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लखनऊ समेत कई जिलों की आबोहवा में अभी भी जहर

यूपी के कई जिलों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश के कई जिलों की हवा जहरीली हो गई है और एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.

कई जिलों की आबोहवा में अभी भी जहर
कई जिलों की आबोहवा में अभी भी जहर
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Published : Jan 19, 2021, 12:40 AM IST

लखनऊ: यूपी के कई जिलों में हवा में प्रदूषण की मात्रा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बीते दिनों इससे कुछ राहत जरूर मिली थी लेकिन, सोमवार को कई जिलों की आबोहवा फिर खतरनाक हो गई है. बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नोएडा की हवा सबसे ज्यादा जहरीली पाई गई थी. इन शहरों का एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया था. वहीं सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, आगरा का एक्यूआई 317, बुलंदशहर का 345, फरीदाबाद का 322, गाजियाबाद का 374, ग्रेटर नोएडा का 351, कानपुर का 359, लखनऊ का 378, मेरठ का 328, मुजफ्फरपुर का 300, नोएडा का 353 दर्ज किया गया.

हवा में फिर घुला जहर
इस बारे में पर्यावरणविद् सुशील द्विवेदी ने बताया, अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. वहीं 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत और 201-300 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स बुरा माना जाता है. 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो हवा में प्रदूषण का स्तर गंभीर माना जाता है.

राजधानी में उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया पीएम 2.5

वह बताते हैं कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया था. वायुमंडल में इसकी मात्रा जितनी कम होती है हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

लखनऊ: यूपी के कई जिलों में हवा में प्रदूषण की मात्रा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बीते दिनों इससे कुछ राहत जरूर मिली थी लेकिन, सोमवार को कई जिलों की आबोहवा फिर खतरनाक हो गई है. बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नोएडा की हवा सबसे ज्यादा जहरीली पाई गई थी. इन शहरों का एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया था. वहीं सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, आगरा का एक्यूआई 317, बुलंदशहर का 345, फरीदाबाद का 322, गाजियाबाद का 374, ग्रेटर नोएडा का 351, कानपुर का 359, लखनऊ का 378, मेरठ का 328, मुजफ्फरपुर का 300, नोएडा का 353 दर्ज किया गया.

हवा में फिर घुला जहर
इस बारे में पर्यावरणविद् सुशील द्विवेदी ने बताया, अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. वहीं 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत और 201-300 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स बुरा माना जाता है. 301-400 के बीच में हो तो बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो हवा में प्रदूषण का स्तर गंभीर माना जाता है.

राजधानी में उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया पीएम 2.5

वह बताते हैं कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया था. वायुमंडल में इसकी मात्रा जितनी कम होती है हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

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