लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए लाइट बन्द करने के दौरान राष्ट्रीय ग्रिड में बिजली की खपत सिर्फ चार-पांच मिनट में 117000 मेगावाट से घटकर 85300 मेगावाट रह गई. इस दौरान ग्रिड की फ्रीक्वेन्सी 49.7 से 50.25 के बीच बनाये रखना भारत के बिजली ग्रिड के इतिहास की सबसे बड़ी घटनाओं में एक है.
लाइट बन्द होने के दौरान 30000 मेगावाट से अधिक बिजली की खपत कम हुई. बात अगर उत्तर प्रदेश की करें तो यहां पर 4384 मेगावाट खपत कम हुई. कठिन परिस्थितियों में बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों ने बिजली ग्रिड का संचालन सामान्य बनाये रखा.
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ऑल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि 5 अप्रैल को रात नौ बजे के पहले देश भर में लगभग 117000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी, जो नौ बजे के बाद 86000 मेगावाट तक घट गई. इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में रात नौ बजे के पहले 13484 मेगावाट की खपत थी, जो घटकर 9100 मेगावाट रह गई थी. इस प्रकार पूरे देश में लगभग 31000 मेगावाट और उत्तर प्रदेश में लगभग 4384 मेगावाट की कमी आई, जो बिजली ग्रिड के स्थायित्व के लिए अभूतपूर्व घटना थी. उन्होंने कहा कि ग्रिड के सुरक्षित और सफल संचालन के लिए बिजलीकर्मी बधाई के पात्र हैं.
बता दें कि रात 9 बजे से पहले ही बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की धड़कनें थमी हुई थीं कि देश भर में लाइट बंद होने से कहीं ग्रिड पर असर न पड़ जाए, लेकिन जब रात 9:10 बजे तो सभी ने राहत की सांस ली.
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