लखनऊ : यूपी के बहुचर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस की पूछताछ में कई जानकारियां सामने आ रही हैं. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हत्या को अंजाम देने वाला अशफाक पिछले कई वर्षों से कमलेश तिवारी की हत्या करना चाह रहा था. कमलेश तिवारी की हत्या जिस दिन हुई थी, उस दिन कमलेश तिवारी ने दोनों हत्यारों के होटल पर जाने की बात कही थी, लेकिन अशफाक और मोइनुद्दीन ने कमलेश तिवारी को होटल आने से मना कर दिया था.
ऐसे दिया घटना को अंजाम
आरोपियों ने बताया कि वह कमलेश तिवारी के कार्यालय पर पहुंचे थे. पड़ताल में यह पता चला कि हत्या करने के दौरान दोनों हत्यारे काफी नर्वस थे और लगभग 20 मिनट तक कमलेश तिवारी के कार्यालय पर रुके. 1:30 मिनट से कम समय में दोनों हत्यारों ने कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम दिया. बातचीत के दौरान अशफाक कुछ गोपनीय बात करने के लिए कमलेश तिवारी के पास गया और चाकू से कमलेश तिवारी की गर्दन पर वार कर दिया. इस दौरान कमलेश तिवारी और अशफाक के बीच हाथापाई हुई, जिससे चाकू हाथ से नीचे जमीन पर गिर गई. इसेक बाद मोइनुद्दीन ने चाकू उठाकर कमलेश तिवारी पर कई बार वार किए. इसी बीच अशफाक ने पिस्टल निकालकर एक फायर किया. गोली कमलेश तिवारी के गर्दन में लगी. गोली लगने से मोइनुद्दीन के हाथ में भी चोट लगी और चाकू से अशफाक का हाथ भी घायल हो गया. घायल अवस्था में दोनों होटल पहुंचे और 1 घंटे में लखनऊ से फरार हो गए.
हत्या करने के बाद कहां-कहां गए हत्यारे
पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि लखनऊ छोड़ने के बाद दोनों आरोपियों ने मेडिकल स्टोर से पट्टी और दवाई खरीद कर चोट की ड्रेसिंग की. इसके बाद दोनों हत्यारे बरेली में जाकर रुके. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों नेपाल गए और पैसा खत्म होने के बाद नेपाल से शाहजहांपुर वापस आ गए. शाहजहांपुर के बाद दोनों को कर्नाटक में सरेंडर करना था. इनके सरेंडर की तैयारी नागपुर से गिरफ्तार किए गए आसिफ ने पूरी कर रखी थी. ऐसा होने से पहले ही गुजरात एटीएस ने दोनों हत्यारों अशफाक और मोइनुद्दीन को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया.
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हत्या के दौरान नर्वस हो गए थे दोनों हत्यारे
पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने निकलकर आई है कि हत्या करने के दौरान दोनों हत्यारे काफी नर्वस हो गए थे. नर्वसनेस का ही नतीजा था कि पहले मौके में दोनों कमलेश तिवारी की हत्या नहीं कर सके. कमलेश तिवारी के ऑफिस पर पहुंचने के बाद हत्यारे इस फिराक में थे कि उन्हें कमलेश तिवारी अकेले मिले और वह उनकी हत्या कर सकें. कार्यालय पर मौजूद कमलेश तिवारी के सहयोगी सौराष्ट्र से उन्होंने सिगरेट लाकर देने को कहा. सौराष्ट्र जब सिगरेट लेने गया तब दोनों हत्यारों के पास कमलेश तिवारी की हत्या का मौका था, लेकिन दोनों हिम्मत नहीं जुटा सके. कमलेश तिवारी के कहने पर सौराष्ट्र जब गुटका लाने गया तब अशफाक कमलेश तिवारी से कान में कुछ बात करने के लिए उनके पास गया और मिठाई के डिब्बे से चाकू निकालकर गले पर वार कर दिया. 1:30 मिनट में अशफाक और मोइनुद्दीन ने हत्या की घटना को अंजाम दिया.