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UP Politics : कांग्रेस ने रूठे को मनाने के लिए पीसीसी में पुराने व कद्दावर चेहरों को दी जगह

लोकसभा और निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने तैयारी (UP Politics) शुरू कर दी है. पार्टी हर सीट पर खास तौर पर पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के वोट बैंक को साधने में जुटी है.

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Published : Mar 7, 2023, 3:35 PM IST

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लखनऊ : बीते दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन से पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यूपी को नए सिरे से संगठन निर्माण की तैयारी शुरू कर दी थी. अब महाधिवेशन में तय हुए एजेंडे को लागू करने में साफ तौर पर देखा जा सकता है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने सभी एआईसीसी व पीसीसी मेंबर्स को प्रदेश में जिम्मेदारी देने की कवायद शुरू की है. कांग्रेस पार्टी की नजर इस साल होने वाले निकाय चुनाव व अगले साल की शुरुआत में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जुड़ी है. पार्टी इन सभी मेंबर्स के माध्यम से हर सीट पर खास तौर पर पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के वोट बैंक को साधने में जुटी है. अधिवेशन से पहले पार्टी ने पुराने व नाराज चल रहे नेताओं को एआईसीसी व पीसीसी का सदस्य बनाकर उनकी नाराजगी को दूर कर दिया है.

2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के बाद नए सिरे से संगठनात्मक गठन की प्रक्रिया से गुजर रही है. प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही प्रदेश में नए सिरे से संगठन का स्वरूप तैयार करने की कवायद को जोड़ दिया जा रहा था. करीब 8 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया. पार्टी ने सभी एआईसीसी व पीसीसी मेंबर का चयन कर नाराज चल रहे पुराने नेताओं व युवाओं को जोड़ा है. पार्टी ने इसके आगे की कड़ी में वंचित रह गए उन नेताओं को खासतौर पर जो पुराने समय में विधायक, एमएलसी या कद्दावर नेता रहे हैं उन्हें जिला संगठनों में जगह देने की कवायद कर रही है, ताकि कांग्रेस अपनों के बीच में फैली नाराजगी व मायूसी को दूर कर सके. पार्टी नेताओं का कहना है कि 'कांग्रेस निकाय चुनाव व लोकसभा चुनाव में अपने पुराने व भरोसेमंद लोगों के साथ ही जाना चाह रही है.'

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की सूची जारी की गई. जिसमें लखनऊ के 9 इलेक्टेड एआईसीसी सदस्य व 4 कॉप्टेड एआईसीसी सदस्य बनाए गए. जिसमें से 5 अल्पसंख्यक, 4 ब्राह्मण, 3 दलित, एवं 1 ठाकुर को बनाया गया. बनाए गए नेताओ की औसत आयु 50 वर्ष है. शीर्ष नेतृत्व ने अनुभवी नेताओं के साथ युवा नेताओं को तरजीह दी. लिस्ट में पूर्व महानगर अध्यक्ष, पूर्व पार्षद एवं प्रवक्ता उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को लखनऊ से एआईसीसी का सदस्य बनाकर ठाकुर नेता में मुकेश सिंह चौहान का कद बढ़ाया, वहीं अल्पसंख्यक नेता में नईम अहमद सिद्दिकी पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष, अनस रहमान, रफत फातिमा प्रदेश प्रवक्ता, शहनवाज अहमद उर्फ मंगल, अब्बास मुर्तजा शमशी को शामिल किया गया. इसके अलावा पार्टी ने विशेष तौर पर ब्राह्मण नेता में नकुल दूबे पूर्व मंत्री, शिव पांडेय प्रदेश कोषाध्यक्ष, पंकज तिवारी प्रदेश प्रवक्ता, प्रभाकर मिश्रा को रखा है, वहीं दलित नेता में ललन कुमार, ममता चौधरी, नेता कांग्रेस पार्षद दल, नरेश वाल्मिकी को एआईसीसी ने जगह दी है. साथ ही पुराने नेताओं में पूर्व विधायक कौशलेंद्र वर्मा फर्रुखाबाद से, कानपुर से पूर्व विधायक नरेश चंद्र त्रिपाठी व सीतापुर से पूर्व एमएलसी रहे हरीश वाजपेई को जगह दी गई है.

