लखनऊ : लविवि के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Rai) ने अपने दूसरे कार्यकाल का कार्यभार संभालने के बाद भविष्य में विश्वविद्यालय की नई कार्य योजना पर विस्तार से जानकारी दी. प्रोफेसर राय ने बताया कि विश्वविद्यालय निकट भविष्य में जी 20 देशों में अपनी शाखा स्थापित कर वहां के छात्रों को विश्वविद्यालय से पढ़ने का मौका देगा. इसके अलावा विश्वविद्यालय राइट संस्था के साथ मिलकर अयोध्या के विकास की भूमिका में भी अपनी भागीदारी निभाएगा. कुलपति आलोक कुमार राय ने अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में निकट भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को कंसल्टेंसी, रिसर्च आदि को बढ़ाना उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी.
कुलपति प्रोफेसर आलोक राय ने बताया कि इस साल भारत को जी-20 देशों की अध्यक्षता मिली है. जी-20 के चार कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में होने हैं. उन्होंने बताया कि जी-20 देशों को उत्तर प्रदेश के अलावा अपने विश्वविद्यालय से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में हम भारत सरकार से जी-20 देशों में विश्वविद्यालय की शाखा इन देशों में खोलने की दिशा में बातचीत कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा देशों में हम अपनी शाखा की स्थापना करें. इन शाखाओं में हम ऑनलाइन व डिस्टेंस लर्निंग मोड में कोर्सेज का संचालन करेंगे. प्रोफेसर राय ने बताया कि पहले चरण में हम बाकी डिस्टेंस लर्निंग करा रहे विश्वविद्यालयों की तरह काम नहीं करेंगे. हम पहले चरण में बीकॉम बीबीए कोर्स ऑफर करेंगे. हम उन देशों की जरूरत को समझते हुए फिर आगे के चीजों पर निर्णय लेंगे. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन व डिस्टेंस लर्निंग कोर्स की शुरुआत हमें जो भी मदद चाहिए होगी इसके लिए भारत सरकार से पहले चरण की बातचीत हो चुकी है. साथ ही उन देशों को भी आईडेंटिफाई किया जा रहा है, जहां पर हमें शाखा खोलने का रिस्पांस अच्छा मिल सकता है.
प्रोफेसर राय ने बताया कि पहले कार्यकाल में विश्वविद्यालय की बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के साथ ही नैक ग्रेडिंग में सर्वोच्च ग्रेड दिलाने में सफल रहा हूं. साथ ही कई तरह की दिक्कतें जो आसानी से दूर की जा सकती थीं उन्हें हल कर यूनिवर्सिटी की छवि को सुधारने का प्रयास किया है. प्रोफेसर ने बताया कि अब हमारी कोशिश विश्वविद्यालय के कंसलटेंसी को बढ़ाना है, जिससे न केवल विश्वविद्यालय का लाभ दूसरी संस्थाओं को मिलेगा, बल्कि इससे विश्वविद्यालय के आर्थिक लाभ में भी बढ़ोतरी होगी. उन्होंने बताया कि हमारे दो एमओयू लगभग अंतिम चरण में हैं, जिसमें एक एमओयू 84 करोड़ का है. इसके अलावा भारत सरकार की एक बड़ी संस्था के साथ हम करीब 13 करोड़ का एमओयू कर रहे हैं, जिससे विश्वविद्यालयों को अपने रिसर्च को दूसरी चीजों को मजबूत करने में काफी सहायक होगा.
कुलपति ने बताया कि आगामी तीन वर्षों में हमारी कोशिश है कि ऑनलाइन स्टूडेंट फीडबैक सिस्टम बनाना है, जिससे हम छात्रों से सीधे जुड़ सकें. इसके माध्यम से छात्र विश्वविद्यालय स्तर पर क्या सुधार होना चाहिए, उन्हें एकेडमिक, रिसर्च व उनसे जुड़ी दूसरी चीजों में अगर कोई सुझाव या जानकारी देनी है तो भेज सकते हैं. इसके अलावा सभी डिग्री कॉलेजों को विश्वविद्यालय से डायरेक्ट जोड़ने के लिए बड़े लेवल पर कल्चर व स्पोर्ट्स इवेंट का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजनों में हर कॉलेज को किसी ना किसी चीज की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. जिससे हमारे छात्र आपस में कनेक्ट हो सकें.