लखनऊ: उप्र पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यसमिति ने मंगलवार को सर्वसमत्ति से सभी बिजली कंपनियों में पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन के खिलाफ 1992 बैच के अभियंताओं के विरुद्ध मनमाने तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस बैच के अभियंताओं का अधीक्षण अभियंता पद के लिए चयन हो चुका है, इसलिए उसको रोकने के लिए षड़यंत्र किया जा रहा है.
स्थानांतरण नीति का हो रहा उल्लंघन
इस दौरान कार्य समिति के सदस्यों ने कहा कि ताजा उदाहरण लाल सिंह राकेश का सभी के सामने है. जिन भी अभियंताओं को पदोन्नतियों के फलस्वरूप तैनाती दी जा रही है. उनमें से ज्यादातर को पूर्वांचल व दक्षिणांचल निगम में भेजा जा रहा है. अगर कोई अभियंता पश्चिमांचल में कुछ माह पहले ही तैनात किया गया है तो उसे हटाकर पूर्वांचल भेजना पूरी तरह स्थान्तरण नीति का खुला उल्लंघन हो रहा है. जिससे दलित वर्ग के अभियंताओं में काफी आक्रोश व्याप्त है. जिससे दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता आंदोलित हो रहे हैं. पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन अबिलम्ब नियमों के अनुसार समानता के आधार पर कार्रवाई करें अन्यथा दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता आंदोलन के लिए विवश होंगे.
ऊर्जा मंत्री से मिलकर की जाएगी हस्तक्षेप की मांग
उप्र पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, अतरिक्त महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, मध्यांचल उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह, संगठन सचिव अजय कुमार ने कहा कि बहुत जल्द ही सभी मामलो को लेकर एसोसिएशन प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से मुलाकात कर उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा, जिससे दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं में आक्रोश समाप्त हो. बार-बार प्रबंधन को एसोसिएशन अवगत करा रहा है, फिर भी प्रबंधन दलित अभियंताओं के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रहा है. उसके वावजूद भी प्रबंधन उदासीनता बरत रहा है, जो घोर निंदनीय है. ऐसे में प्रबंधन को दलित वर्ग के अभियंताओं का संरक्षण नियमों की परिधि में समानता के आधार पर करना होगा.