लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार बच्चियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं. महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं को लेकर लगातार पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है. कई मामलों में पुलिस की लापरवाही उजागर भी होती है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है. कई बार पुलिस की सक्रियता लोगों की जान भी बचाती है. इस बात का जीता जागता उदाहरण राजधानी लखनऊ की एक घटना में देखा जा सकता है.
ईटीवी भारत से बातचीत में पीआरवी के कमांडर इंदु भूषण तिवारी ने बताया कि बच्ची और मां की हालत को देखकर मन विचलित हो उठा था, जब हम मौके पर पहुंचे तो पीड़ित कुछ भी बताने में सक्षम नहीं थी. मां और नवजात को बदहवास स्थिति में देखकर मन व्याकुल हो उठा. पड़ोस के लोगों की मदद से बच्ची को संभाला गया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पीआरवी गाड़ी में तैनात सब कमांडर कृष्ण कुमार सिंह ने बताया की महिला और बच्ची को देखकर मन में एक पीड़ा उठी. घटना के दौरान मन में सिर्फ यही बात बार-बार आ रही थी कि किसी भी तरह से इस बच्ची का जीवन बचाना है. एंबुलेंस की मदद से हम लोगों ने बच्ची को अस्पताल में पहुंचाया.
यह है पूरा मामला
राजधानी लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक मानसिक तौर पर विक्षिप्त महिला ने सड़क किनारे बच्ची को जन्म दिया. सड़क किनारे प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को देखकर राहगीरों ने रात में 2 बजे पुलिस रिस्पांस व्हीकल डायल 112 पर सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पीआरवी गाड़ी ने एंबुलेंस की मदद से महिला और नवजात को लोहिया अस्पताल पहुंचाया.
पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एसके निषाद नाम के शख्स ने घटना की जानकारी डायल 112 को दी. डायल 112 के पुलिसकर्मियों की मदद से पीआरवी गाड़ी 0501 में तैनात कमांडर इंद्र भूषण तिवारी, सब कमांडर किशन कुमार, चालक वीरेंद्र कुमार दीक्षित ने महिला और बच्ची को एंबुलेंस की मदद से लोहिया अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में मां व बच्ची का इलाज चल रहा है. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार मां और बच्ची दोनों खतरे से बाहर हैं.