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लखनऊः RTO में अतिरिक्त प्रभार से अधिकारी परेशान, प्रभावित हो रहा जनता का काम - यूपी परिवहन निगम

यूपी की राजधानी लखनऊ के आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में तैनात अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है. इसकी वहज से एक अधिकारी को छह अधिकारियों का काम निपटाना पड़ रहा है. जिसके चलते आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय आने वाले आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सिद्धार्थ याद.
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Published : Oct 9, 2020, 4:40 AM IST

लखनऊः राजधानी के आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में अधिकारियों की कमी के कारण आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह है कि एक अधिकारी को छह अधिकारियों का काम दे दिया गया है. एक काम के लिए उन्हें आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस के एक के बाद एक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. जो अधिकारी यहां तैनात हैं, उन्हें अन्य जगहों पर स्थानान्तरित किया जा रहा है.

डाल दिया गया अतिरिक्त भार
राजधानी में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) पद पर सिद्धार्थ यादव तैनात हैं, लेकिन इन पर सिर्फ अपने पद का ही नहीं. छह अन्य पदों की जिम्मेदारी भी लाद दी गई है. दो अन्य एआरटीओ प्रवर्तन का अतिरिक्त प्रभार इनके पास पिछले कई माह से हैं. हाल ही में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एआरटीओ प्रशासन और देवा रोड स्थित एआरटीओ ऑफिस के एआरटीओ प्रशासन का अतिरिक्त प्रभार भी इन्हें दे दिया गया है. मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. एक एआरटीओ टेक्निकल का प्रभार भी इन्हें सौंप दिया गया है. इसके साथ कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराए जाने के लिए इन्हें नोडल बनाया गया है. राजधानी में इस समय रोड सेफ्टी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इसकी भी जिम्मेदारी उनके सिर पर ही डाल दी है.

छह महीने के मातृत्व अवकाश पर गईं एआरटीओ
जुलाई 2019 में एआरटीओ राघवेन्द्र सिंह के बाद एआरटीओ संजय तिवारी को आरटीओ ऑफिस की जिम्मेदारी दी गई. कुछ ही दिनों बाद उन्हें हटा दिया गया और देवा रोड स्थित एआरटीओ प्रशासन अंकिता शुक्ला को आरटीओ ऑफिस में एआरटीओ प्रशासन का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया. ट्रांसपोर्ट नगर ऑफिस में किसी भी एआरटीओ प्रशासन की तैनाती नहीं की गई. अभी हाल ही में एआरटीओ अंकिता शुक्ला छह महीने के मातृत्व अवकाश पर चली गईं. ऐसे में ट्रांसपोर्ट नगर के साथ ही देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय का पद भी खाली हो गया. परिवहन विभाग के अफसरों ने एआरटीओ प्रवर्तन सिद्धार्थ यादव को इन दोनों स्थानों का भी कार्यभार सौंप दिया.

एआरटीओ के न होने से इन कामों पर असर

  • एआरटीओ अपने लॉगिन से आवेदकों के डीएल अप्रूव करता है.
  • वाहनों के ट्रांसफर करने के लिए एआरटीओ ही अधिकृत है.
  • निजी और व्यावसायिक वाहनों को रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी.
  • दफ्तर में कर्मचारियों से काम लेने की जिम्मेदारी.

क्या कहते हैं अधिकारी
एक ही अधिकारी पर इतना वर्क लोड होने और अधिकारियों की कमी पर परिवहन आयुक्त धीरज साहू कहते हैं कि दोनों ही स्थानों पर स्थाई अधिकारी की जल्द ही तैनाती की जाएगी. इसके लिए मंथन चल रहा है.

लखनऊः राजधानी के आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में अधिकारियों की कमी के कारण आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह है कि एक अधिकारी को छह अधिकारियों का काम दे दिया गया है. एक काम के लिए उन्हें आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस के एक के बाद एक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. जो अधिकारी यहां तैनात हैं, उन्हें अन्य जगहों पर स्थानान्तरित किया जा रहा है.

डाल दिया गया अतिरिक्त भार
राजधानी में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) पद पर सिद्धार्थ यादव तैनात हैं, लेकिन इन पर सिर्फ अपने पद का ही नहीं. छह अन्य पदों की जिम्मेदारी भी लाद दी गई है. दो अन्य एआरटीओ प्रवर्तन का अतिरिक्त प्रभार इनके पास पिछले कई माह से हैं. हाल ही में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एआरटीओ प्रशासन और देवा रोड स्थित एआरटीओ ऑफिस के एआरटीओ प्रशासन का अतिरिक्त प्रभार भी इन्हें दे दिया गया है. मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. एक एआरटीओ टेक्निकल का प्रभार भी इन्हें सौंप दिया गया है. इसके साथ कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराए जाने के लिए इन्हें नोडल बनाया गया है. राजधानी में इस समय रोड सेफ्टी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इसकी भी जिम्मेदारी उनके सिर पर ही डाल दी है.

छह महीने के मातृत्व अवकाश पर गईं एआरटीओ
जुलाई 2019 में एआरटीओ राघवेन्द्र सिंह के बाद एआरटीओ संजय तिवारी को आरटीओ ऑफिस की जिम्मेदारी दी गई. कुछ ही दिनों बाद उन्हें हटा दिया गया और देवा रोड स्थित एआरटीओ प्रशासन अंकिता शुक्ला को आरटीओ ऑफिस में एआरटीओ प्रशासन का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया. ट्रांसपोर्ट नगर ऑफिस में किसी भी एआरटीओ प्रशासन की तैनाती नहीं की गई. अभी हाल ही में एआरटीओ अंकिता शुक्ला छह महीने के मातृत्व अवकाश पर चली गईं. ऐसे में ट्रांसपोर्ट नगर के साथ ही देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय का पद भी खाली हो गया. परिवहन विभाग के अफसरों ने एआरटीओ प्रवर्तन सिद्धार्थ यादव को इन दोनों स्थानों का भी कार्यभार सौंप दिया.

एआरटीओ के न होने से इन कामों पर असर

  • एआरटीओ अपने लॉगिन से आवेदकों के डीएल अप्रूव करता है.
  • वाहनों के ट्रांसफर करने के लिए एआरटीओ ही अधिकृत है.
  • निजी और व्यावसायिक वाहनों को रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी.
  • दफ्तर में कर्मचारियों से काम लेने की जिम्मेदारी.

क्या कहते हैं अधिकारी
एक ही अधिकारी पर इतना वर्क लोड होने और अधिकारियों की कमी पर परिवहन आयुक्त धीरज साहू कहते हैं कि दोनों ही स्थानों पर स्थाई अधिकारी की जल्द ही तैनाती की जाएगी. इसके लिए मंथन चल रहा है.

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