लखनऊ : केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी सेंटर (Lari Cardiology Center of KGMU) में राज्यभर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. लेकिन, यहां सीमित बेड की वजह से हृदय रोगियों को भटकना पड़ता है. ऐसे में लैब-बेड के विस्तार के लिए सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान में यहां एक नए ब्लॉक को हरी झंडी दी गई. लेकिन, बजट के अभाव में अब ये प्रोजेक्ट फंस गया है. ऐसे में दोबारा प्रस्ताव बनाकर भेजना पड़ा है.
मरीजों की बढ़ती तदाद को लेकर वर्ष 2015 को लारी कार्डियोलॉजी के विस्तार का फैसला लिया गया. ऐसे में वर्ष 2016 में आठ मंजिला न्यू ब्लॉक का शिलान्यास किया गया. इसे राजकीय निर्माण निगम को दिसम्बर 2018 तक पूरा करके हैंडओवर करना था. मगर, अभी तक निर्माण फंसा हुआ है. वहीं बेड की कमी के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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पहले आठ मंजिला भवन के निर्माण की कीमत 47 करोड़ 58 लाख 86 हजार तय की गयी थी. वहीं निर्माण में देरी पर कीमत साल दर साल बढ़ती गयी. ऐसे में अब 76 करोड़ 44 लाख रुपये का प्रस्ताव निर्माण एजेंसी ने सौंपा है, जिसे संस्थान प्रशासन ने सरकार को सौंप दिया है. बता दें, न्यू ब्लॉक में 100 बेड के वार्ड बनने हैं. साथ ही दो कैथ लैब का निर्माण होना है. इससे व्यक्ति की समय पर एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी हो सकेगी. वहीं नया आईसीयू भी प्रस्तावित है.
केजीएमयू के लिंब सेंटर के बगल में आर्थोसेन्टर का बंद काम अब शुरू हो गया है. 12 मंजिला भवन 102 करोड़ की लागत से बनेगा. इसमें 12 ओटी व चार यूनिट होंगी. यह यूनिट स्पाइन सर्जरी, स्पोर्ट इंजरी, आर्थो प्लास्टी व पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक होंगी. ह्रदय रोग विभाग के न्यू ब्लॉक का काम रुका है. इसमें कुछ फाइनेंशियल कारण हैं जिसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया गया है, जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा. इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.