लखनऊ: राजधानी के अल्पसंख्यक संस्थान ला मार्टिनियर की नर्सरी कक्षा में दाखिले का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है. स्कूल की नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी कक्षा में दाखिले के लिए आवेदन फॉर्म 7 जनवरी से मिलेंगे. 21 जनवरी तक आवेदन किए जा सकते हैं. नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र 3 साल या उससे अधिक, एलपीजी में 4 साल और उससे अधिक और यूकेजी में 5 साल या उससे अधिक उम्र होनी चाहिए.
आवेदन फार्म का शुल्क 900 रुपये है. आवेदन फॉर्म 22 से 28 जनवरी के बीच कार्यालय में जमा किए जा सकते हैं. यूकेजी में दाखिले के लिए बच्चे को परीक्षा देनी होगी. नर्सरी और एलकेजी में इंटरेक्शन के आधार पर दाखिले लिए जाएंगे.
ऐसे करें तैयारी
नर्सरी दाखिले के दौरान अभिभावक और छात्र के साथ होने वाले इंटरेक्शन को लेकर पेरेंट्स काफी तनाव में रहते हैं. हालत यह है कि, 3 साल के बच्चों को तैयारी कराने के लिए कोचिंग तक लगाई जाती है. स्कूल के प्रिंसिपल राकेश चत्री ने बताया कि इंटरेक्शन को लेकर अभिभावकों को अनावश्यक दबाव नहीं बनाना चाहिए. आमतौर पर बच्चों से रंगों के नाम, फलों के नाम जैसी सामान्य से चीजें पूछी जाती है. यह इंटरेक्शन बच्चों से ज्यादा अभिभावकों के साथ होता है. बच्चे को प्रवेश देने से पहले वह देखते हैं कि अभिभावक उन्हें कितना समय दे पाते हैं. अभिभावक से बातचीत के दौरान ही अंदाजा लग जाता है कि वह बच्चे की पढ़ाई को लेकर कितने संजीदा है. घर का माहौल कैसा है? उनका सुझाव है कि इंटरेक्शन के दिन बच्चे पर बिल्कुल भी दबाव न बनाएं. कई बार देखने को मिला है कि अभिभावक के अनावश्यक दबाव के कारण कई बार बच्चे सब कुछ आने के बावजूद वह कुछ नहीं बता पाते हैं.
यह है ला मार्टिनियर में दाखिले का कार्यक्रम
ला मार्टिनियर बॉयज कॉलेज की नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए आवेदन फॉर्म चार जनवरी से 17 जनवरी तकक प्राप्त किए जा सकते हैं. आवेदन फॉर्म कॉलेज की वेबसाइट www.lamartinierelucknow.org से मिलेंगे. पंजीकरण शुल्क 5000 रुपये निर्धारित है. बता दें, इस मिशनरी स्कूल में दाखिले के लिए लाइन लगती है.
ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेजः 152 साल पुराना है इतिहास
ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज की गिनती यूपी ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के बेहतरीन स्कूलों में की जाती है. इसकी स्थापना 1869 में मोती महल परिसर में 100 से कम छात्रों और कर्मचारियों के साथ की गई थी. आज, इसमें 2700 छात्र (110 बोर्डर) और 247 कर्मचारी हैं. भारत के शीर्ष 10 सभी लड़कियों के बोर्डिंग स्कूलों में दर्जा दिया गया है. फ्रांस के एक अधिकारी मेजर जनरल क्लाड मार्टिन ने इसकी स्थापना की थी. वह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल सेना में मेजर जनरल के पद तक पहुंचे.
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