लखनऊ: प्रदूषण की मार झेल रही राजधानी इस बार फिर से दिवाली के मौके पर पटाखों की बली चढ़ गई. राजधानी का इतना बुरा हाल तब हुआ, जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश जारी कर लखनऊ में पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाई गई थी. इसके बावजूद राजधानी में दिवाली के दिन पटाखे जलाए गए. दिवाली के मौके पर पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाने की जिम्मेदारी लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की थी, लेकिन पुलिस आतिशबाजी पर लगाम लगाने में नाकामयाब रही.
अफसरों के पास नहीं है कार्रवाई की डिटेल
एनजीटी के निर्देशों के बाद लखनऊ पुलिस ने भले ही बाजारों और चौराहों पर पटाखों की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई की हो, लेकिन इसके बावजूद भी पटाखे लोगों के घरों तक पहुंचे और लोगों ने दिवाली के दिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पटाखे जलाएं. पटाखे जलाने वालों पर कार्रवाई की बातें तो की गईं, लेकिन राजधानी में आतिशबाजी करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी. दिवाली के मौके पर आतिशबाजी करने वालों पर की गई कार्रवाई के संदर्भ में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा से बातचीत की गई.
उन्होंने कहा कि इस बार राजधानी में आतिशबाजी काफी कम हुई है. जिन जगहों पर आतिशबाजी हुई है वहां पटाखों को जब्त किया गया और एफआईआर दर्ज कराई गई है. कार्रवाई की डिटेल के बारे में जब ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर से पूछा गया तो वह जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके. आतिशबाजी को लेकर की गई कार्रवाई के संदर्भ में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी से भी बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक की गई कार्रवाई के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. लखनऊ पुलिस कमिश्नर के पीआरओ के नंबर पर फोन कर जानकारी मांगी गई, लेकिन उन्होंने भी कार्रवाई के बारे में जानकारी न होने की बात कही.
प्रशासन नहीं लगा सका आतिशबाजी पर लगाम
लखनऊ में प्रदूषण लगातार चुनौती बना हुआ है. बीते दिनों वायु प्रदूषण को लेकर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी द्वारा लखनऊ के जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखकर प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कई निर्माणाधीन बिल्डिंग, प्लाईवुड फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई की थी. वहीं, दिवाली के मौके पर लखनऊ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन आतिशबाजी पर लगाम लगाने में नाकामयाब रहा है.