लखनऊः राजधानी में सरकारी विभागों में ठेका दिलाने और सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसको लेकर लखनऊ पुलिस हरकत में है. बीते दिनों राजधानी लखनऊ में सचिवालय के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठगी करने वालों पर FIR दर्ज की गई थी, जिसके बाद लखनऊ पुलिस इन ठगी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई कर रही है. इस ओर भी जांच की जा रही है कि कहीं इन ठगों से सचिवालय के कर्मचारी और अधिकारी मिले हुए तो नहीं हैं. जालसाजों के साथ सचिवालय कर्मचारियों की मिलीभगत को तलाशने के लिए बरामद दस्तावेजों की जांच कराई जाएगी.
बीते दिनों लखनऊ में हुए दुर्गेश हत्याकांड के बाद भी यह खुलासा हुआ था कि दुर्गेश लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था. घटना के बाद दुर्गेश के घर से 120 बेरोजगारों के दस्तावेज मिले थे. दुर्गेश के घर से जो दस्तावेज मिले थे, उस पर हस्ताक्षर और मुहर सचिवालय के अधिकारियों के हस्ताक्षर और मुहर जैसे थी. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए दस्तावेजों के नमूने विधि विज्ञान प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए हैं. पड़ताल में पुलिस को जालसाज के पास से दो मुहर भी मिली थी, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है. पुलिस को फर्जी तरह से बनाए गए सात नियुक्ति पत्र भी मौके से बरामद हुए थे.
बुधवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में सचिवालय में सक्रिय ठगों के खिलाफ प्रतिभा कुमारी नाम की महिला ने 45 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. प्रतिभा कुमारी ने अपनी शिकायत में कहा था कि नौकरी दिलाने के नाम पर मोहित गुप्ता नाम के एक व्यक्ति ने उनसे 45 लाख रुपये हड़प लिए हैं. शिकायत में प्रतिभा कुमारी ने बताया कि मोहित गुप्ता जिसका सचिवालय आना-जाना था. उसको तीन लोगों की नौकरी लगाने के लिए 45 लाख रुपये दिए थे. जिसके बाद अभी तक नौकरी नहीं लगी.
महिला ने कहा कि जब नौकरी के लिए दबाव डाला गया तो मोहित गुप्ता की ओर से फर्जी नियुक्ति पत्र उपलब्ध करा दिया गया. गौर करने वाली बात यह है कि अपनी शिकायत में प्रतिभा ने बताया कि 23 नवंबर 2019 को मोहित ने उसे लखनऊ स्थित सचिवालय बुलाया था. मोहित ने राज्यमंत्री मनीष गुप्ता के नाम से 15 लाख रुपये मांगे. प्रतिभा ने बताया कि मोहित ने उससे कहा था कि यह पैसा मंत्री को दिया जाएगा, पैसा पहुंचने के बाद प्रतिभा से इंदिरा भवन आकर नियुक्ति पत्र लेने की बात कही गई थी.
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इतना ही नहीं बीते दिनों हजरतगंज में पशुधन घोटाले को लेकर FIR दर्ज कराई गई थी, जिसमें एक मंत्री के प्रधान सचिव और निजी सचिव सहित कई जालसाजों को नामजद किया गया था. इस मामले में लखनऊ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि जालसाज की पहुंच सचिवालय और विधान भवन के अंदर तक थी और मंत्री के केबिन का प्रयोग कर ही व्यापारी को ठगने के लिए माहौल तैयार किया गया था.