लखनऊ: बिजली विभाग के अजब कारनामे हैं. कभी किसी गरीब को लाखों का बिल थमा दिया जाता है, तो कभी स्मार्ट मीटर का बिल जमा होने के बावजूद उपभोक्ता की बत्ती गुल कर दी जाती है. अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. जब विद्युत भार में अचानक बढ़ोतरी कर दी गई है. बात जब सामने आई तो विभाग में हड़कंप मच गया. ऊर्जा मंत्री के साथ ही मध्यांचल के प्रबंध निदेशक से भी इसकी शिकायत हुई है. नियामक आयोग ने भी इसमें दखल दिया है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत बदायूं में दो दिन पहले हजारों किसानों के निजी नलकूप के पांच और 7.5 हार्सपावर विद्युत भार को सीधे 10 हार्स पावर करके उनके बिल में बढ़ोतरी कर दी. हालांकि एमडी की फटकार के बाद अब मामला ठीक हो गया है.
मंत्री से शिकायत, नियामक आयोग का भी दखल
विद्युत बिल को दोगुना किए जाने के मामले को उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह के सामने रख दिया. अनुरोध किया कि विद्युत वितरण संहिता 2005 की धारा 6.9 का लगातार उल्लंघन पर आयोग बिजली कम्पनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए. नियामक आयोग के चेयरमैन ने कहा कि आयोग की पूरे मामले पर नजर है. नियमों से ऊपर कोई नहीं. पूरे मामले पर उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से बात की. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पूरे मामले की स्वयं समीक्षा करेंगे. कोई भी दोषी छोड़ा नहीं जाएगा, यह गंभीर मामला है.
एमडी ने लगाई अभियंता को फटकार
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि हजारों किसानों के निजी नलकूप के विद्युत भार को बदायूं में एक सामूहिक आर्डर कर बिना विद्युत वितरण संहिता का पालन किए बिना पांच और 7.5 हार्सपावर से सीधे 10 हार्स पावर बढ़ा दिया गया था. इसे लेकर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक से मुलाकात की. पूरे मामले की जानकारी देते हुए साक्ष्य प्रस्तुत किए. नियम विरुद्ध आदेश निरस्त करने की मांग उठाई. कहा कि इस प्रकार के आदेश सरकार की छबि धूमिल करने वाला है. कुछ अभियंता निरंकुश होकर वितरण संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे अभियंताओं के खिलाफ कठोर कदम उठाया जाए. प्रबंध निदेशक सूर्य कुमार गंगवार ने बदायूं के अधीक्षण अभियंता को निर्देश भेजकर नियम विरुद्ध आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कराया. क्षेत्रीय अभियंताओं को निर्देश दिया कि इस प्रकार की कोई नियम विरुद्ध कार्रवाई आगे बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
यह कहते हैं उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश में किसानों को कृषि फीडर पर करके उनकी विद्युत आपूर्ति 10 घंटे कर दी गई, जो पहले 16 से 18 घंटे थीे. उनसे बिजली का बिल वही वसूल किया जा रहा है. अभियंता मनमाने तरीके से उनके ट्यूबवेल के बिजली भार को विद्युत वितरण संहिता 2005 के प्रावधानों का उल्लंघन कर बढ़वा रहे हैं. इससे उनका बिजली बिल ढेड़ गुना और दोगुना हो जा रहा है.