लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ने से बिजली की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. कई उत्पादन इकाइयां अभी बिजली उत्पादन नहीं कर रही हैं. इससे बिजली का संकट बढ़ता जा रहा है और आगे आने वाले दिनों में यह और भी गहरा सकता है. इसी को ध्यान में रखकर पाॅवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज प्रदेश में विद्युत उपलब्धता बढ़ाने के लिए निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं से शीघ्र उत्पादन शुरू कराने का प्रयास कर रहे हैं.
एम. देवराज ने राज्य विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन ओबरा परियोजना स्थल का दौरा कर परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक की. ओबरा तापीय परियोजना की निर्माणाधीन 28 हजार 660 मेगावाट की दो इकाइयां निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं. लगातार मॉनिटरिंग के बाद भी स्थलीय निरीक्षण में कार्य की प्रगति पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि आगामी 30 जून को 660 मेगावाट की एक इकाई का उत्पादन शुरू हो जाएगा. सितंबर तक प्रदेश में बिजली की जबरदस्त मांग रहेगी. ऐसी स्थिति में 680 मेगावाट की एक यूनिट के उत्पादन से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को बड़ा लाभ होगा. ओबरा ताप विद्युत गृह बिजली संयंत्र भारत की पहली 200 गेगावाट ईकाई है. यहां 13 इकाइयां है जिसमें से सभी कोयले से चलने वाली इकाइयां हैं. 200 मेगावाट की अंतिम इकाई 1982 में शुरू हुई थी. इकाई की उत्पादन क्षमता 1208 गेगावाट है. यहां 3033 गेगावाट का जल विद्युत का प्लांट भी हैं जो विद्युत गृह को चार्ज करता है. वर्तमान में 660 मेगावाट की दो नई इकाइयां निर्माणाधीन हैं. इसके शुरू होने से 1320 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा.
आउटसोर्स कर्मियों का होगा प्रशिक्षण : पाॅवर काॅरपोरेशन अपने ऑउटसोर्स कर्मियों को प्रशिक्षण देगा. जिससे बिजली उपकरणों और लाइनों के मेंटिनेंस में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके. पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. वेवराज ने कहा है कि दुर्घटना असावधानियों के कारण होती हैं. इसलिए लगातार गहन प्रशिक्षण देने से दुर्घटना में रोकने में मदद मिलेगी. सुरक्षा उपकरणों की कमी, मानकों की अनदेखी और असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर रोक के लिए आउटसोर्स कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाना जरूरी है. विद्युत कर्मियों को भी बिल जमा कराने और मीटर रीडिंग का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा.
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ओबरा की 660 मेगावाॅट की इकाई चालू होने से मिलेगी राहत, आउटसोर्स कर्मियों को करना होगा यह काम - Obra Project
उत्तर प्रदेश के लोगों को ओबरा की 660 मेगावाॅट की इकाई चालू होने से राहत मिल जाएगा. इसके अलावा अन्य निर्माणाधीन विद्युत उत्पादन इकाइयों का काम जल्द पूरा करन के निर्देश पाॅवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने दिए हैं.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ने से बिजली की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. कई उत्पादन इकाइयां अभी बिजली उत्पादन नहीं कर रही हैं. इससे बिजली का संकट बढ़ता जा रहा है और आगे आने वाले दिनों में यह और भी गहरा सकता है. इसी को ध्यान में रखकर पाॅवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज प्रदेश में विद्युत उपलब्धता बढ़ाने के लिए निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं से शीघ्र उत्पादन शुरू कराने का प्रयास कर रहे हैं.
एम. देवराज ने राज्य विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन ओबरा परियोजना स्थल का दौरा कर परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक की. ओबरा तापीय परियोजना की निर्माणाधीन 28 हजार 660 मेगावाट की दो इकाइयां निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं. लगातार मॉनिटरिंग के बाद भी स्थलीय निरीक्षण में कार्य की प्रगति पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि आगामी 30 जून को 660 मेगावाट की एक इकाई का उत्पादन शुरू हो जाएगा. सितंबर तक प्रदेश में बिजली की जबरदस्त मांग रहेगी. ऐसी स्थिति में 680 मेगावाट की एक यूनिट के उत्पादन से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को बड़ा लाभ होगा. ओबरा ताप विद्युत गृह बिजली संयंत्र भारत की पहली 200 गेगावाट ईकाई है. यहां 13 इकाइयां है जिसमें से सभी कोयले से चलने वाली इकाइयां हैं. 200 मेगावाट की अंतिम इकाई 1982 में शुरू हुई थी. इकाई की उत्पादन क्षमता 1208 गेगावाट है. यहां 3033 गेगावाट का जल विद्युत का प्लांट भी हैं जो विद्युत गृह को चार्ज करता है. वर्तमान में 660 मेगावाट की दो नई इकाइयां निर्माणाधीन हैं. इसके शुरू होने से 1320 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा.
आउटसोर्स कर्मियों का होगा प्रशिक्षण : पाॅवर काॅरपोरेशन अपने ऑउटसोर्स कर्मियों को प्रशिक्षण देगा. जिससे बिजली उपकरणों और लाइनों के मेंटिनेंस में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके. पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. वेवराज ने कहा है कि दुर्घटना असावधानियों के कारण होती हैं. इसलिए लगातार गहन प्रशिक्षण देने से दुर्घटना में रोकने में मदद मिलेगी. सुरक्षा उपकरणों की कमी, मानकों की अनदेखी और असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर रोक के लिए आउटसोर्स कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाना जरूरी है. विद्युत कर्मियों को भी बिल जमा कराने और मीटर रीडिंग का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा.
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