ETV Bharat / state

लोहिया संस्थान में फिर उठा रैगिंग का जिन्न, जूनियर MBBS छात्रों के कटवाए बाल

यूपी की राजधानी में स्थित लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस के सभी जूनियर छात्रों ने सीनियर्स के फरमान के बाद बाल छोटे कर लिए हैं. जूनियर छात्र के मुताबिक सीनियर्स ने हॉस्टल से एकेडमिक ब्लॉक जाने को लेकर भी खास हिदायत दे रखी है. कैम्पस में निकलते वक्त सिर ऊपर उठाकर चलने पर मनाही है. वहीं संस्थान के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह का कहना है कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है. संस्थान में रैगिंग पूरी तरह बैन है.

लोहिया संस्थान में रैगिंग का खौफ
लोहिया संस्थान में रैगिंग का खौफ
author img

By

Published : Mar 25, 2021, 12:34 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 5:39 PM IST

लखनऊ: लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है. यहां सीनियर्स के फरमान के बाद एमबीबीएस के सभी छात्रों ने हॉस्टल में ही ट्रिमर से एक-दूसरे के बाल छोटे किए हैं. लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सीनियर्स के खौफ के बीच नए छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने को मजबूर हैं. वहीं संस्थान के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह का कहना है कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है. संस्थान में रैगिंग पूरी तरह बैन है.यदि कोई छात्र शिकायत करता है, तो जांच कराई जाएगी.

लोहिया संस्थान में रैगिंग का मामला.

मोबाइल पर जीरो प्वाइंट बाल काटने का मिला फरमान
एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फरवरी के पहले हफ्ते में सीनियर्स (2019 बैच) का फोन अचानक आया. फोन पर सभी को बाल जीरो प्वाइंट करने का निर्देश दिया. ऐसे में जूनियर्स ने अगले दिन सैलून पर जाकर बाल कटवाने का हवाला दिया, मगर उन्होंने सेविंग के लिए घर से ट्रिमर लाए छात्रों को एक-दूसरे के बाल काटने का आदेश दिया. इसके बाद सभी छात्रों ने एक-दूसरे से बाल काट दिए.

हॉस्टल से निकलने पर थर्ड बटन पर नजर
एक जूनियर छात्र के मुताबिक सीनियर्स ने हॉस्टल से एकेडमिक ब्लॉक जाने को लेकर भी खास हिदायत दे रखी है. कैम्पस में निकलते वक्त सिर ऊपर उठाकर चलने पर मनाही है. छात्रों को एप्रेन की थर्ड बटन पर ही नजर रखकर ही चलना है. बता दें कि लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस की 200 सीटें हैं. वर्ष 2020 की बैच की क्लासेज कोरोना की वजह से 2021 में शुरू हुईं हैं. इसके लिए एक फरवरी को छात्र कैम्पस में बुलाए गए थे. पहले इन्हें एससी रॉय हॉस्टल में क्वारन्टीन किया गया. इसके बाद इन सबका कोरोना टेस्ट किया गया. 14 दिन तक इन छात्रों की हॉस्टल में ही ऑन लाइन क्लास चलाई गई थी. वहीं 15 तारीख से ऑफ लाइन क्लास शुरू की गई थी.

साल 2019 में भी सामने आया था मामला
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में वर्ष 2017 से एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हुईं थी. पहले दो साल एमबीबीएस की 150 सीटें थीं. वहीं 2019 में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाकर 200 कर दी गईं. पूर्व में भी यहां तीन बार रैगिंग की घटनाएं हो चुकी हैं. पहली बार सितम्बर 2019 में रैगिंग की घटना प्रकाश में आई थी. पीड़ित छात्रों ने यूजीसी के एंटी रैगिंग सेल पर इसकी शिकायत भी की थी. तब आरोपियों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया. आरोपी 2017 और 2018 बैच के सीनियर छात्र थे. कार्रवाई न होने पर सीनियर्स के हौसले बुलंद हो गए, इसके बाद उन्होंने दोबारा छात्रों को जीरो प्वांइट बाल 23 सितंबर को बाल काटने का फरमान सुनाया. तीसरी बार छात्रों ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों से अभद्रता की थी. उनके साथ गाली-गलौज भी की, मगर किसी पर कार्रवाई नहीं हुई.

सैफई मेडिकल कॉलेज में भी छोटे बाल कटवाने पर हो चुका है बवाल
यूपी के सैफई मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों के बाल कटवाने के मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था. अगस्त 2019 में उजागर हुई यह घटना मीडिया में कई दिनों तक छाई रही थी. इसके बाद एंटी रैगिंग सेल और एमसीआई ने भी संस्थान प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी. वहीं शासन ने भी मामले पर जांच के आदेश दिए थे.

यह भी पढ़ेंः लखनऊ: केजीएमयू में छात्रों के साथ रैगिंग, अब तक 13 आरोपी छात्र सस्पेंड

वर्ष 2019 में सैफई मेडिकल कॉलेज में रैगिंग को लेकर शासन तक हड़कंप मचा था. इसके बाद लोहिया संस्थान में एंटी रैगिंग कमेटी में आठ संकाय सदस्यों को शामिल किया गया. यह सदस्य रात में हॉस्टल में औचक छापामारी करते थे. ये सदस्य सीनियर व जूनियर दोनों छात्रों से रैगिंग को लेकर इनपुट जुटाते थे. एक छात्र के मुताबिक संस्थान की वेबसाइट पर शिकायत के बाद अधिकारियों ने शिकायतकर्ता को मेल करने पर फटकार लगाई थी, साथ ही अगली बार घटना होने पर मौखिक ही बताने की हिदायत दी, ताकि घटनाएं रिकॉर्ड में न आ सकें.

