लखनऊ : अकबरनगर बस्ती में डेमोलेशन को लेकर बातचीत और सहमति के लिए अंतिम तीन दिन का समय है. 21 से डायरेक्ट एक्शन का आगाज हो सकता है. दूसरी ओर स्थानीय लोगों में डर भी बना हुआ है. उनको वर्षों से चल रहे अपने कारोबार और निवास स्थलों को छोड़कर जाना पड़ सकता है. फिलहाल प्रशासन की ओर से इस संबंध में किसी अन्य तरह की बातचीत की कोई उम्मीद नहीं की जा रही.
20 दिसंबर को होगी सुनवाई : अकबरनगर में जिला प्रशासन, एलडीए और नगर निगम की टीम 20 दिसंबर के बाद किसी वक्त बस्ती को हटाने के लिए सीधे कार्रवाई कर सकती है. इसके लिए एलडीए अब कोई नोटिस जारी नहीं करेगा. मंडलायुक्त कोर्ट से स्टे वाली अपीलें खारिज होने से एलडीए की ओर से पूर्व में जारी किए गए नोटिस प्रभावी हो गए हैं. खासकर 27 दुकानों और 50 मकान के मालिकों, जिनकी अपील मंडलायुक्त कोर्ट में खारिज हो गई, उनके निर्माण बुलडोजर के निशाने पर आ गए हैं. वहीं, अकबरनगर के निवासियों की निगाहें अब हाईकोर्ट में 20 दिसंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी है. प्रशासन की तैयारी को देखते हुए अकबरनगर प्रथम व द्वितीय बस्ती और बाजारों में रविवार को रौनक नहीं दिखी. परिवारों एवं कारोबारियों में प्रशासन की कार्रवाई का भय दिखा. 20 दिसंबर को इस संबंध में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी, जहां जिला प्रशासन को कोर्ट से जरूरी दिशा निर्देश मिलेंगे.
एलडीए उपाध्यक्ष बोले : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि 'अकबरनगर में लोगों को प्रधानमंत्री आवास और एलडीए की दुकान अलॉट करने का प्रस्ताव दिया गया है. बहुत ही केफायती दामों पर अलॉटमेंट किया जाएगा. जो लोग भी राजी हो रहे हैं उनको तत्काल कब्जा भी दिया जाएगा, लेकिन जो राजी नहीं हो रहे हैं उनको कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि एलडीए, नगर निगम, जिला प्रशासन व पुलिस संयुक्त रूप से इलाके पर नजर बनाए हुए हैं.'