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पं. बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव 'रसरंग' में दिखे कथक के विभिन्न रंग - राष्ट्रीय कथक संस्थान

राजधानी लखनऊ में गुरुवार को राष्ट्रीय कथक संस्थान ने पं. बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव 'रसरंग' का आयोजन किया. इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया.

बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव
बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव
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Published : Feb 26, 2021, 7:22 AM IST

लखनऊः राष्ट्रीय कथक संस्थान की ओर से गुरुवार को पं. बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव 'रसरंग' का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया. इसके अलावा कथक के विभिन्न पक्ष भी देखने को मिले.

महिलाओं का सम्मान.
महिलाओं का सम्मान.

महिलाओं को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन से हुआ. इसके बागद मिशन शक्ति के अन्तर्गत राष्ट्रीय कथक संस्थान की सचिव सरिता श्रीवास्तव ने कथक, संगीत एवं अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाआओं का सम्मान किया. सम्मानित होने वाली विदुषी महिलाओं में प्रख्यात कथक नृत्यांगना एवं पूर्व कुलपति, भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय प्रो. पूर्णिमा पाण्डेय विदुषी, लेखिका एवं गायन विधा की उत्कृष्ट कलाकार आभा सक्सेना विभागाध्यक्ष नृत्य संकाय, भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय एसोसिएट प्रो. वीना सिंह, धाविका स्वर्ण पदक विजेता तृप्ती सिंह थीं.

प्रथम प्रस्तुति में कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से भगवान शिव की आराधना की. इसमें कलाकारों ने सुंदरता से तोड़, तिहाई, परन, चक्कर
दार टुकड़े, परमेलू, लड़ी भाव अभिव्यंजना को बड़ी ही कुशलता से पिरोया. प्रस्तुति की अगली कड़ी में पारम्परिक बंदिश, घूंघट की चाल एवं तत्कार का प्रस्तुतिकरण सुरूचिपूर्ण प्रस्तुतिकरण किया. इसमें भाग लेने वाले नृत्य कलाकारों में विकास पाण्डेय, हुमा साहू, विकास, प्रखर, कीर्ति, मोनिका, अत्रांशी, देवी, शिवानी, हिमानी, आकांक्षा थी. इसकी परिकल्पना, अवधारणा एवं मागदर्शन सरिता श्रीवास्तव का था.

लखनऊः राष्ट्रीय कथक संस्थान की ओर से गुरुवार को पं. बिन्दादीन महाराज स्मृति उत्सव 'रसरंग' का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया. इसके अलावा कथक के विभिन्न पक्ष भी देखने को मिले.

महिलाओं का सम्मान.
महिलाओं का सम्मान.

महिलाओं को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन से हुआ. इसके बागद मिशन शक्ति के अन्तर्गत राष्ट्रीय कथक संस्थान की सचिव सरिता श्रीवास्तव ने कथक, संगीत एवं अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाआओं का सम्मान किया. सम्मानित होने वाली विदुषी महिलाओं में प्रख्यात कथक नृत्यांगना एवं पूर्व कुलपति, भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय प्रो. पूर्णिमा पाण्डेय विदुषी, लेखिका एवं गायन विधा की उत्कृष्ट कलाकार आभा सक्सेना विभागाध्यक्ष नृत्य संकाय, भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय एसोसिएट प्रो. वीना सिंह, धाविका स्वर्ण पदक विजेता तृप्ती सिंह थीं.

प्रथम प्रस्तुति में कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से भगवान शिव की आराधना की. इसमें कलाकारों ने सुंदरता से तोड़, तिहाई, परन, चक्कर
दार टुकड़े, परमेलू, लड़ी भाव अभिव्यंजना को बड़ी ही कुशलता से पिरोया. प्रस्तुति की अगली कड़ी में पारम्परिक बंदिश, घूंघट की चाल एवं तत्कार का प्रस्तुतिकरण सुरूचिपूर्ण प्रस्तुतिकरण किया. इसमें भाग लेने वाले नृत्य कलाकारों में विकास पाण्डेय, हुमा साहू, विकास, प्रखर, कीर्ति, मोनिका, अत्रांशी, देवी, शिवानी, हिमानी, आकांक्षा थी. इसकी परिकल्पना, अवधारणा एवं मागदर्शन सरिता श्रीवास्तव का था.

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