ताजनगरी आगरा की हवा हुई जहरीली, एक्यूआई 300 पार - आगरा समाचार
यूपी के आगरा में इन दिनों वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है. बीते कुछ दिनों में ताजनगरी का एक्यूआई 300 से ज्यादा पहुंच गया है. सीपीसीबी, यूपीपीसीबी और जिला प्रशासन भी आगरा की बढ़ते एक्यूआई को लेकर गंभीर है. यूपीपीसीबी ने शहर के 25 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है. जिनकी वजह से आगरा का एक्यूआई लगातार बढ़ता जा रहा है.
ताजनगरी आगरा की हवा हुई जहरीली
By
Published : Nov 5, 2020, 11:07 PM IST
आगरा: ताजनगरी में इन दिनों प्रदूषण ज्यादा ही बढ़ रहा है. बीते दिनों की बात करें तो अब यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से ज्यादा पहुंच गया है. ताजनगरी की जहरीली हवा आमजनों के साथ ही मोहब्बत की निशानी ताजमहल के लिए भी खतरनाक है.वायु में बढ़े प्रदूषण की वजह से शहर में जहां सुबह-शाम धुंध रहती है वहीं दिनभर शहर की सड़कों, गली और मोहल्लों में भी धूल उड़ती रहती है. प्रदूषण का बढ़ता स्तर बुजुर्ग और अस्थमा के मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. इस कारण ओपीडी में सांस के रोगियों की संख्या बीते दिनों में बढ़ गई है. वहीं, दीपावली पर प्रदूषण और बढ़ेगा. इस कारण उम्मीद जताई जा रही है कि एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच सकता है.
ताजनगरी आगरा की हवा हुई जहरीली
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) हर दिन देशभर के शहर और महानगरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) जारी करता है. सीपीसीबी, यूपीपीसीबी और जिला प्रशासन भी आगरा की बढ़ते एक्यूआई को लेकर गंभीर है. यूपीपीसीबी ने शहर के 25 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है. जिनकी वजह से आगरा का एक्यूआई लगातार बढ़ता जा रहा है.
आगरा में प्रदूषण की वजह
स्मार्ट सिटी के सहित तमाम प्रोजेक्ट आगरा में चल रहे हैं. कहीं पेयजल लाइन के लिए सड़क खोदी गई हैं तो कहीं पर सीवर लाइन का काम चल रहा है. गलियां और मोहल्ले भी खुदे पड़े हैं. खुदाई के कारण मिट्टी उड़ती रहती है. धूल कणों का स्तर एक्यूआई बढ़ा रहा है. सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या भी पॉल्यूशन का स्तर बढ़ा रही है. शहर में चल रहे डेवलपमेंट के कार्यों के चलते एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है. ताजनगरी में वायु प्रदूषण बढ़ने से कार्बन मोनोऑक्साइड सहित अन्य खतरनाक गैसों का स्तर बढ़ रहा है.
आंखों में जलन
बुजुर्ग चंद्र प्रकाश वर्मा ने बताया कि पोलूशन बढ़ने से आंखों में जलन है. आंखों में से आंसू निकल रहे हैं. चलते ही श्वांस फूल रही है. खांसी आ बहुत आती है. सड़क पर निकलना बहुत मुश्किल हो रहा है.
श्वांस के मरीजों की संख्या बढ़ी
एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एवं चेस्ट रोग विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि, ओपीडी में श्वांस के मरीजों की संख्या बढ़ी है. पिछले पांच-छह दिनों की बात करें तो श्वांस रोगी, बुजुर्ग, एलर्जी और अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ी है. अचानक श्वांस फूलने की प्रवृत्ति बढ़ी है. ऐसे मरीजों को हॉस्पिटलाइज कर ऑक्सीजन थेरेपी देनी होती है. हालांकि, अभी ऐसी स्थिति नहीं है. मेडिकल कॉलेज की ओपीडी और इमरजेंसी में श्वांस के मरीजों की संख्या बढ़ी है.
