लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष मंगलवार को उनके सरकारी आवास पर नगर विकास विभाग की विभिन्न विकास योजनाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 'प्रदेश सरकार नगरों को सतत एवं सुनियोजित विकास के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य में जैसे-जैसे विकास बढ़ रहा है, उसी प्रकार शहरीकरण भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि 'प्रदेश सरकार ने लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप नगरीय क्षेत्रों के परिसीमन में वृद्धि कर नये नगरीय निकायों का सृजन किया है. इन नये नगरीय क्षेत्रों में जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था को बेहतर किया जाए, ताकि आमजन को कोई परेशानी न हो. नगर विकास विभाग सभी 17 नगर निगमों में जलभराव की स्थिति की समीक्षा कर कार्याें को बेहतर ढंग से सम्पादित करे. शहरी क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्याें को आगे बढ़ाया जाए.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'प्रदेश सरकार आकांक्षी नगर योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में आपस में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से विकास कार्याें को आगे बढ़ाने जा रही है. इसके लिए 16 इंडीकेटर्स चिन्हित किए गए हैं. इस योजना के अन्तर्गत इस प्रकार व्यवस्था बनायी जाए, जिससे सभी नगर निकाय लाभान्वित हो सकें. आकांक्षी नगर योजना में सम्मिलित नगरों में पर्याप्त मैनपावर उपलब्ध करायी जाए. इन नगरों में विकास कार्याें को बेहतर ढंग से सम्पादित करने के लिए सीएम फेलो को तैनात किया जाए. सीएम फेलो का बेहतर प्रशिक्षण कराया जाए तथा समय से डाटा उपलब्ध कराया जाए.'
'एयरपोर्ट की संख्या में वृद्धि करें' : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में नागरिक उड्डयन विभाग के कार्यों की समीक्षा की और व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 'उत्तर प्रदेश देश के उड्डयन क्षेत्र में नई पहचान बनकर उभरा है. प्रदेश में अभी तीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र का विस्तार हो, इसके लिए प्रदेश में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की संख्या में वृद्धि करें एवं नागरिक सुविधाओं में विस्तार सुनिश्चित करें.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'दिव्य और भव्य कुम्भ से पूर्व प्रयागराज एयरपोर्ट की क्षमता व नागरिक सुविधाओं में विस्तार किया जाए. साथ ही, प्रयागराज एयरपोर्ट की क्षमता को 300 यात्रियों से बढ़ाकर 500 यात्री की जाए. इसके अलावा, प्रदेश में हेलीकॉप्टर की सुविधा को बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी बेहतर हो, इसके लिए वहां पर आरआरटीएस या लाइट मेट्रो की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ रही हवाई यात्रियों की संख्या को देखते हुए उनकी सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि गोरखपुर एयरपोर्ट का त्रिपक्षीय सर्वे जुलाई में पूर्ण हो चुका है. इसका निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ करें. प्रदेश में तीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, 17 हवाई पट्टियां हैं. 08 हवाई पट्टियां भारतीय वायु सेना के अंतर्गत हैं. जनपद श्रावस्ती, आजमगढ़, चित्रकूट, अलीगढ़ में राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे सिविल कार्य पूर्ण हो चुके हैं, यह प्रगति सराहनीय है.