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शहरी स्लम पुनर्विकास योजना के अंतर्गत गरीबों को मिलेगी पक्की छत - लखनऊ न्यूज

उत्तर प्रदेश में गरीबों के लिए सरकार एक नई योजना पर काम करने जा रही है. इसके तहत शहर में झोपड़ियों में दिन गुजार रहे गरीबों को पक्के मकान उपलब्ध हो सकेंगे. इसके लिए प्रदेश के नगर विकास मंत्रालय ने तैयारी शुरु कर दी है. प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत शहरी स्लम पुनर्विकास योजना को लाया जायेगा.

नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन.
नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन.
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Published : Mar 17, 2021, 4:03 AM IST

लखनऊः शहरी स्लम पुनर्विकास योजना के अंतर्गत गरीबों को उनके पक्के मकान उपलब्ध हो सकेंगे. इसके लिए नगर विकास मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि 15 अप्रैल तक शहरी स्लम पुनर्विकास योजना का पूरा प्लान तैयार कर लिया जाए. नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत शहरी स्लम पुनर्विकास योजना के संबंध में मंगलवार को राज्य नगरीय अभिकरण (सूडा) में योजना की समीक्षा बैठक की.

योजना की समीक्षा करते हुए नगर विकास मंत्री ने कहा कि इस योजना से न केवल शहरों का सौंदर्यीकरण होगा. बल्कि स्लम में रहने वालों को पक्के मकान भी मिल सकेंगे. इसके लिए सूडा प्लान तैयार कर रहा है. आशूतोष टंडन ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 अप्रैल तक इस योजना का पूरा प्लान तैयार कर लिया जाए. इसके बाद इस योजना को लेकर उत्तर प्रदेश स्लम पुनर्विकास पॉलिसी को प्रस्तावित किया जाएगा.

महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित रहेगा ध्यान

यह परियोजना विशेष रूप से स्लमों की महिलाओं और बच्चों पर ध्यान केंद्रित करेगी. साथ ही अन्य लाभार्थी जैसे कि बूढ़े, दिव्यांगजनों, महिलाओं की अगुवाई वाले परिवार वालों को वरीयता मिलेगी. साथ ही इस परियोजना का निर्माण कार्य अनुमति मिलने की तारीख से दो वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा.

योजना का क्या है उद्देश्य

स्लम पुनर्विकास योजना में राज्य के शहरी क्षेत्रों में सरकारी जमीनो पर स्थित स्लम क्षेत्र की जमीनों का चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा. निजी भागीदारी के माध्यम से इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास के सभी पहलुओं का ध्यान रखने के लिए एक व्यापक एवं पारदर्शी नीतिगत फ्रेमवर्क बनाया जाएगा. स्लम पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके निजी भागीदारी को आकर्षित करना है.

इसे भी पढ़ें- मोहब्बत की निशानी कानपुर का जिला अस्पताल, अल्बर्ट हॉर्समैन ने पत्नी की याद में बनवाया था हॉस्पिटल

किन भूमियों पर मूर्तरुप लेगी ये परियोजना

सरकारी भूमि, जिस पर आईएसएसआर परियोजना लागू की जानी है. कार्यदायी संस्था स्थानीय नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण, आवास एवं विकास परिषद को उपलब्ध कराई जाएगी. सरकारी भूमि पर स्थित स्लमों का आकार छोटे होने की दशा में, ऐसे विभिन्न स्लमों को संगठित कर एक बड़ी परियोजना में परिवर्तित कर लाभान्वित करना है.

लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ

इस परियोजना के तहत लाभार्थियों को 25-30 वर्ग मीटर के पक्के आवास दिए जाएंगे. लाभार्थियों को पेयजल, सीवरेज लाइन और बिजली कनेक्शन की बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. क्रेच, शॉपिंग सेंटर, सामुदायिक भवन, अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाओं को झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं में शामिल किए जाएंगे.

