लखनऊ: चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में पोस्ट कोविड-19 मरीजों का भी निशुल्क उपचार किया जाएगा. जांच में आरटी पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उनसे उपचार से संबंधित कोई पैसा नहीं लिया जाएगा.
मेडिकल कॉलेजों में भुगतान के आधार पर मिलती हैं कुछ सेवाएं
प्रमुख सचिव आलोक कुमार का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों में कुछ सेवाएं भुगतान के आधार पर दी जाती हैं. जबकि कोविड-19 मरीजों के उपचार से संबंधित कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता. ऐसी स्थिति में यह भ्रम की स्थिति बनी हुई थी कि मरीज के निगेटिव होने के बाद यदि उसे उपचार की जरूरत है तो उस सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाएं अथवा भुगतान लिया जाए.
निशुल्क होगा पूर्ण उपचार
प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों को कोरोना संक्रमण ठीक होने के बाद मरीजों को जो भी समस्याएं आ रही हैं. उनका इलाज भी निशुल्क करने के निर्देश दे दिए गए हैं. इस आदेश के बाद उन लोगों को राहत मिलेगी जो कार्बेट निगेटिव होने के बाद भी विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में अपना इलाज करा रहे हैं या उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.
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