यह भी पढ़ें : Om Prakash Rajbhar ने कहा- कांग्रेस वोट के लिए पालती थी गुंडे, सपा-बीजेपी ने टिकट देना शुरू कर दिया

लखनऊ : बीते दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन से पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यूपी को नए सिरे से संगठन निर्माण की तैयारी शुरू कर दी थी. अब महाधिवेशन में तय हुए एजेंडे को लागू करने में साफ तौर पर देखा जा सकता है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने सभी एआईसीसी व पीसीसी मेंबर्स को प्रदेश में जिम्मेदारी देने की कवायद शुरू की है. कांग्रेस पार्टी की नजर इस साल होने वाले निकाय चुनाव व अगले साल की शुरुआत में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जुड़ी है. पार्टी इन सभी मेंबर्स के माध्यम से हर सीट पर खास तौर पर पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के वोट बैंक को साधने में जुटी है. अधिवेशन से पहले पार्टी ने पुराने व नाराज चल रहे नेताओं को एआईसीसी व पीसीसी का सदस्य बनाकर उनकी नाराजगी को दूर कर दिया है.

2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी हार के बाद नए सिरे से संगठनात्मक गठन की प्रक्रिया से गुजर रही है. प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही प्रदेश में नए सिरे से संगठन का स्वरूप तैयार करने की कवायद को जोड़ दिया जा रहा था. करीब 8 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया. पार्टी ने सभी एआईसीसी व पीसीसी मेंबर का चयन कर नाराज चल रहे पुराने नेताओं व युवाओं को जोड़ा है. पार्टी ने इसके आगे की कड़ी में वंचित रह गए उन नेताओं को खासतौर पर जो पुराने समय में विधायक, एमएलसी या कद्दावर नेता रहे हैं उन्हें जिला संगठनों में जगह देने की कवायद कर रही है, ताकि कांग्रेस अपनों के बीच में फैली नाराजगी व मायूसी को दूर कर सके. पार्टी नेताओं का कहना है कि 'कांग्रेस निकाय चुनाव व लोकसभा चुनाव में अपने पुराने व भरोसेमंद लोगों के साथ ही जाना चाह रही है.'

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की सूची जारी की गई. जिसमें लखनऊ के 9 इलेक्टेड एआईसीसी सदस्य व 4 कॉप्टेड एआईसीसी सदस्य बनाए गए. जिसमें से 5 अल्पसंख्यक, 4 ब्राह्मण, 3 दलित, एवं 1 ठाकुर को बनाया गया. बनाए गए नेताओ की औसत आयु 50 वर्ष है. शीर्ष नेतृत्व ने अनुभवी नेताओं के साथ युवा नेताओं को तरजीह दी. लिस्ट में पूर्व महानगर अध्यक्ष, पूर्व पार्षद एवं प्रवक्ता उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को लखनऊ से एआईसीसी का सदस्य बनाकर ठाकुर नेता में मुकेश सिंह चौहान का कद बढ़ाया, वहीं अल्पसंख्यक नेता में नईम अहमद सिद्दिकी पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष, अनस रहमान, रफत फातिमा प्रदेश प्रवक्ता, शहनवाज अहमद उर्फ मंगल, अब्बास मुर्तजा शमशी को शामिल किया गया. इसके अलावा पार्टी ने विशेष तौर पर ब्राह्मण नेता में नकुल दूबे पूर्व मंत्री, शिव पांडेय प्रदेश कोषाध्यक्ष, पंकज तिवारी प्रदेश प्रवक्ता, प्रभाकर मिश्रा को रखा है, वहीं दलित नेता में ललन कुमार, ममता चौधरी, नेता कांग्रेस पार्षद दल, नरेश वाल्मिकी को एआईसीसी ने जगह दी है. साथ ही पुराने नेताओं में पूर्व विधायक कौशलेंद्र वर्मा फर्रुखाबाद से, कानपुर से पूर्व विधायक नरेश चंद्र त्रिपाठी व सीतापुर से पूर्व एमएलसी रहे हरीश वाजपेई को जगह दी गई है.

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