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कमलेश तिवारी हत्याकांड: 1:30 मिनट में हुई थी कमलेश तिवारी की हत्या, हत्यारों ने खोले राज

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Published : Oct 26, 2019, 2:41 AM IST

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड के मुख्य हत्यारे मोइनुद्दीन और अशफाक से लखनऊ पुलिस और एसआईटी पूछताछ कर रही है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कई खुलासे किए हैं.

कमलेश तिवारी हत्याकांड.

लखनऊ : यूपी के बहुचर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस की पूछताछ में कई जानकारियां सामने आ रही हैं. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हत्या को अंजाम देने वाला अशफाक पिछले कई वर्षों से कमलेश तिवारी की हत्या करना चाह रहा था. कमलेश तिवारी की हत्या जिस दिन हुई थी, उस दिन कमलेश तिवारी ने दोनों हत्यारों के होटल पर जाने की बात कही थी, लेकिन अशफाक और मोइनुद्दीन ने कमलेश तिवारी को होटल आने से मना कर दिया था.

पुलिस ने की कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपियों से पूछताछ.

ऐसे दिया घटना को अंजाम
आरोपियों ने बताया कि वह कमलेश तिवारी के कार्यालय पर पहुंचे थे. पड़ताल में यह पता चला कि हत्या करने के दौरान दोनों हत्यारे काफी नर्वस थे और लगभग 20 मिनट तक कमलेश तिवारी के कार्यालय पर रुके. 1:30 मिनट से कम समय में दोनों हत्यारों ने कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम दिया. बातचीत के दौरान अशफाक कुछ गोपनीय बात करने के लिए कमलेश तिवारी के पास गया और चाकू से कमलेश तिवारी की गर्दन पर वार कर दिया. इस दौरान कमलेश तिवारी और अशफाक के बीच हाथापाई हुई, जिससे चाकू हाथ से नीचे जमीन पर गिर गई. इसेक बाद मोइनुद्दीन ने चाकू उठाकर कमलेश तिवारी पर कई बार वार किए. इसी बीच अशफाक ने पिस्टल निकालकर एक फायर किया. गोली कमलेश तिवारी के गर्दन में लगी. गोली लगने से मोइनुद्दीन के हाथ में भी चोट लगी और चाकू से अशफाक का हाथ भी घायल हो गया. घायल अवस्था में दोनों होटल पहुंचे और 1 घंटे में लखनऊ से फरार हो गए.

हत्या करने के बाद कहां-कहां गए हत्यारे
पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि लखनऊ छोड़ने के बाद दोनों आरोपियों ने मेडिकल स्टोर से पट्टी और दवाई खरीद कर चोट की ड्रेसिंग की. इसके बाद दोनों हत्यारे बरेली में जाकर रुके. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों नेपाल गए और पैसा खत्म होने के बाद नेपाल से शाहजहांपुर वापस आ गए. शाहजहांपुर के बाद दोनों को कर्नाटक में सरेंडर करना था. इनके सरेंडर की तैयारी नागपुर से गिरफ्तार किए गए आसिफ ने पूरी कर रखी थी. ऐसा होने से पहले ही गुजरात एटीएस ने दोनों हत्यारों अशफाक और मोइनुद्दीन को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया.

इसे भी पढ़ें - कमलेश तिवारी हत्याकांड: हत्यारों ने 15 बार सीने पर किया चाकू से वार, फिर सिर में मारी गोली

हत्या के दौरान नर्वस हो गए थे दोनों हत्यारे
पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने निकलकर आई है कि हत्या करने के दौरान दोनों हत्यारे काफी नर्वस हो गए थे. नर्वसनेस का ही नतीजा था कि पहले मौके में दोनों कमलेश तिवारी की हत्या नहीं कर सके. कमलेश तिवारी के ऑफिस पर पहुंचने के बाद हत्यारे इस फिराक में थे कि उन्हें कमलेश तिवारी अकेले मिले और वह उनकी हत्या कर सकें. कार्यालय पर मौजूद कमलेश तिवारी के सहयोगी सौराष्ट्र से उन्होंने सिगरेट लाकर देने को कहा. सौराष्ट्र जब सिगरेट लेने गया तब दोनों हत्यारों के पास कमलेश तिवारी की हत्या का मौका था, लेकिन दोनों हिम्मत नहीं जुटा सके. कमलेश तिवारी के कहने पर सौराष्ट्र जब गुटका लाने गया तब अशफाक कमलेश तिवारी से कान में कुछ बात करने के लिए उनके पास गया और मिठाई के डिब्बे से चाकू निकालकर गले पर वार कर दिया. 1:30 मिनट में अशफाक और मोइनुद्दीन ने हत्या की घटना को अंजाम दिया.


