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कमेटी का एलान, हजरत अली की शहादत पर नहीं निकालेंगे जुलूस - ramzan 2021

राजधानी में माहे रमजान की 19वीं और 21वीं तारीख को निकलने वाला जुलूस इस बार नहीं निकलेगा. अकीदतमंदों से अपील की गई है कि घरों में रहकर ही रोजा रखें और इमाम हजरत अली का गम मनाएं.

नहीं निकलेगा हज़रत अली की याद में जुलूस
नहीं निकलेगा हज़रत अली की याद में जुलूस
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Published : May 1, 2021, 4:31 PM IST

लखनऊ : राजधानी में हर वर्ष हजरत अली की शहादत के गम में 19 रमजान और 21 रमजान का जुलूस निकाला जाता है. पिछले वर्ष लॉकडाउन होने के चलते 150 साल पुरानी परंपरा टूटी और जुलूस नहीं निकाला गया. इस साल कोरोना की दूसरी लहर का कहर देखकर वारिसाने ताबूत हजरत अली कमेटी ने जुलूस नहीं निकालने का एलान कर दिया है. कमेटी के सचिव ने कहा कि कोरोना पिछले साल से ज्यादा इस साल कहर बरपा रहा है. लिहाजा न ही जुलूस निकलेगा और न ही ताबूत को सजाया जाएगा.


हजरत अली की शहादत पर नहीं निकलेंगे जुलूस

वारिसाने ताबूत हजरत अली कमेटी के सचिव मुख्तार हुसैन और मुतवल्ली अबरार हुसैन ने बताया कि रसूले अकरम के चचेरे भाई और शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली की शहादत के गम में जुलूस 19 रमजान को काजमैन स्थित मस्जिद-ए-कूफा से निकालकर विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित मीसम साहब के इमामबाड़े तक जाता था. वहीं, 21 रमजान को नजफ से शुरू होकर कर्बला तालकटोरा पर ताबूत बरामद होता था. इसमें शिया समुदाय के कई हजार अकीदतमंद शरीक होते थे.

इसे भी पढ़ें-शिया धर्मगुरु ने की मांग, हजरत अली के जन्मदिन पर घोषित हो सार्वजनिक अवकाश

घरों पर ही मनाएं मौला-ए-कायनात का गम

कमेटी के जिम्मेदारों ने कहा कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए ये सभी कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. अपील की गई है कि सभी लोग अपने घरों में काले परचम लगाकर घरों में ही हजरत अली की शहादत का गम मनाएं. साथ ही कोरोना महामारी के खात्मे की दुआ करें. कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि सभी लोग ये भी दुआ करें ऐसी कोई परिस्थिति उत्पन्न ना हो ताकि आइंदा कभी भी ताबूत स्थगित ना करना पड़े.

लखनऊ : राजधानी में हर वर्ष हजरत अली की शहादत के गम में 19 रमजान और 21 रमजान का जुलूस निकाला जाता है. पिछले वर्ष लॉकडाउन होने के चलते 150 साल पुरानी परंपरा टूटी और जुलूस नहीं निकाला गया. इस साल कोरोना की दूसरी लहर का कहर देखकर वारिसाने ताबूत हजरत अली कमेटी ने जुलूस नहीं निकालने का एलान कर दिया है. कमेटी के सचिव ने कहा कि कोरोना पिछले साल से ज्यादा इस साल कहर बरपा रहा है. लिहाजा न ही जुलूस निकलेगा और न ही ताबूत को सजाया जाएगा.


हजरत अली की शहादत पर नहीं निकलेंगे जुलूस

वारिसाने ताबूत हजरत अली कमेटी के सचिव मुख्तार हुसैन और मुतवल्ली अबरार हुसैन ने बताया कि रसूले अकरम के चचेरे भाई और शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली की शहादत के गम में जुलूस 19 रमजान को काजमैन स्थित मस्जिद-ए-कूफा से निकालकर विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित मीसम साहब के इमामबाड़े तक जाता था. वहीं, 21 रमजान को नजफ से शुरू होकर कर्बला तालकटोरा पर ताबूत बरामद होता था. इसमें शिया समुदाय के कई हजार अकीदतमंद शरीक होते थे.

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घरों पर ही मनाएं मौला-ए-कायनात का गम

कमेटी के जिम्मेदारों ने कहा कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए ये सभी कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. अपील की गई है कि सभी लोग अपने घरों में काले परचम लगाकर घरों में ही हजरत अली की शहादत का गम मनाएं. साथ ही कोरोना महामारी के खात्मे की दुआ करें. कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि सभी लोग ये भी दुआ करें ऐसी कोई परिस्थिति उत्पन्न ना हो ताकि आइंदा कभी भी ताबूत स्थगित ना करना पड़े.

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