ETV Bharat / state

लखनऊ: युवाओं में बढ़ रही है अर्थराइटिस की परेशानी, जीवनशैली बदलने की है जरूरत!

राजधानी लखनऊ में 12 अक्टूबर को 'विश्व आर्थराइटिस दिवस' मनाया जाएगा. वहीं अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ लोगों को जागरूक करने के लिए एक आयोजन कर रहा है, जिसमें आम लोगों समेत डीजीपी ओपी सिंह और तमाम चिकित्सक उपस्थित होंगे. आयोजन में वाकाथॉन, मैराथन, साइकिलिंग, योग और जुंबा आदि की जाएगी.

विश्व अर्थराइटिस दिवस के अवसर पर होगा आयोजन.
author img

By

Published : Oct 11, 2019, 1:41 PM IST

लखनऊ: बदलती जीवनशैली में जहां भागदौड़ बढ़ गई है. वहीं इसका असर कहीं न कहीं हमारे शरीर पर भी देखने को मिलता है. भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे शरीर की हड्डियों पर काफी अधिक असर पड़ता है. हड्डियों और जोड़ों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 'विश्व अर्थराइटिस दिवस' से एक दिन पूर्व अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ और हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया.

विश्व अर्थराइटिस दिवस के अवसर पर होगा आयोजन.
इसे भी पढ़ें-राष्ट्र सेविका समिति स्थापना दिवस: 'फेमिनिज्म' नहीं 'फेमिलिज्म' की विचारधारा
12 अक्टूबर को मनाया जाता है 'विश्व अर्थराइटिस दिवस'
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में जोड़ों और हड्डियों पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है. इस वजह से सबसे अधिक बीमार हमारी हड्डियां होती हैं. हम इसके प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिश करते रहते हैं. इसी सिलसिले में हमने 'विश्व अर्थराइटिस दिवस' के अवसर पर एक आयोजन करने का निर्णय लिया है. इस आयोजन में डीजीपी ओपी सिंह के साथ तकरीबन 7,000 लोग वाकाथॉन और मैराथन के साथ साइकिलिंग, योग और जुंबा करेंगे और हम डॉक्टर अर्थराइटिस पर जागरूकता जगाने की कोशिश करेंगे.

आमतौर पर लोग अर्थराइटिस का मतलब जोड़ों के दर्द को समझते हैं, पर ऐसा नहीं होता है. हमारी बदलती जीवनशैली में कई तरह के अर्थराइटिस देखने को मिल रहे हैं. खास बात यह है कि जो अर्थराइटिस के प्रकार बुजुर्गों में देखने को मिलते थे, जिनका कारण हड्डियों का फैलना होता था यह युवाओं में भी दिखने लगे हैं. केवल बढ़ती उम्र ही नहीं बल्कि बेढंगी जीवनशैली भी अर्थराइटिस को बढ़ावा दे रही है. इसी वजह से युवाओं को सबसे अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है. लोगों को इस बात पर जानकारी रखनी चाहिए कि वह शुरुआती लक्षणों के आते ही सही समय पर इलाज और जांच करवा लें ताकि किसी बीमारी को उसके शुरुआती स्टेज पर पकड़ा जा सके.

लखनऊ: बदलती जीवनशैली में जहां भागदौड़ बढ़ गई है. वहीं इसका असर कहीं न कहीं हमारे शरीर पर भी देखने को मिलता है. भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे शरीर की हड्डियों पर काफी अधिक असर पड़ता है. हड्डियों और जोड़ों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 'विश्व अर्थराइटिस दिवस' से एक दिन पूर्व अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ और हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया.

विश्व अर्थराइटिस दिवस के अवसर पर होगा आयोजन.
इसे भी पढ़ें-राष्ट्र सेविका समिति स्थापना दिवस: 'फेमिनिज्म' नहीं 'फेमिलिज्म' की विचारधारा
12 अक्टूबर को मनाया जाता है 'विश्व अर्थराइटिस दिवस'
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में जोड़ों और हड्डियों पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है. इस वजह से सबसे अधिक बीमार हमारी हड्डियां होती हैं. हम इसके प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिश करते रहते हैं. इसी सिलसिले में हमने 'विश्व अर्थराइटिस दिवस' के अवसर पर एक आयोजन करने का निर्णय लिया है. इस आयोजन में डीजीपी ओपी सिंह के साथ तकरीबन 7,000 लोग वाकाथॉन और मैराथन के साथ साइकिलिंग, योग और जुंबा करेंगे और हम डॉक्टर अर्थराइटिस पर जागरूकता जगाने की कोशिश करेंगे.

