लखनऊ: उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल (Northern Railway Lucknow Division) की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग (Pratapgarh station yard remodeling) का कार्य समाप्त हो गया है. पहले प्रतापगढ़ स्टेशन पर पांच छोटी लाइनें, तीन छोटी लाइनों के प्लेटफार्म, एक फुट ओवरब्रिज, एक छोटी वाशिंग लाइन और दो डायमंड क्रासिंग थीं, जिसके कारण इस स्टेशन से होकर प्रतिदिन आवागमन करने वाली गाड़ियों के समयबद्ध परिचालन में बाधक था. इससे रेल कार्य प्रणाली भी प्रभावित होती थी. अब यार्ड रिमॉडलिंग के संपन्न हुए इस कार्य से रेल परिचालन और अधिक सुगम हो सकेगा.
उन्होंने बताया कि इस यार्ड रिमॉडलिंग के तहत अब प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन (Pratapgarh railway station) पर नौ पूर्ण क्षमता की लम्बी रेल लाइनों (अप एंड डाउन मेन लाइन सहित), पूर्ण क्षमता की लम्बी रेल लाइनों वाले पांच प्लेटफार्म, पूर्ण क्षमता वाली लम्बी वाशिंग रेल लाइन (जिसमे इंजन एस्केप की व्यवस्था भी है), तीन लाइनें कोच रखने के लिए सभी प्लेटफार्मो को जोड़ते हुए एक नया फुट ओवर ब्रिज, एक टावर वैगन शेड, एक ट्रैक मशीन साइडिंग आदि सुविधाओं की व्यवस्था स्थापित की गई है. इसके अतिरिक्त डायमंड क्रासिंगों को हटा दिया गया है, जिससे गाड़ियों की गति सीमा का प्रतिबन्ध समाप्त हो जाएगा और गाड़ियां निर्धारित गति सीमा के साथ ही आवागमन कर सकेंगी. उल्लेखनीय है प्रतापगढ़ स्टेशन मंडल का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है, जो लखनऊ को वाराणसी से जोड़ता है और इस रेलखंड पर प्रतिदिन अनेक यात्री गाड़ियों और माल गाड़ियों का संचालन किया जाता है.
उन्होंने बताया कि इस रेल खंड पर वाराणसी से लखनऊ (जंघई-प्रतापगढ़-अमेठी-रायबरेली-उतरेटिया) कुल 301.12 किलोमीटर के रेलखंड पर अभी तक कुल 227.31 किलोमीटर रेलपथ के दोहरीकरण का कार्य संपन्न किया जा चुका है. शेष दोहरीकरण का कार्य अंतू से जंघई (कुल 73.81 किलोमीटर) प्रगति पर है. इस यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य पूरा होने से इस बचे हुए रेलखंड के दोहरीकरण के कार्य को गति मिलेगी और इस कार्य को भी यथासमय पूरा किया जा सकेगा.
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