लखनऊ : प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्य और शिक्षकों की सेवा नियमावली में हुए संशोधन को लेकर शिक्षकों में काफी रोष व्याप्त है. बीते 9 अक्टूबर को जहां शिक्षकों ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा के कार्यालय पर घेराव कर अपनी मांगों से संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा था, लेकिन उनकी मांगों (Save Teachers campaign in Lucknow in November) पर शासन की तरफ से कोई भी निर्णय नहीं हुआ है. ऐसे में शिक्षक एक बार फिर से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. शिक्षकों की तरफ से नवंबर में लखनऊ में शिक्षक बचाओ अभियान का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें पूरे प्रदेश के करीब 65 हजार के आसपास माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षक को लखनऊ बुलाने की तैयारी है.
![65 हजार शिक्षकों को नबंबर में लखनऊ बुलाने की तैयारी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/19-10-2023/19805129_ni111.jpg)
शिक्षक संघ का कहना है कि 'नवंबर में होने वाली महारैली के माध्यम से हम एक बार फिर से सरकार पर अपने प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने का मांग रखेंगे. अगर सरकार की तरफ से उसके बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो शिक्षक समाज बोर्ड परीक्षा में असहयोग करने पर भी विचार करेगा.'
![65 हजार शिक्षकों को नबंबर में लखनऊ बुलाने की तैयारी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/19-10-2023/19805129_ni222.jpg)
रमाबाई अंबेडकर मैदान पर हो सकती है शिक्षकों की महारैली : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के सदस्य मंत्री व प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि 'सरकार जो शिक्षक भर्ती के लिए नई नियमावली व आयोग लेकर आई है, उसे प्रदेश के शिक्षक समाज को काफी नुकसान होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे न केवल शिक्षकों का अधिकार खत्म होगा बल्कि आने वाले समय में सरकारी शिक्षकों के पद पूरी तरह से समाप्त कर दिए जाएंगे. किसी को बचाने के लिए संघ ने 9 अक्टूबर को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया था. अब इसी कड़ी में प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यालय प्रधानाचार्य और शिक्षकों की सेवा सुरक्षा बहाली एवं शिक्षक चयन बोर्ड 1982 की धारा 21 को बचाने के लिए नवंबर में एक बड़ी महारैली का आयोजन करने जा रहे हैं. इस महारैली के माध्यम से उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग विधेयक में पास किए गए प्रावधानों को वापस लेने वह धारा-16 के अनुसार, सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों के सेवा शर्तों और सुरक्षा एवं इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 के नियमों के अध्याय-3 को दोबारा से लागू करने की मांग की जाएगी.'
प्रदेश के सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज में कार्यरत प्रधानाचार्य और शिक्षक | |
कुल प्रधानाचार्य की संख्या | 1505 |
कुल प्रवक्ताओं की संख्या | 16141 |
कुल सहायक शिक्षकों की संख्या | 45869 |
प्रदेश में कुल सहायता प्राप्त विद्यालयों की संख्या | 4512 |
प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि 'सरकार ने जो नया विधायक बनाया है उसे विद्यालय प्रबंधकों के हाथों में शिक्षकों के उत्पीड़न का पूरा अधिकार दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि महारैली के बाद सरकार को मांगों पर विचार करने के लिए कुछ समय दिया जाएगा अगर उसके बाद भी सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो बोर्ड परीक्षा में भी शिक्षक को असहयोग कर सकते हैं, हालांकि इस पर निर्णय अगले साल लिया जाएगा. डॉ मिश्रा ने बताया कि सरकार ने चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 21 की व्यवस्था को नए आयोग अधिनियम में भी संशोधन करके लाई है, ऐसा न करने पर सभी शिक्षकों की पूरी क्षमता और एकता के लिए संघर्ष शुरू होगा. उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद चयन बोर्ड की नियमावली बनी थी. जिसमें बिना पूर्वानुमान बढ़ेगा प्रबंधन की कार्रवाई शून्य मानी जाती थी पर अब मैं अधिनियम में मनमानी तरीके से शिक्षकों पर कार्रवाई का दबाव बढ़ जाएगा.'