लखनऊ : किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान यानी प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के रूप में उपलब्ध कराए जाने वाले सोलर पैनल एक बड़ी योजना है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी चाहती है कि इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिले और किसानों की ऊर्जा जरूरतें भी पूरी हों. यही कारण है कि इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश में 30 हजार सोलर फोटो वोल्टिक इरिगेशन पंप लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस योजना में चयनित किसानों को 60% अनुदान भी मिलता है और डीजल के रूप में लगने वाली बार-बार की लागत से भी छुटकारा. यही कारण है कि यह योजना खासी लोकप्रिय हो रही है.
इस योजना के अनुसार 3000 वाॅट वाला तीन हॉर्स पाॅवर का सबमर्सिबल पंप, 5 हॉर्स पाॅवर एसी सबमर्सिबल पंप, 6750 वाॅट यह 7.5 हॉर्स पाॅवर का एसी सबमर्सिबल सोलर पंप और 9000 वाॅट का 10 हॉर्स पावर वाले एसी सबमर्सिबल सोलर पंप की स्थापना का प्रावधान है. किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. पंजीकरण के बाद पंप की कैटेगरी और पात्रता के लिए आवेदन भरना होगा. सरकार ने इस योजना को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लागू किया है. आवेदक को टोकन मनी के रूप में ₹5000 पहले ही जमा करने होंगे. इस संबंध में सरकार ने जिलों का भी लक्ष्य निर्धारित किया है और इसी के अनुसार किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी.
इस योजना के तहत किसानों को 60 फीसद सब्सिडी प्रदान की जाती है. इसमें 30% का केंद्र और 30% राज्य की सहयोग राशि होती है. शेष राशि पर किसान लोन भी ले सकते हैं. किसान ऋण पर केंद्र सरकार 3% की छूट देती है, जबकि राज्य सरकार भी तीन प्रतिशत छूट प्रदान करती है. इस प्रकार किसानों को ऋण के ब्याज पर भी 6% की छूट मिल जाती है. सोलर पंप लगाने से किसानों को उपज पर लगने वाली लागत में भारी कमी आ जाती है और उन्हें अधिक लाभ मिलने लगता है. यही कारण है कि यह योजना दिनों दिन लोकप्रिय होती जा रही है. सोलर पंप योजना पर्यावरण के अनुकूल भी है और इससे जलवायु परिवर्तन और कार्बन एमिशन की तीव्रता को कम करने में मदद मिलती है.
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