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संघ प्रमुख के अयोध्या दौरे के ये हैं सियासी मायने, पहली बार UP में हो रहा ये कार्यक्रम - Chief Minister Yogi Adityanath

संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत तीन दिन के दौरे पर अयोध्या आ रहे हैं, जहां वे 19 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक रहेंगे और इस दौरान उनके साथ सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी मौजूद होंगे. हालांकि, ये दोनों जिस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए आ रहे हैं उसका आज से पहले अयोध्या में कभी आयोजन ही नहीं हुआ. लेकिन अचानक कार्यक्रम के आयोजन स्थल में हुए परिवर्तन को अगर सियासी चश्मे से देखे तो कई मायने निकलकर सामने आएंगे.

संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत
संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत
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Published : Oct 18, 2021, 9:04 AM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत तीन दिवसीय (RSS Chief Mohan Bhagwat) दौरे पर अयोध्या आ रहे हैं. संघ प्रमुख 19 अक्टूबर से 21 अक्टूबर राम नगरी में रहेंगे और इस दौरान उनके साथ सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatrey Hosbole) भी मौजूद होंगे. लेकिन जिस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए संघ प्रमुख यहां आ रहे हैं, उसका एक मात्र उद्देश्य संघ की जमीन मजबूत करने को अधिक से अधिक संख्या में युवाओं को जोड़ना है. पर खास बात यह है कि उक्त कार्यक्रम का सूबे में पहली बार आयोजन होने जा रहा है.

दरअसल, अयोध्या में 19 से 21 अक्टूबर तक अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत और सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के साथ ही तीन दिनों तक राम नगरी में रहेंगे. वहीं, बताया गया कि इस दौरान भागवत और दत्तात्रेय कई सामाजिक व राजनैतिक विषयों पर चर्चा भी करेंगे. साथ ही मंदिर निर्माण स्थल का दौरा कर चल रहे कार्यों का जायजा भी लेंगे.

इसे भी पढ़ें - UP Assembly Election 2022: प्रशांत का राहुल पर हमला- UP में प्रियंका को नहीं बनने दिया था पार्टी चेहरा

भागवत के अयोध्या दौरे के सियासी मायने...

सूबे में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनाव के बीच संघ के इस कार्यक्रम का अचानक से आयोजन स्थल बदलने को लेकर भी सियासी चर्चाएं तेज हैं. बता दें कि शारीरिक शिक्षा वर्ग का कार्यक्रम हर साल महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होता है. लेकिन अबकी इसका आयोजन आयोध्या में हो रहा है.

यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस कार्यक्रम का आयोध्या में होने को लेकर कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि इसके पीछे भाजपा की कोई खास चाल है. लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि क्या संघ अपने कार्यकर्ताओं को यहां से कोई राजनीतिक संदेश देती है नहीं.

इसे भी पढ़ें - BSP में टिकट से पहले बहनजी लेंगी साक्षात्कार, उत्तीर्ण प्रार्थियों को बनाएंगी पार्टी का उम्मीदवार!

क्या होता है इस कार्यक्रम में...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसके जरिए देश के नए युवाओं को संघ से जोड़ा जाता है और उनको संघ के बारे में उक्त कार्यक्रम में विस्तार से बताया जाता है. साथ ही संघ शखाओं में शारीरिक शिक्षा वर्ग के महत्व से लेकर देश में व्याप्त सामाजिक समस्याओं से भी उन्हें अवगत कराया जाता है.

संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत
संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत

इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या को लेकर अपनी राय व्यक्त की थी, जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने उन पर हमले भी किए. उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए और 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए.

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अभी हम युवाओं का देश हैं और 56-57 फीसद देश में युवा आबादी है. लेकिन 30 साल के बाद ये सभी बूढ़े हो जाएंगे. इन्हें खिलाने के लिए भी हाथों की जरूरत होगी. उस समय काम करने वाले कितने लोगों की जरूरत होगी, इस पर भी विचार करने की सख्त जरूरत है.

लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत तीन दिवसीय (RSS Chief Mohan Bhagwat) दौरे पर अयोध्या आ रहे हैं. संघ प्रमुख 19 अक्टूबर से 21 अक्टूबर राम नगरी में रहेंगे और इस दौरान उनके साथ सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatrey Hosbole) भी मौजूद होंगे. लेकिन जिस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए संघ प्रमुख यहां आ रहे हैं, उसका एक मात्र उद्देश्य संघ की जमीन मजबूत करने को अधिक से अधिक संख्या में युवाओं को जोड़ना है. पर खास बात यह है कि उक्त कार्यक्रम का सूबे में पहली बार आयोजन होने जा रहा है.

दरअसल, अयोध्या में 19 से 21 अक्टूबर तक अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत और सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के साथ ही तीन दिनों तक राम नगरी में रहेंगे. वहीं, बताया गया कि इस दौरान भागवत और दत्तात्रेय कई सामाजिक व राजनैतिक विषयों पर चर्चा भी करेंगे. साथ ही मंदिर निर्माण स्थल का दौरा कर चल रहे कार्यों का जायजा भी लेंगे.

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भागवत के अयोध्या दौरे के सियासी मायने...

सूबे में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनाव के बीच संघ के इस कार्यक्रम का अचानक से आयोजन स्थल बदलने को लेकर भी सियासी चर्चाएं तेज हैं. बता दें कि शारीरिक शिक्षा वर्ग का कार्यक्रम हर साल महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होता है. लेकिन अबकी इसका आयोजन आयोध्या में हो रहा है.

यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस कार्यक्रम का आयोध्या में होने को लेकर कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि इसके पीछे भाजपा की कोई खास चाल है. लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि क्या संघ अपने कार्यकर्ताओं को यहां से कोई राजनीतिक संदेश देती है नहीं.

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क्या होता है इस कार्यक्रम में...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसके जरिए देश के नए युवाओं को संघ से जोड़ा जाता है और उनको संघ के बारे में उक्त कार्यक्रम में विस्तार से बताया जाता है. साथ ही संघ शखाओं में शारीरिक शिक्षा वर्ग के महत्व से लेकर देश में व्याप्त सामाजिक समस्याओं से भी उन्हें अवगत कराया जाता है.

संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत
संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत

इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या को लेकर अपनी राय व्यक्त की थी, जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने उन पर हमले भी किए. उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए और 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए.

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अभी हम युवाओं का देश हैं और 56-57 फीसद देश में युवा आबादी है. लेकिन 30 साल के बाद ये सभी बूढ़े हो जाएंगे. इन्हें खिलाने के लिए भी हाथों की जरूरत होगी. उस समय काम करने वाले कितने लोगों की जरूरत होगी, इस पर भी विचार करने की सख्त जरूरत है.

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