आमतौर पर लोग अर्थराइटिस का मतलब जोड़ों के दर्द को समझते हैं, पर ऐसा नहीं होता है. हमारी बदलती जीवनशैली में कई तरह के अर्थराइटिस देखने को मिल रहे हैं. खास बात यह है कि जो अर्थराइटिस के प्रकार बुजुर्गों में देखने को मिलते थे, जिनका कारण हड्डियों का फैलना होता था यह युवाओं में भी दिखने लगे हैं. केवल बढ़ती उम्र ही नहीं बल्कि बेढंगी जीवनशैली भी अर्थराइटिस को बढ़ावा दे रही है. इसी वजह से युवाओं को सबसे अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है. लोगों को इस बात पर जानकारी रखनी चाहिए कि वह शुरुआती लक्षणों के आते ही सही समय पर इलाज और जांच करवा लें ताकि किसी बीमारी को उसके शुरुआती स्टेज पर पकड़ा जा सके.
Intro:लखनऊ। बदलती जीवन शैली में जहां भागदौड़ बढ़ गई है वहीं इसका कहीं न कहीं असर हमारे शरीर पर भी देखने को मिलता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे शरीर की हड्डियों पर काफी अधिक असर पड़ता है। हड्डियों और जोड़ों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व अर्थराइटिस दिवस पर अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ और हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया।


Body:वीओ1

अर्थराइटिस के बारे में जानकारी देते हुए अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ के संस्थापक डॉक्टर संदीप कपूर ने बताया कि हमारी आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में जोड़ों और हड्डियों पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है और इस वजह से सबसे अधिक बीमार हमारी हड्डियां होती हैं। हम इसके प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिश करते रहते हैं इसी सिलसिले में हमने विश्व अर्थराइटिस दिवस के अवसर पर एक आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह के साथ तकरीबन 7000 लोग वाकाथॉन और मैराथन के साथ साइकिलिंग, योग और जुंबा करेंगे और हम डॉक्टर अर्थराइटिस पर जागरूकता जगाने की कोशिश करेंगे।

इस अवसर पर हेल्थ सिटी हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप गर्ग ने बताया कि आमतौर पर लोग अर्थराइटिस का मतलब जोड़ों के दर्द को समझते हैं पर ऐसा नहीं होता है। हमारी बदलती जीवन शैली में कई तरह के अर्थराइटिस देखने को मिल रहे हैं खास बात यह है कि जो अर्थराइटिस के प्रकार बुजुर्गों में देखने को मिलते थे जिन का कारण हड्डियों का फैसला होता था युवाओं में भी दिखने लगे हैं। ने बताया कि न केवल बढ़ती उम्र बल्कि बेढंगी जीवनशैली भी अर्थराइटिस को बढ़ावा दे रही है।इसी वजह से युवाओं को सबसे अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। लोगों को इस बात पर जानकारी रखनी चाहिए कि वह शुरुआती लक्षणों के आते ही सही समय पर इलाज और जांच करवा लें ताकि किसी बीमारी को उसके शुरुआती स्टेज पर पकड़ा जा सके।


Conclusion:12 अक्टूबर को विश्व आर्थराइटिस दिवस के अवसर पर अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ लोगों को जागरूक करने के लिए एक आयोजन कर रहा है जिसमें आम लोगों समेत उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और तमाम चिकित्सक उपस्थित होंगे इस आयोजन में वाकाथॉन, मैराथन, साइकिलिंग, योग और जुंबा आदि की जाएगी।

बाइट- डॉ संदीप कपूर, संस्थापक, अर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ

बाइट- डॉ संदीप गर्ग, हड्डी रोग विशेषज्ञ

रामांशी मिश्रा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.