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लोक मंगल दिवस पर मिलता है सिर्फ आश्वासन, शिकायतकर्ता परेशान

जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ नगर निगम ने 12 जनवरी से लोक मंगल दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. लोक मंगल दिवस के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाता है, लेकिन शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इसमें सिर्फ आश्वासन दिया जाता है काम नहीं किया जाता है.

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Published : Mar 16, 2021, 5:09 PM IST

लोक मंगल दिवस
लोक मंगल दिवस

लखनऊ: राजधानी की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ नगर निगम ने 12 जनवरी से लोक मंगल दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. नगर निगम के अधिकारी और महापौरदावा करते हैं कि लोक मंगल दिवस के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान किया जाता है. लेकिन शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इसमें सिर्फ आश्वासन दिया जाता है काम नहीं किया जाता है. सिर्फ फर्ज अदायगी की जाती है.

समाधान न होने से शिकायतकर्ता हैं परेशान
क्या कहते हैं शिकायतकर्तासड़क और सीवर की समस्या को लेकर विगत 5 वर्षों से नगर निगम के चक्कर काट रहे विवेक शर्मा का कहना है कि "महापौर नगर आयुक्त पार्षद से लेकर स्थानीय विधायक से शिकायत की गई पर समस्या का समाधान नहीं हुआ. कागज पर सिर्फ मुहर लग जाती हैं. बड़ी संख्या में लोगों के रहने के बावजूद भी नालियों का निर्माण नहीं कराया गया है. सड़कों और नालियों का बुरा हाल है. महापौर से भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन वह सिर्फ आश्वासन देती है. वही शिकायतकर्ता ओपी दुबे का कहना है कि नगर निगम की तरफ से जो सड़कें बनाई गई है वह भी छोड़ कर बनाई गई है, जिसके कारण लोगों को निकलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मकानों पर नंबर भी नहीं डाले गए हैं.क्या कहती हैं महापौरलखनऊ नगर निगम द्वारा आयोजित लोक मंगल दिवस में समस्याओं के समाधान न किए जाने के सवाल पर लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि "जो शिकायतें फंड से संबंधित होते हैं उनका निस्तारण नहीं हो पाता है. जिस क्षेत्र की शिकायतें आ रही हैं वह अभी किसी क्षेत्र हैं. पार्षदों को जितना पैसा इस समय दिया जा रहा है इतना पैसा अभी तक कभी नहीं मिला. सभी पार्षदों को बराबर पैसा दिया जाता है. हम लोगों के पास इतना फंड नहीं है कि पूरे शहर में निर्माण कार्य पूरा कराया जाए यदि 4 सड़कों का निर्माण होता है तो 2 सड़कें टूट भी जाती है."3 माह में आए इतनी शिकायतेंनगर निगम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 12 जनवरी से शुरू हुई है. इस लोक मंगल दिवस में अभी तक कुल 417 शिकायतें आई हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लखनऊ नगर निगम जनता की शिकायतों के प्रति कितना गंभीर है. इस लोक मंगल दिवस में 12 जनवरी को जहां 50 शिकायतें आई, वहीं 19 जनवरी को 93 शिकायतें आई, 27 जनवरी को 38 शिकायतें, 2 फरवरी को 58 शिकायतें 9 फरवरी को 14 शिकायतें 23 फरवरी को 40 शिकायतें 2 मार्च को 32 शिकायतें व 9 मार्च को 49 शिकायतें और आज 11 शिकायतें आई. 16 फरवरी को बसंत पंचमी के कारण लोक मंगल दिवस स्थगित कर दिया गया था ऐसे में 50 लाख की आबादी वाले लखनऊ में जिस तरह से 3 महीने में 417 शिकायतें आई हैं. उससे समझा जा सकता है कि लखनऊ नगर निगम द्वारा आयोजित होने वाला यह लोक मंगल दिवस औपचारिकता दिवस बनकर रह गया है.लखनऊ नगर निगम द्वारा आयोजित होने वाले इस लोक मंगल दिवस के माध्यम से लखनऊ की जनता की समस्याओं को समाधान करना था पर जिस तरह से नगर निगम द्वारा आयोजित होने वाले इस लोक मंगल दिवस में जनता की सहभागिता कम है और आए दिन इस लोक मंगल दिवस में आने वाले लोगों का कहना है कि इस लोक मंगल दिवस में सिर्फ आश्वासन ही मिलता है.