प्रदूषण और कोरोना से बचाएगा मास्क
जिला अस्पताल आगरा के फिजीशियन डॉ. मुकेश कुमार का कहना है कि, शहर में बढ़ रहे पॉल्यूशन से सबसे ज्यादा बुजुर्ग और अस्थमा के मरीजों को परेशानी होती है. ओपीडी में ऐसे मरीज बढ़ रहे हैं. बुजुर्ग और श्वांस रोगी ऐसे में घर में रहें. बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर जाएं. लेकिन, मास्क का उपयोग करें. क्योंकि, धूल उन्हें ज्यादा परेशान न करे. इस समय प्रदूषण का बढ़ता स्तर और कोरोना संक्रमण भी उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
आगामी दिनों में एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंचेगा
पर्यावरणविद एवं ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर देवाशीष भट्टाचार्य का कहना है कि, शहर में जगह-जगह सड़क निर्माण का काम चल रहा है. पाइप लाइन और सीवर लाइन बिछाई जा रही है. सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि, खुदाई से निकली मिट्टी कहीं ढकी नहीं जा रही है. हवा चलते ही धूल उड़ती रहती है. धूल से बचाव के लिए कहीं पर भी पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. इससे शहर पीएम-2.5 की घातक स्थिति में है. यमुना में पानी नहीं है. इसके साथ ही वाहनों से होने वाले प्रदूषण को सोखने के लिए हरियाली भी कम है. इससे भी प्रदूषण बढ़ रहा है. बीते चार पांच दिन की बात करें तो आगरा की स्थिति बहुत खराब हो रही है. दो-चार दिन में ही आगरा में एक्यूआई 400 का आंकड़ा पार कर जाएगा.
यह बरतें सावधानी
श्वांस रोगी अपने घरों में ही रहें.
बुजुर्ग सुबह सुबह बाहर न टहलें.
बिना मास्क घर से न निकलें.
शहर में उड़ती धूल से बचें.
श्वांस फूलते ही चिकित्सकीय परामर्श लें.
शहर में सबसे प्रदूषित स्थान
स्थान
एक्यूआई
पीएम-10
ईदगाह
418
531
पुरानी मंडी
416
431
आईएसबीटी
410
483
राजामंडी
403
349
शाहगंज
382
387
नोट- यह आंकड़े चार नवबंर के हैं, जो स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम हैं.
बीते दिनों में आगरा का एक्यूआई
दिनांक
एक्यूआई
28 अक्टूबर
308
29 अक्टूबर
338
30 अक्टूबर
346
31 अक्टूबर
332
एक नवंबर
339
दो नवंबर
271
तीन नबंर
264
नोट- एक्यूआई के आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के हैं.
एक्यूआई का मानक
0 से 50 एक्यूआई होने पर अच्छी हवा.
51 से 100 एक्यूआई होने पर संतोषजनक हवा.
101 से 200 एक्यूआई होने पर मध्यम हवा.
201 से 300 एक्यूआई होने पर खराब हवा.
301 से 400 एक्यूआई होने पर बेहद खराब हवा.
401 से 500 एक्यूआई होने पर खतरनाक हवा.
आगरा में सीवर लाइन, पाइपलाइन, सड़कों सहित अन्य विकास कार्यों को लेकर की जा रही खुदाई से हवा में पीएम-10 और पीएम 2.5 का स्तर हवा में सामान्य से 6 से 7 गुना ज्यादा है. इससे ही एक्यूआई लगातार बढ़ रही है.
आगरा: ताजनगरी में इन दिनों प्रदूषण ज्यादा ही बढ़ रहा है. बीते दिनों की बात करें तो अब यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से ज्यादा पहुंच गया है. ताजनगरी की जहरीली हवा आमजनों के साथ ही मोहब्बत की निशानी ताजमहल के लिए भी खतरनाक है.वायु में बढ़े प्रदूषण की वजह से शहर में जहां सुबह-शाम धुंध रहती है वहीं दिनभर शहर की सड़कों, गली और मोहल्लों में भी धूल उड़ती रहती है. प्रदूषण का बढ़ता स्तर बुजुर्ग और अस्थमा के मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. इस कारण ओपीडी में सांस के रोगियों की संख्या बीते दिनों में बढ़ गई है. वहीं, दीपावली पर प्रदूषण और बढ़ेगा. इस कारण उम्मीद जताई जा रही है कि एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच सकता है.
ताजनगरी आगरा की हवा हुई जहरीली
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) हर दिन देशभर के शहर और महानगरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) जारी करता है. सीपीसीबी, यूपीपीसीबी और जिला प्रशासन भी आगरा की बढ़ते एक्यूआई को लेकर गंभीर है. यूपीपीसीबी ने शहर के 25 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है. जिनकी वजह से आगरा का एक्यूआई लगातार बढ़ता जा रहा है.
आगरा में प्रदूषण की वजह
स्मार्ट सिटी के सहित तमाम प्रोजेक्ट आगरा में चल रहे हैं. कहीं पेयजल लाइन के लिए सड़क खोदी गई हैं तो कहीं पर सीवर लाइन का काम चल रहा है. गलियां और मोहल्ले भी खुदे पड़े हैं. खुदाई के कारण मिट्टी उड़ती रहती है. धूल कणों का स्तर एक्यूआई बढ़ा रहा है. सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या भी पॉल्यूशन का स्तर बढ़ा रही है. शहर में चल रहे डेवलपमेंट के कार्यों के चलते एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है. ताजनगरी में वायु प्रदूषण बढ़ने से कार्बन मोनोऑक्साइड सहित अन्य खतरनाक गैसों का स्तर बढ़ रहा है.
