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बदायूं गैंगरेप पर बोली प्रियंका गांधी, योगी सरकार की नीयत में है खोट

बदायूं में गैंगरेप कांड को लेकर सियासत गर्मा गई है. घटना को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार और पुलिस पर निशाना साधा है. वहीं यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि ""बदायूं की घटना योगी सरकार द्वारा बार-बार जघन्य घटनाओं में पीड़ित को बचाने के बजाए आरोपियों को बचाने का दुष्परिणाम है."

प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी
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Published : Jan 6, 2021, 9:13 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बदायूं में गैंगरेप और क्रूरतापूर्वक की गई हत्या पर गहरा रोष प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि "आंगनबाड़ी सहायिका के साथ हुई गैंगरेप और पीड़िता के साथ की गई क्रूरता और नृशंस हत्या की घटना ने मानवता को शर्मसार किया है. यह घटना जहां योगी सरकार में प्रदेश की ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था को उजागर करती है, वहीं यह घटना सभ्य समाज के माथे पर बदनुमा दाग है.

  • हाथरस में

    सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया

    बदायूं में

    थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया।

    महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नियत में खोट है।https://t.co/3RKcDN0auV

    — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
'सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया'

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि "हाथरस में-सरकारी अमले ने शुरूआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया, बदायूं में थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया. महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नियत में खोट है." वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि "जिस प्रकार बदायूं में 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिक के साथ गैंगरेप किया गया और क्रूरतम हत्या की गई, यह सवाल खड़ा होता है कि बदायूं की पुलिस नारी शक्ति, मिशन शक्ति आदि योजनाओं को लेकर कितनी संजीदा है."

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि "उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले इसलिए बुलंद रहते हैं कि इस प्रकार की जब जघन्य और अपमानजनक घटनाएं घटती हैं तब सरकार दोषियों को दंडित करने के बजाए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और मीडिया को कुचलने में जुट जाती है. ऐसे में अपराधियों का मनोबल बढ़ता है और घटनाओं की पुनरावृत्ति को प्रोत्साहन मिलता है.

'कांग्रेस की आवाज दबाती है सरकार'

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि "हाथरस की घटना में सरकार और उसके जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी लगातार घटना में पीड़िता के साथ हुए बलात्कार और क्रूरता को नकारते रहे. आरोपियों का बचाव करते रहे, लेकिन भला हो उच्च न्यायालय का, जिसने घटना का स्वतः संज्ञान लेकर अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराई. परिणामस्वरूप कांग्रेस और मीडिया के तथ्य ही सत्य के रूप में सामने आए. इसी प्रकार की घटना जब उन्नाव और शाहजहांपुर में हुई तो सरकार का रवैया अंतिम समय तक आरोपियों को बचाने का ही रहा है."

पुलिस की अक्षमता है बदायूं की घटना

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि "बदायूं में घटी यह घटना योगी सरकार द्वारा बार-बार जघन्य घटनाओं में पीड़ित को बचाने के बजाए आरोपियों को बचाने का दुष्परिणाम है. योगी सरकार बार-बार महिला सुरक्षा के नाम पर नए-नए नारे गढ़ती है. बदायूं की घटना में पुलिस की अक्षमता का जो चेहरा सामने आया है, उसने यह साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री के कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के दावे पूरी तरह खोखले और हवाहवाई हैं."


50 लाख रुपए मुआवजा, परिजन को नौकरी दे सरकार

अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मांग की है कि बदायूं की घटना क्रूरतम से क्रूरतम की श्रेणी में आती है. ऐसे में अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक में मुकदमा चलाकर कड़ी सजा दिलाई जाए. पीड़ित परिजनों को पचास लाख रुपए आर्थिक सहयोग और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बदायूं में गैंगरेप और क्रूरतापूर्वक की गई हत्या पर गहरा रोष प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि "आंगनबाड़ी सहायिका के साथ हुई गैंगरेप और पीड़िता के साथ की गई क्रूरता और नृशंस हत्या की घटना ने मानवता को शर्मसार किया है. यह घटना जहां योगी सरकार में प्रदेश की ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था को उजागर करती है, वहीं यह घटना सभ्य समाज के माथे पर बदनुमा दाग है.

  • हाथरस में

    सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया

    बदायूं में

    थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया।

    महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नियत में खोट है।https://t.co/3RKcDN0auV

    — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 6, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
'सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया'

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि "हाथरस में-सरकारी अमले ने शुरूआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया, बदायूं में थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया. महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नियत में खोट है." वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि "जिस प्रकार बदायूं में 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिक के साथ गैंगरेप किया गया और क्रूरतम हत्या की गई, यह सवाल खड़ा होता है कि बदायूं की पुलिस नारी शक्ति, मिशन शक्ति आदि योजनाओं को लेकर कितनी संजीदा है."

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि "उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले इसलिए बुलंद रहते हैं कि इस प्रकार की जब जघन्य और अपमानजनक घटनाएं घटती हैं तब सरकार दोषियों को दंडित करने के बजाए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और मीडिया को कुचलने में जुट जाती है. ऐसे में अपराधियों का मनोबल बढ़ता है और घटनाओं की पुनरावृत्ति को प्रोत्साहन मिलता है.

'कांग्रेस की आवाज दबाती है सरकार'

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि "हाथरस की घटना में सरकार और उसके जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी लगातार घटना में पीड़िता के साथ हुए बलात्कार और क्रूरता को नकारते रहे. आरोपियों का बचाव करते रहे, लेकिन भला हो उच्च न्यायालय का, जिसने घटना का स्वतः संज्ञान लेकर अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराई. परिणामस्वरूप कांग्रेस और मीडिया के तथ्य ही सत्य के रूप में सामने आए. इसी प्रकार की घटना जब उन्नाव और शाहजहांपुर में हुई तो सरकार का रवैया अंतिम समय तक आरोपियों को बचाने का ही रहा है."

पुलिस की अक्षमता है बदायूं की घटना

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि "बदायूं में घटी यह घटना योगी सरकार द्वारा बार-बार जघन्य घटनाओं में पीड़ित को बचाने के बजाए आरोपियों को बचाने का दुष्परिणाम है. योगी सरकार बार-बार महिला सुरक्षा के नाम पर नए-नए नारे गढ़ती है. बदायूं की घटना में पुलिस की अक्षमता का जो चेहरा सामने आया है, उसने यह साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री के कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के दावे पूरी तरह खोखले और हवाहवाई हैं."


50 लाख रुपए मुआवजा, परिजन को नौकरी दे सरकार

अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मांग की है कि बदायूं की घटना क्रूरतम से क्रूरतम की श्रेणी में आती है. ऐसे में अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक में मुकदमा चलाकर कड़ी सजा दिलाई जाए. पीड़ित परिजनों को पचास लाख रुपए आर्थिक सहयोग और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

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