छात्रों के बाल कटवाने की घटना संज्ञान में नहीं आई है. संस्थान में रैगिंग पूरी तरह बैन है. यदि कोई छात्र शिकायत करता है, तो जांच कराई जाएगी. सीनियर्स पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. श्रीकेश सिंह, प्रवक्ता, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान

लखनऊ: लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है. यहां सीनियर्स के फरमान के बाद एमबीबीएस के सभी छात्रों ने हॉस्टल में ही ट्रिमर से एक-दूसरे के बाल छोटे किए हैं. लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सीनियर्स के खौफ के बीच नए छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने को मजबूर हैं. वहीं संस्थान के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह का कहना है कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है. संस्थान में रैगिंग पूरी तरह बैन है.यदि कोई छात्र शिकायत करता है, तो जांच कराई जाएगी.

लोहिया संस्थान में रैगिंग का मामला.

मोबाइल पर जीरो प्वाइंट बाल काटने का मिला फरमान
एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फरवरी के पहले हफ्ते में सीनियर्स (2019 बैच) का फोन अचानक आया. फोन पर सभी को बाल जीरो प्वाइंट करने का निर्देश दिया. ऐसे में जूनियर्स ने अगले दिन सैलून पर जाकर बाल कटवाने का हवाला दिया, मगर उन्होंने सेविंग के लिए घर से ट्रिमर लाए छात्रों को एक-दूसरे के बाल काटने का आदेश दिया. इसके बाद सभी छात्रों ने एक-दूसरे से बाल काट दिए.

हॉस्टल से निकलने पर थर्ड बटन पर नजर
एक जूनियर छात्र के मुताबिक सीनियर्स ने हॉस्टल से एकेडमिक ब्लॉक जाने को लेकर भी खास हिदायत दे रखी है. कैम्पस में निकलते वक्त सिर ऊपर उठाकर चलने पर मनाही है. छात्रों को एप्रेन की थर्ड बटन पर ही नजर रखकर ही चलना है. बता दें कि लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस की 200 सीटें हैं. वर्ष 2020 की बैच की क्लासेज कोरोना की वजह से 2021 में शुरू हुईं हैं. इसके लिए एक फरवरी को छात्र कैम्पस में बुलाए गए थे. पहले इन्हें एससी रॉय हॉस्टल में क्वारन्टीन किया गया. इसके बाद इन सबका कोरोना टेस्ट किया गया. 14 दिन तक इन छात्रों की हॉस्टल में ही ऑन लाइन क्लास चलाई गई थी. वहीं 15 तारीख से ऑफ लाइन क्लास शुरू की गई थी.

साल 2019 में भी सामने आया था मामला
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में वर्ष 2017 से एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हुईं थी. पहले दो साल एमबीबीएस की 150 सीटें थीं. वहीं 2019 में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाकर 200 कर दी गईं. पूर्व में भी यहां तीन बार रैगिंग की घटनाएं हो चुकी हैं. पहली बार सितम्बर 2019 में रैगिंग की घटना प्रकाश में आई थी. पीड़ित छात्रों ने यूजीसी के एंटी रैगिंग सेल पर इसकी शिकायत भी की थी. तब आरोपियों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया. आरोपी 2017 और 2018 बैच के सीनियर छात्र थे. कार्रवाई न होने पर सीनियर्स के हौसले बुलंद हो गए, इसके बाद उन्होंने दोबारा छात्रों को जीरो प्वांइट बाल 23 सितंबर को बाल काटने का फरमान सुनाया. तीसरी बार छात्रों ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों से अभद्रता की थी. उनके साथ गाली-गलौज भी की, मगर किसी पर कार्रवाई नहीं हुई.

सैफई मेडिकल कॉलेज में भी छोटे बाल कटवाने पर हो चुका है बवाल
यूपी के सैफई मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों के बाल कटवाने के मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था. अगस्त 2019 में उजागर हुई यह घटना मीडिया में कई दिनों तक छाई रही थी. इसके बाद एंटी रैगिंग सेल और एमसीआई ने भी संस्थान प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी. वहीं शासन ने भी मामले पर जांच के आदेश दिए थे.

यह भी पढ़ेंः लखनऊ: केजीएमयू में छात्रों के साथ रैगिंग, अब तक 13 आरोपी छात्र सस्पेंड

वर्ष 2019 में सैफई मेडिकल कॉलेज में रैगिंग को लेकर शासन तक हड़कंप मचा था. इसके बाद लोहिया संस्थान में एंटी रैगिंग कमेटी में आठ संकाय सदस्यों को शामिल किया गया. यह सदस्य रात में हॉस्टल में औचक छापामारी करते थे. ये सदस्य सीनियर व जूनियर दोनों छात्रों से रैगिंग को लेकर इनपुट जुटाते थे. एक छात्र के मुताबिक संस्थान की वेबसाइट पर शिकायत के बाद अधिकारियों ने शिकायतकर्ता को मेल करने पर फटकार लगाई थी, साथ ही अगली बार घटना होने पर मौखिक ही बताने की हिदायत दी, ताकि घटनाएं रिकॉर्ड में न आ सकें.

छात्रों के बाल कटवाने की घटना संज्ञान में नहीं आई है. संस्थान में रैगिंग पूरी तरह बैन है. यदि कोई छात्र शिकायत करता है, तो जांच कराई जाएगी. सीनियर्स पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. श्रीकेश सिंह, प्रवक्ता, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान

Last Updated : Mar 25, 2021, 5:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.