लखनऊ : यूपी के बहुचर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस की पूछताछ में कई जानकारियां सामने आ रही हैं. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हत्या को अंजाम देने वाला अशफाक पिछले कई वर्षों से कमलेश तिवारी की हत्या करना चाह रहा था. कमलेश तिवारी की हत्या जिस दिन हुई थी, उस दिन कमलेश तिवारी ने दोनों हत्यारों के होटल पर जाने की बात कही थी, लेकिन अशफाक और मोइनुद्दीन ने कमलेश तिवारी को होटल आने से मना कर दिया था.

पुलिस ने की कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपियों से पूछताछ.

ऐसे दिया घटना को अंजाम
आरोपियों ने बताया कि वह कमलेश तिवारी के कार्यालय पर पहुंचे थे. पड़ताल में यह पता चला कि हत्या करने के दौरान दोनों हत्यारे काफी नर्वस थे और लगभग 20 मिनट तक कमलेश तिवारी के कार्यालय पर रुके. 1:30 मिनट से कम समय में दोनों हत्यारों ने कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम दिया. बातचीत के दौरान अशफाक कुछ गोपनीय बात करने के लिए कमलेश तिवारी के पास गया और चाकू से कमलेश तिवारी की गर्दन पर वार कर दिया. इस दौरान कमलेश तिवारी और अशफाक के बीच हाथापाई हुई, जिससे चाकू हाथ से नीचे जमीन पर गिर गई. इसेक बाद मोइनुद्दीन ने चाकू उठाकर कमलेश तिवारी पर कई बार वार किए. इसी बीच अशफाक ने पिस्टल निकालकर एक फायर किया. गोली कमलेश तिवारी के गर्दन में लगी. गोली लगने से मोइनुद्दीन के हाथ में भी चोट लगी और चाकू से अशफाक का हाथ भी घायल हो गया. घायल अवस्था में दोनों होटल पहुंचे और 1 घंटे में लखनऊ से फरार हो गए.

हत्या करने के बाद कहां-कहां गए हत्यारे
पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि लखनऊ छोड़ने के बाद दोनों आरोपियों ने मेडिकल स्टोर से पट्टी और दवाई खरीद कर चोट की ड्रेसिंग की. इसके बाद दोनों हत्यारे बरेली में जाकर रुके. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों नेपाल गए और पैसा खत्म होने के बाद नेपाल से शाहजहांपुर वापस आ गए. शाहजहांपुर के बाद दोनों को कर्नाटक में सरेंडर करना था. इनके सरेंडर की तैयारी नागपुर से गिरफ्तार किए गए आसिफ ने पूरी कर रखी थी. ऐसा होने से पहले ही गुजरात एटीएस ने दोनों हत्यारों अशफाक और मोइनुद्दीन को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया.

इसे भी पढ़ें - कमलेश तिवारी हत्याकांड: हत्यारों ने 15 बार सीने पर किया चाकू से वार, फिर सिर में मारी गोली

हत्या के दौरान नर्वस हो गए थे दोनों हत्यारे
पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने निकलकर आई है कि हत्या करने के दौरान दोनों हत्यारे काफी नर्वस हो गए थे. नर्वसनेस का ही नतीजा था कि पहले मौके में दोनों कमलेश तिवारी की हत्या नहीं कर सके. कमलेश तिवारी के ऑफिस पर पहुंचने के बाद हत्यारे इस फिराक में थे कि उन्हें कमलेश तिवारी अकेले मिले और वह उनकी हत्या कर सकें. कार्यालय पर मौजूद कमलेश तिवारी के सहयोगी सौराष्ट्र से उन्होंने सिगरेट लाकर देने को कहा. सौराष्ट्र जब सिगरेट लेने गया तब दोनों हत्यारों के पास कमलेश तिवारी की हत्या का मौका था, लेकिन दोनों हिम्मत नहीं जुटा सके. कमलेश तिवारी के कहने पर सौराष्ट्र जब गुटका लाने गया तब अशफाक कमलेश तिवारी से कान में कुछ बात करने के लिए उनके पास गया और मिठाई के डिब्बे से चाकू निकालकर गले पर वार कर दिया. 1:30 मिनट में अशफाक और मोइनुद्दीन ने हत्या की घटना को अंजाम दिया.


