लखनऊ: विधानसभा उपचुनाव में राजनीतिक दल भले ही अपना घोषणापत्र नहीं तैयार करते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों के चयन को लेकर मतदाताओं का नजरिया बेहद साफ है. मतदाता चाहते हैं कि उनका जनप्रतिनिधि महंगाई नियंत्रण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और क्षेत्र विकास के मुद्दों पर लगातार सक्रिय रहे.
लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट पर मतदान करने वाले कुछ मतदाताओं से जब ईटीवी भारत ने बातचीत की तो उन्होंने साफ कहा कि जनप्रतिनिधि को मतदाताओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए.
जनप्रतिनिधि का आशय केवल राजनीतिक दल की प्रतिष्ठा ही नहीं है, बल्कि उसे विकास के एजेंडे पर भी खरा उतरना चाहिए. मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त जबरन वसूली और महंगी फीस के साथ ही रोजमर्रा की जिंदगी में बढ़ती महंगाई, शहर की सफाई व्यवस्था समेत अनेक मुद्दों को ध्यान में रखकर अपना मतदान किया है.
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महिला मतदाताओं ने कहा कि उन्हें बढ़ती महंगाई परेशान कर रही है तो स्कूलों में फीस वृद्धि भी चिंताजनक है. उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों की नकेल कसने के लिए कमेटी बनाई थी, लेकिन अब तक उसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में अपने जनप्रतिनिधि से यह अपेक्षा करते हैं कि वह शिक्षा क्षेत्र में भी व्यवस्था के सुधार के लिए प्रयास करें.