लखनऊ: एक तरफ जहां कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से दुनिया परेशान है, वहीं प्राकृतिक आपदाएं भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं. उत्तर प्रदेश में पहले हुई ओलावृष्टि से अन्नदाताओं की रबी की फसलें बरबाद हो गईं. बरसात से किसानों की काफी फसल बर्बाद हो गई. किसी तरह किसानों ने गेहूं तो काट लिया लेकिन भूंसा नहीं बन पाया. वहीं रविवार की शाम को आए आंधी-तूफान से तमाम पेड़ टूट गये, जिससे सड़कों पर आवागमन बंद हो गया है.
वहीं तमाम जगहों पर पेड़ टूट जाने से ग्रामीण इलाकों में बिजली भी गुम हो गई है. आंधी तूफान से राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब इलाके के बौरूमऊ, साढ़ामऊ, कठवारा, कुम्हरावां, इटौंजा, मामपुर बाना विद्युत उप केंदों के क्षेत्र में आने वाले सैकड़ों गांवों की बिजली गुल हो गई है. लॉकडाउन के चलते किसानों को वैसे भी सब्जियों के वाजिब दाम नहीं मिल पाते थे. वहीं अब इस बेमौसम बरसात से सब्जियों के भी नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है.
फलपट्टी क्षेत्र बख्शी का तालाब, मलिहाबाद, काकोरी और माल क्षेत्र की बागों में भी आम की फसल आंधी तूफान में गिर गई है. बख्शी का तालाब इलाके के बागों में जिस तरह से आम जमीन पर बिछ गया है, उससे नुकसान का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.