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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हत्याकांड कमलेश तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी हत्यारे मोइनुद्दीन व अशफाक से लखनऊ पुलिस व एसआईटी पूछताछ कर रही है साथ ही गिरफ्तार किए गए साजिशकर्ता रशीद पहचान मौसम सहित नागपुर से गिरफ्तार किए गए सहयोगी आसिफ भी पुलिस रिमांड पर हैं जिन से भी पूछताछ की जा रही है अब तक की पूछताछ में कमलेश तिवारी हत्याकांड से जुड़े कई खुलासे हुए हैं।




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पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हत्या को अंजाम देने वाला अशफाक पिछले कई वर्षों से कमलेश तिवारी की हत्या करना चाह रहा था जिस दिन हत्यारों ने कमलेश तिवारी की हत्या की उससे एक दिन पहले कमलेश तिवारी ने दोनों हत्यारों के होटल पर जाने की बात कही थी लेकिन अशफाक व मोइनुद्दीन ने कमलेश तिवारी को होटल आने से मना कर दिया था जिसके बाद शुक्रवार को दोनों हत्यारे कमलेश तिवारी के कार्यालय पर पहुंचे पड़ताल में यह भी पता चला है की हत्या करने के दौरान दोनों हत्यारे काफी नर्वस थे और लगभग 20 मिनट तक कमलेश तिवारी के कार्यालय पर रुके। 1:30 मिनट के कम समय में दोनों हत्यारों ने कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम दिया। बातचीत के दौरान अशफाक कुछ गोपनीय बात करने के लिए कमलेश तिवारी के पास गया और चाकू से कमलेश तिवारी की गर्दन पर वार कर दिया इस दौरान कमलेश तिवारी व अशफाक के बीच हाथापाई हुई जिससे चाकू छूटकर जमीन पर गिर गया जिसके बाद मोइनुद्दीन ने चाकू को उठाकर कमलेश तिवारी पर कई बार वार किए। इसी बीच अशफाक ने पिस्टल निकालकर एक फायर किया फायर कमलेश तिवारी के गर्दन में लगी। इसी समय गोली लगने से मोइनुद्दीन के हाथ में भी चोट लगी वही चाकू से अशफाक का हाथ भी घायल हो गया। घायल अवस्था में दोनों होटल पहुंचे और 1 घंटे में लखनऊ छोड़ दिया। इस दौरान दोनों ने मेडिकल स्टोर से पट्टी वह दवाई खरीद कर चोट की ड्रेसिंग की। इसके बाद यह दोनों बरेली में रुके जाकर। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों नेपाल गए और पैसा खत्म होने के बाद नेपाल से शाहजहांपुर वापस आ गए। शाहजहांपुर के बाद दोनों को कर्नाटक में सरेंडर करना था इनके सरेंडर की तैयारी नागपुर से गिरफ्तार किए गए आसिफ ने पूरी कर रखी थी। ऐसा होता इससे पहले ही गुजरात एटीएस ने दोनों हत्यारों अशफाक व मोइनुद्दीन को गुजरात व राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया।


पहले मौके पर हत्या कि नहीं जुटा पाए थे हिम्मत

पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने निकलकर आई है कि हत्या करने के दौरान दोनों हत्यारे काफी नर्वस है नर्वसनेस का ही नतीजा था कि पहले मौके में दोनों कमलेश तिवारी की हत्या नहीं कर सके। कमलेश तिवारी के ऑफिस पर पहुंचने के बाद हत्यारे इस फिराक में थे कि उन्हें कमलेश तिवारी अकेले मिले जिससे वह उनकी हत्या कर सकें। दोनों काफी नर्वस थे लिहाजा कार्यालय पर मौजूद कमलेश तिवारी के सहयोगी सौराष्ट्र से उन्होंने सिगरेट लाकर देने को कहा सौराष्ट्र जब सिगरेट लेने गया तब दोनों हत्यारों के पास कमलेश तिवारी की हत्या का मौका था लेकिन दोनों हिम्मत नहीं जुटा सके लगभग 5 मिनट में सौराष्ट्र दोबारा कार्यालय पहुंच गया इसके बाद दोनों हत्यारे दूसरा मौका तलाश रहे थे तभी कमलेश तिवारी ने सौराष्ट्र से गुटका लाने के लिए कहा सौराष्ट्र जब गुटका लाने गया तो दोनों हत्यारों ने हिम्मत जुटाई और अशफाक कमलेश तिवारी से कान में कुछ बात करने के लिए पास गया और मिठाई के डिब्बे से चाकू निकालकर गले पर वार कर दिया 1:30 मिनट में दोनों अशफाक व मोइनुद्दीन ने हत्या की घटना को अंजाम दिया।




Conclusion:संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26
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