आवास के जरूरी है ये दस्तावेज

  • दिनांक 25.6.2015 को या उससे पहले स्लम में रहने वाले परिवारों को लाभार्थी माना जाएगा.
  • शहरी स्थानीय निकाय द्वारा लाभार्थियों की एक सूची निम्नलिखित दस्तावेजों जैसे- आवासीय प्रमाण, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन बिल, बैंक पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस में से किसी एक के आधार माना जाएगा.

लखनऊः शहरी स्लम पुनर्विकास योजना के अंतर्गत गरीबों को उनके पक्के मकान उपलब्ध हो सकेंगे. इसके लिए नगर विकास मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि 15 अप्रैल तक शहरी स्लम पुनर्विकास योजना का पूरा प्लान तैयार कर लिया जाए. नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत शहरी स्लम पुनर्विकास योजना के संबंध में मंगलवार को राज्य नगरीय अभिकरण (सूडा) में योजना की समीक्षा बैठक की.

योजना की समीक्षा करते हुए नगर विकास मंत्री ने कहा कि इस योजना से न केवल शहरों का सौंदर्यीकरण होगा. बल्कि स्लम में रहने वालों को पक्के मकान भी मिल सकेंगे. इसके लिए सूडा प्लान तैयार कर रहा है. आशूतोष टंडन ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 अप्रैल तक इस योजना का पूरा प्लान तैयार कर लिया जाए. इसके बाद इस योजना को लेकर उत्तर प्रदेश स्लम पुनर्विकास पॉलिसी को प्रस्तावित किया जाएगा.

महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित रहेगा ध्यान

यह परियोजना विशेष रूप से स्लमों की महिलाओं और बच्चों पर ध्यान केंद्रित करेगी. साथ ही अन्य लाभार्थी जैसे कि बूढ़े, दिव्यांगजनों, महिलाओं की अगुवाई वाले परिवार वालों को वरीयता मिलेगी. साथ ही इस परियोजना का निर्माण कार्य अनुमति मिलने की तारीख से दो वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा.

योजना का क्या है उद्देश्य

स्लम पुनर्विकास योजना में राज्य के शहरी क्षेत्रों में सरकारी जमीनो पर स्थित स्लम क्षेत्र की जमीनों का चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा. निजी भागीदारी के माध्यम से इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास के सभी पहलुओं का ध्यान रखने के लिए एक व्यापक एवं पारदर्शी नीतिगत फ्रेमवर्क बनाया जाएगा. स्लम पुनर्विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके निजी भागीदारी को आकर्षित करना है.

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किन भूमियों पर मूर्तरुप लेगी ये परियोजना

सरकारी भूमि, जिस पर आईएसएसआर परियोजना लागू की जानी है. कार्यदायी संस्था स्थानीय नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण, आवास एवं विकास परिषद को उपलब्ध कराई जाएगी. सरकारी भूमि पर स्थित स्लमों का आकार छोटे होने की दशा में, ऐसे विभिन्न स्लमों को संगठित कर एक बड़ी परियोजना में परिवर्तित कर लाभान्वित करना है.

लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ

इस परियोजना के तहत लाभार्थियों को 25-30 वर्ग मीटर के पक्के आवास दिए जाएंगे. लाभार्थियों को पेयजल, सीवरेज लाइन और बिजली कनेक्शन की बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. क्रेच, शॉपिंग सेंटर, सामुदायिक भवन, अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाओं को झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं में शामिल किए जाएंगे.

आवास के जरूरी है ये दस्तावेज

  • दिनांक 25.6.2015 को या उससे पहले स्लम में रहने वाले परिवारों को लाभार्थी माना जाएगा.
  • शहरी स्थानीय निकाय द्वारा लाभार्थियों की एक सूची निम्नलिखित दस्तावेजों जैसे- आवासीय प्रमाण, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन बिल, बैंक पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस में से किसी एक के आधार माना जाएगा.
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