लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) लाइन हानियों को घटाने के लिए उत्तर प्रदेश में पटियाला मॉडल लागू करने की तैयारी कर रहा है. बिजली विभाग के इंजीनियरों ने इस मॉडल को लागू करने की मांग की थी. बताया जा रहा है कि इसी मॉडल से लाइन हानियों को कम किया जा सकता है. पटियाला में किसी भी परिसर के अंदर मीटर नहीं है, जिससे बिजली चोरी की कोई संभावना नहीं होती. इसी व्यवस्था को उत्तर प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. उत्तर प्रदेश में परिसर के बाहर नए मीटर तो लग रहे हैं, लेकिन पुराने मीटर घरों के अंदर लगे हैं और इनसे बिजली चोरी होती है.
उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन वर्तमान में एक लाख करोड़ से ज्यादा के घाटे में चल रहा है. इस घाटे की दो अहम वजह हैं. पहला लाख प्रयास के बाद भी लाइन लाॅस कम ना होना और दूसरा राजस्व वसूली में लापरवाही. राजस्व वसूली के लिए तो लगातार पावर काॅरपोरेशन की तरफ से अभियंताओं को अभियान चलाने के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन लाइन लॉस को लेकर अधिकारी भी संजीदगी नहीं दिखाते. यही वजह है कि लाइन लॉस कम नहीं हो पा रहा है और बिजली विभाग का घाटा बढ़ता ही जा रहा है. हाल ही में बिजली विभाग के अभियंताओं की तरफ से ऊर्जा मंत्री को एक सुझाव दिया गया है, जिसमें लाइन लॉस कम करने के लिए पटियाला मॉडल लागू करने की बात कही गई है. विभागीय अभियंताओं का मानना है कि पटियाला मॉडल लागू होने से लाइन लॉस 10 परसेंट से हरहाल में नीचे आ जाएगा. उसके बाद फील्ड में अभियंता मेहनत करेंगे तो लाइन लॉस जीरो हो जाएगा और बिजली विभाग का लाइन हानियों से होने वाला घाटा खत्म हो जाएगा! ऊर्जा मंत्री को संगठन के पदाधिकारियों का यह सुझाव पसंद आया है और अब पावर काॅरपोरेशन के अधिकारी भी पटियाला मॉडल लागू करने की तैयारी में जुट गए हैं.
15 फीसद से ज्यादा है लाइन लॉस : वर्तमान में लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश की बात करें तो बिजली चोरी भरपूर हो रही है. इसी की वजह से अभी भी 15% से ज्यादा लाइन लॉस है. इस लाइन लॉस को कम करने की कवायद तो कई बार कांबिंग अभियान और मॉर्निंग रेड अभियान चलाकर की गई, लेकिन जिस उम्मीद के साथ ये अभियान चलाए गए वह उम्मीद पूरी नहीं हुई. अभी भी लाइन हानियों के चलते बिजली विभाग घाटे से उबर नहीं पा रहा है. लखनऊ की ही बात करें तो कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर बिजली विभाग के कर्मचारी सीढ़ी लेकर कनेक्शन काटने तक नहीं पहुंच पाते हैं. इसी का फायदा बिजली चोर उठाते हैं.
परिसर के बाहर लगेंगे मीटर : पंजाब के पटियाला में किसी भी उपभोक्ता का मीटर घर के अंदर नहीं लगा है. सभी मीटर घर के बाहर लगे हुए हैं. घर के बाहर मीटर लगने से बिजली चोरी की संभावना न के बराबर हो जाती है. जब बिजली चोरी नहीं होती है तो लाइन लॉस होने का सवाल पैदा नहीं होता. यही व्यवस्था लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में लागू करने की तैयारी है. नए स्मार्ट मीटर घरों के बाहर ही लगाए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी करोड़ों उपभोक्ताओं के मीटर घर के अंदर लगे हैं और यहीं पर बिजली चोरी पकड़ी जाती है.
अभी लगभग 20 से 30 लाख मीटर : बिजली विभाग से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि अभी तक 20 से 30 लाख मीटर ही परिसर के बाहर लगाए जा सके हैं, जबकि संख्या तीन करोड़ से ज्यादा है. धीरे-धीरे नए मीटर लगाने की कार्रवाई घरों के बाहर की जा रही है. पुराने उपभोक्ताओं को भी मीटर बाहर लगाए जाने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. जब सभी मीटर घर के बाहर होंगे तभी जाकर घाटा कम होगा.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के अध्यक्ष जय प्रकाश का कहना है कि ऊर्जा मंत्री को सुझाव दिया गया है कि उत्तर प्रदेश में पटियाला मॉडल लागू किया जाए. जब यह मॉडल लागू होगा तो निश्चित तौर पर लाइन लॉस कम हो जाएगा. मेरा दावा है कि पटियाला मॉडल लागू करने से लाइन लॉस घटकर इकाई में आ जाएगा, जो अभी दहाई में है.
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा का कहना है कि अभियंता संघ की तरफ से लाइन लॉस को कम करने के लिए पटियाला मॉडल लागू करने का सुझाव दिया गया है. यह सुझाव वाकई अच्छा है. इससे लाइन लॉस कम होगा, जिससे बिजली विभाग का घाटा भी कम हो सकता है. इसे लेकर अधिकारियों के साथ मंथन किया जा रहा है.
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