो का इलाज होगा. 50 पीडियाट्रिक बेड और 30 बेड कोविड रोगियों के लिए रखे गए हैं.