लखनऊ : प्रदेश में पहली बार परिषदीय और यूपी बोर्ड विद्यालयों के मूल्यांकन की तैयारी हो रही है. नैक मूल्यांकन की तरह ही अब प्रदेश के विद्यालयों का शिक्षण कार्य, बुनियादी ढांचा, सुरक्षा, विषय, शिक्षकों की संख्या आदि पर मूल्यांकन होगा. विद्यालय ऑनलाइन अपना डाटा अपलोड करेंगे, जिसका परीक्षण कराया जाएगा. इसके बाद स्कूलों को ए, बी, सी व अन्य श्रेणियों में बांटा जाएगा. यह काम एसक्यूएएएफ (स्क्वॉफ) के माध्यम से होगा. राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) इसे तैयार कर रहा है. राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (एनईईपीए) एवं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निर्देशों पर इसे तैयार किया जाएगा.
मूल्यांकन कराने का निर्णय : राज्य परियोजना निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि 'बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों के मूल्यांकन के लिए शासन ने पहली बार कदम उठाया है. नई शिक्षा नीति के तहत शासन ने मूल्यांकन कराने का निर्णय लिया है. इसे लेकर एससीईआरटी विद्यालय की क्वालिटी असेसमेंट एंड एश्योरेंस फ्रेमवर्क (स्क्वॉफ) तैयार कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि इसमें सात मुख्य डोमेन रखे गए हैं. इनके आधार पर मूल्यांकन होगा. परीक्षण बाहरी संस्था अथवा एजेंसी के माध्यम से कराने की तैयारी है. अधिकारियों ने कहा कि इससे सरकारी संस्थानों के हालात सुधारने में मदद मिलेगी. सभी स्कूलों को ग्रेड A तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे.'
इन सात डोमेन पर होगी जांच |
- स्कूल के सक्षम संसाधन |
- शिक्षण में लर्निंग व मूल्यांकन |
- बच्चों की प्राप्ति, प्रगति व विकास |
- शिक्षक प्रदर्शन और व्यावसायिक विकास का प्रबंधन |
- स्कूल नेतृत्व एवं प्रबंधन |
- समावेशन, स्वास्थ्य और सुरक्षा |
- उत्पादक सामुदायिक भागीदारी |
क्या है एसएसएसए ग्रेडिंग? : परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 'दूसरी तरफ पूरे प्रदेश के स्कूलों के लिए एक अथॉरिटी एसएसएसए (स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी) बनाई जा रही है, जिसके अंतर्गत सभी स्कूलों को संचालन होगा. इससे परिषदीय से लेकर यूपी, सीबीएसई सहित संस्कृत आदि स्कूल एक ही छत के नीचे आ जाएंगे. विद्यालयों की मान्यता, फीस निर्धारण और नीतिगत फैसले यहीं से होंगे. स्क्वॉफ भी एसएसएसए के नीचे ही काम करेगा. पूरे प्रदेश के लिए एक ही बॉडी बनेगी. शासन के निर्देश के बाद राज्य परियोजना निदेशालय में इसे लेकर काम शुरू हो गया है. इसके बाद विद्यालयों को अलग-अलग मान्यता लेने के लिए भटकना भी नहीं पड़ेगा. एसएसएसए प्रदेश में सीबीएसई बोर्ड से संचालित स्कूलों की भी गाइडलाइन तैयार करेगा.'
'पहली बार स्कूलों के मूल्यांकन की तैयारी' : एससीईआरटी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. पवन सचान ने बताया कि 'स्क्वॉफ बनाया जा रहा है, इसकी तैयारी चल रही है. पहली बार स्कूलों के मूल्यांकन की तैयारी है. इससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव होंगे. एसएसएसए बनाने का काम शासन स्तर पर हो रहा है.'