लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने अपना अंतरिम बजट पेश किया है. इस बजट के माध्यम से केंद्र सरकार ने किसान, मजदूर, युवाओं के लिए कई घोषणाएं की हैं. 2 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को ₹6000 प्रति वर्ष सहायता देने की बात की गई है, वहीं इनकम टैक्स में छूट देते हुए इनकम टैक्स की सीमा सालाना ₹500000 कर दी गई है. कुछ लोग इस बजट को अच्छा बता रहे हैं तो वहीं कुछ इस बजट को केंद्र सरकार का जुमला करार दे रहे हैं.
वहीं बजट को लेकर जब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के प्रवक्ता सीपी राय से बातचीत की गई तो सीपी राय ने कहा कि यह बजट केंद्र सरकार का मात्र एक जुमला है. चुनाव को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया गया है लेकिन इस बजट का फायदा भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में नहीं होने वाला है.
ईटीवी से बातचीत में सीपी राय ने कहा अंतरिम बजट को बजट के तौर पर पेश किया जाता है. अंतरिम बजट पेश करने से पहले कमेटी बनाई जाती है, जिससे राय ली जाती है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया. इस अंतरिम बजट को बजट के तौर पर पेश किया गया है.
घुमा-फिरा रही है ये सरकार
सीपी राय ने कहा कि बजट में 5 लाख सालाना आय वालों को इनकम टैक्स में छूट देने की बात की गई है जबकि बजट के दौरान या कहा गया कि टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. ऐसे में 500000 सालाना इनकम वालों को छूट देने का क्या मतलब निकलता है? सरकार घुमा-फिरा कर लोगों को बहलाने का काम कर रही है.
किसानों को ₹6000 सालाना सहायता के फैसले पर सरकार को घेरते हुए सीपी राय ने कहा कि सरकार ने पहले ही उर्वरक व खाद के दाम बढ़ा रखे हैं. किसानों समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेच पा रहे हैं, ऐसे में मात्र ₹500 महीने की मदद का क्या मतलब है. अगर वाकई में सरकार किसानों के लिए कुछ करना चाहती है तो किसानों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था करें. उन्हें सस्ती दरों पर उर्वरक व उपयोगी सामान उपलब्ध कराएं.