आंखों में जलन
बुजुर्ग चंद्र प्रकाश वर्मा ने बताया कि पोलूशन बढ़ने से आंखों में जलन है. आंखों में से आंसू निकल रहे हैं. चलते ही श्वांस फूल रही है. खांसी आ बहुत आती है. सड़क पर निकलना बहुत मुश्किल हो रहा है.
श्वांस के मरीजों की संख्या बढ़ी
एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एवं चेस्ट रोग विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि, ओपीडी में श्वांस के मरीजों की संख्या बढ़ी है. पिछले पांच-छह दिनों की बात करें तो श्वांस रोगी, बुजुर्ग, एलर्जी और अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ी है. अचानक श्वांस फूलने की प्रवृत्ति बढ़ी है. ऐसे मरीजों को हॉस्पिटलाइज कर ऑक्सीजन थेरेपी देनी होती है. हालांकि, अभी ऐसी स्थिति नहीं है. मेडिकल कॉलेज की ओपीडी और इमरजेंसी में श्वांस के मरीजों की संख्या बढ़ी है.
प्रदूषण और कोरोना से बचाएगा मास्क
जिला अस्पताल आगरा के फिजीशियन डॉ. मुकेश कुमार का कहना है कि, शहर में बढ़ रहे पॉल्यूशन से सबसे ज्यादा बुजुर्ग और अस्थमा के मरीजों को परेशानी होती है. ओपीडी में ऐसे मरीज बढ़ रहे हैं. बुजुर्ग और श्वांस रोगी ऐसे में घर में रहें. बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर जाएं. लेकिन, मास्क का उपयोग करें. क्योंकि, धूल उन्हें ज्यादा परेशान न करे. इस समय प्रदूषण का बढ़ता स्तर और कोरोना संक्रमण भी उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
आगामी दिनों में एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंचेगा
पर्यावरणविद एवं ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर देवाशीष भट्टाचार्य का कहना है कि, शहर में जगह-जगह सड़क निर्माण का काम चल रहा है. पाइप लाइन और सीवर लाइन बिछाई जा रही है. सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि, खुदाई से निकली मिट्टी कहीं ढकी नहीं जा रही है. हवा चलते ही धूल उड़ती रहती है. धूल से बचाव के लिए कहीं पर भी पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. इससे शहर पीएम-2.5 की घातक स्थिति में है. यमुना में पानी नहीं है. इसके साथ ही वाहनों से होने वाले प्रदूषण को सोखने के लिए हरियाली भी कम है. इससे भी प्रदूषण बढ़ रहा है. बीते चार पांच दिन की बात करें तो आगरा की स्थिति बहुत खराब हो रही है. दो-चार दिन में ही आगरा में एक्यूआई 400 का आंकड़ा पार कर जाएगा.
यह बरतें सावधानी
श्वांस रोगी अपने घरों में ही रहें.
बुजुर्ग सुबह सुबह बाहर न टहलें.
बिना मास्क घर से न निकलें.
शहर में उड़ती धूल से बचें.
श्वांस फूलते ही चिकित्सकीय परामर्श लें.
शहर में सबसे प्रदूषित स्थान
स्थान
एक्यूआई
पीएम-10
ईदगाह
418
531
पुरानी मंडी
416
431
आईएसबीटी
410
483
राजामंडी
403
349
शाहगंज
382
387
नोट- यह आंकड़े चार नवबंर के हैं, जो स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम हैं.
बीते दिनों में आगरा का एक्यूआई
दिनांक
एक्यूआई
28 अक्टूबर
308
29 अक्टूबर
338
30 अक्टूबर
346
31 अक्टूबर
332
एक नवंबर
339
दो नवंबर
271
तीन नबंर
264
नोट- एक्यूआई के आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के हैं.
एक्यूआई का मानक
0 से 50 एक्यूआई होने पर अच्छी हवा.
51 से 100 एक्यूआई होने पर संतोषजनक हवा.
101 से 200 एक्यूआई होने पर मध्यम हवा.
201 से 300 एक्यूआई होने पर खराब हवा.
301 से 400 एक्यूआई होने पर बेहद खराब हवा.
401 से 500 एक्यूआई होने पर खतरनाक हवा.
आगरा में सीवर लाइन, पाइपलाइन, सड़कों सहित अन्य विकास कार्यों को लेकर की जा रही खुदाई से हवा में पीएम-10 और पीएम 2.5 का स्तर हवा में सामान्य से 6 से 7 गुना ज्यादा है. इससे ही एक्यूआई लगातार बढ़ रही है.