लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए वर्तमान योगी सरकार सक्रिय है. सरकार के निर्देशों के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस जहां एक ओर अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रही है. वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए ऑपरेशन कनविक्शन चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत कोर्ट में अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही व विवेचना कर सजा दिलाने का काम किया जा रहा है. 1 जुलाई 2023 को शुरू किए गए ऑपरेशन कन्वेंशन के परिणाम सामने आने लगे हैं. उत्तर प्रदेश के डीजीपी विजय कुमार ने बताया कि पिछले 40 दिनों में ऑपरेशन कनविक्शन के तहत 471 मामले में सजा दिलाई गई है. जिसमें मुख्य रूप से माफिया, महिला संबंधी अपराध, पॉक्सो, गंभीर व सनसनीखेज अपराध शामिल हैं.
ऑपरेशन कनविक्शन को प्रभावी बनाने के लिए जहां डीजीपी उत्तर प्रदेश की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं. दूसरी ओर बेहतर कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारी व अभियोजन अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में गंभीर मामलों में प्रभावी पैरवी कर मृत्यु की सजा दिलाने व 60 दिन के अंदर सजा दिलाने के प्रभावी कार्य के लिए संबंधित विवेचक व कोर्ट के पैरोकार को पुलिस महानिदेशक की ओर से प्रशंसा चिन्ह व न्यायालय में पैरवी किए जाने के कारण संबंधित अभियोजन अधिकारी को पुलिस महानिदेशक का प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा.
प्रभावी पैरवी से दिलाई गई सजा-ए-मौत : गंभीर अपराधों में कठोर सजा दिलाकर अपराधियों पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके चलते ऑपरेशन कनविक्शन के तहत कोर्ट में प्रभावी पैरवी की जा रही है. इसी प्रभावी पैरवी का नतीजा है कि तीन मामलों में अपराधी के खिलाफ कोर्ट ने सजा ए मौत तक की सजा सुनाई है. इसके पीछे कोर्ट में प्रभावी पैरवी व विवेचक द्वारा प्रभावी एविडेंस कलेक्शन है. बुलंदशहर में 4 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है. मथुरा में नाबालिग बच्ची का अपहरण व दुष्कर्म हत्या के मामले में भी कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है. औरैया में नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या के मामले में भी कोर्ट में सजा ए मौत की सजा सुनाई है.