लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद (Secondary Education Council) के वर्ष 2022 23 हाई स्कूल इंटर बोर्ड परीक्षा (high school inter board exam) के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. केंद्र बनाने के लिए परिषद में जिला स्तर पर सभी स्कूलों से जियो लोकेशन सहित केंद्र बनाने के मानकों की डिटेल वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा है. केंद्र बनाने से पहले राजधानी के करीब 70 से अधिक स्कूलों ने डीआईओएस को पत्र लिखकर केंद्र बनाने की मांग की है.
डीआईओएस को भेजे गए पत्र में स्कूलों ने केंद्र बनाने के मानक पूर्ण करने की बात कही है. यह पहला मौका होगा जब स्कूलों ने परीक्षा केंद्र (exam center) की सूची जारी होने से पहले ही खुद को बनाने की प्रक्रिया से खुद को बाहर करने की मांग की है. राजधानी में करीब 111 राजकीय व एडेड स्कूल हैं जबकि सारे 700 से अधिक वित्तविहीन स्कूल शिक्षा परिषद के अधीन संचालित हो रहे हैं. इन स्कूलों में यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के करीब एक लाख से अधिक बच्चे अगले साल बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे.
स्कूलों ने डाटा अपलोड करने में जताई असमर्थता : बीते 19 अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षा परिषद में यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू किया था. जिसके बाद से हर जिले में परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया का आधा चरण लगभग पूरा होने को है. परिषद ने सभी स्कूलों को पहले चरण में अपने जिओ लोकेशन के साथ ही सीसीटीवी कैमरे, वॉइस रिकॉर्डर, इंटरनेट फैसिलिटी सहित कई सुविधाओं की जानकारी मांगी थी. राजधानी के स्कूलों ने संसाधन जुटा पाने की असमर्थता बता केंद्र बनाने की प्रक्रिया से खुद को बाहर करने को कहा. स्कूलों को जियो लोकेशन की सूचना अपलोड करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया था. जिसके जवाब में इन स्कूलों ने सूचित किया है कि संसाधन ना होने के कारण यह बोर्ड परीक्षा कराने में असमर्थ है ऐसे में उन्हें प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाए.
ऐसे स्कूल भी शामिल जो पहले बन चुके हैं केंद्र : डीआईओएस राकेश पांडे (DIOS Rakesh Pandey) ने बताया कि स्कूलों के प्रत्यावेदन मिलने के बाद एक कमेटी बनाकर इन सभी स्कूलों के मानकों की जांच की जाएगी. बोर्ड ने केंद्र बनाने की प्रक्रिया में कोई भी नया मानक इस वर्ष नहीं जुड़ा है. ऐसे में जो स्कूल बीते 5 सालों में केंद्र बनते रहे हैं, उन्होंने अगर इस साल केंद्र बनाने की प्रक्रिया से खुद को अलग रखने की मांग की है तो एक कमेटी बनाकर और स्कूलों की जांच कराया जाएगा. परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया से पहले कोई स्कूल बाहर नहीं हो सकता. स्कूल परिषद की ओर से मांगी गई सभी जानकारियां उपलब्ध कराएंगे. उसके बाद केंद्र की सूची जारी होगी, उसके बाद ही कोई स्कूल अपना नाम उससे कटवा सकता है. जिससे शिफ्टिंग सूची बनाने में कोई दिक्कत ना हो.
सेटिंग का भी हो सकता है खेल : माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉक्टर आरपी मिश्र (Regional Minister and Spokesperson of Secondary Teachers Association, Dr. RP Mishra) ने बताया कि हर बार परीक्षा केंद्र बनने के बाद ही स्कूल खुद को केंद्र बनाने की प्रक्रिया से हटाने की मांग करते थे. इसके लिए बकायदा केंद्र की सूची बनने के बाद व भी डीआईओएस के माध्यम से बोर्ड को प्रत्यावेदन भेजकर अपने स्कूल का नाम केंद्र की सूची से कटवाते थे. अभी केंद्र बनाने की प्रक्रिया चल रही है ऐसे में प्राइवेट स्कूलों ने खुद को पहले से ही प्रक्रिया से बाहर रखने की मांग की है तो यह स्कूलों के बीच साठगांठ दर्शाता है.
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