लखनऊ: राजधानी की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ नगर निगम ने 12 जनवरी से लोक मंगल दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. नगर निगम के अधिकारी और महापौरदावा करते हैं कि लोक मंगल दिवस के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान किया जाता है. लेकिन शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इसमें सिर्फ आश्वासन दिया जाता है काम नहीं किया जाता है. सिर्फ फर्ज अदायगी की जाती है.

समाधान न होने से शिकायतकर्ता हैं परेशान
क्या कहते हैं शिकायतकर्तासड़क और सीवर की समस्या को लेकर विगत 5 वर्षों से नगर निगम के चक्कर काट रहे विवेक शर्मा का कहना है कि "महापौर नगर आयुक्त पार्षद से लेकर स्थानीय विधायक से शिकायत की गई पर समस्या का समाधान नहीं हुआ. कागज पर सिर्फ मुहर लग जाती हैं. बड़ी संख्या में लोगों के रहने के बावजूद भी नालियों का निर्माण नहीं कराया गया है. सड़कों और नालियों का बुरा हाल है. महापौर से भी कई बार शिकायत की गई, लेकिन वह सिर्फ आश्वासन देती है. वही शिकायतकर्ता ओपी दुबे का कहना है कि नगर निगम की तरफ से जो सड़कें बनाई गई है वह भी छोड़ कर बनाई गई है, जिसके कारण लोगों को निकलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मकानों पर नंबर भी नहीं डाले गए हैं.क्या कहती हैं महापौरलखनऊ नगर निगम द्वारा आयोजित लोक मंगल दिवस में समस्याओं के समाधान न किए जाने के सवाल पर लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि "जो शिकायतें फंड से संबंधित होते हैं उनका निस्तारण नहीं हो पाता है. जिस क्षेत्र की शिकायतें आ रही हैं वह अभी किसी क्षेत्र हैं. पार्षदों को जितना पैसा इस समय दिया जा रहा है इतना पैसा अभी तक कभी नहीं मिला. सभी पार्षदों को बराबर पैसा दिया जाता है. हम लोगों के पास इतना फंड नहीं है कि पूरे शहर में निर्माण कार्य पूरा कराया जाए यदि 4 सड़कों का निर्माण होता है तो 2 सड़कें टूट भी जाती है."3 माह में आए इतनी शिकायतेंनगर निगम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 12 जनवरी से शुरू हुई है. इस लोक मंगल दिवस में अभी तक कुल 417 शिकायतें आई हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लखनऊ नगर निगम जनता की शिकायतों के प्रति कितना गंभीर है. इस लोक मंगल दिवस में 12 जनवरी को जहां 50 शिकायतें आई, वहीं 19 जनवरी को 93 शिकायतें आई, 27 जनवरी को 38 शिकायतें, 2 फरवरी को 58 शिकायतें 9 फरवरी को 14 शिकायतें 23 फरवरी को 40 शिकायतें 2 मार्च को 32 शिकायतें व 9 मार्च को 49 शिकायतें और आज 11 शिकायतें आई. 16 फरवरी को बसंत पंचमी के कारण लोक मंगल दिवस स्थगित कर दिया गया था ऐसे में 50 लाख की आबादी वाले लखनऊ में जिस तरह से 3 महीने में 417 शिकायतें आई हैं. उससे समझा जा सकता है कि लखनऊ नगर निगम द्वारा आयोजित होने वाला यह लोक मंगल दिवस औपचारिकता दिवस बनकर रह गया है.लखनऊ नगर निगम द्वारा आयोजित होने वाले इस लोक मंगल दिवस के माध्यम से लखनऊ की जनता की समस्याओं को समाधान करना था पर जिस तरह से नगर निगम द्वारा आयोजित होने वाले इस लोक मंगल दिवस में जनता की सहभागिता कम है और आए दिन इस लोक मंगल दिवस में आने वाले लोगों का कहना है कि इस लोक मंगल दिवस में सिर्फ आश्वासन ही मिलता है.
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