लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में हुई 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण में सोमवार को विरोध बढ़ गया. 69,000 शिक्षक भर्ती में 22,000 अतिरिक्त पद जोड़े जाने की मांग को लेकर चल रहा विरोध प्रदर्शन अचानक भड़क गया. दरअसल, प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे. जहां पुलिस ने उन पर जमकर लाठियां भांजी. जिसके बाद गाड़ियों में भरकर प्रदर्शनकारियों को इको गार्डन स्थित धरना स्थल पर भेज दिया गया.
उधर, पुलिस की लाठियों ने यूपी की राजनीति को गरमा दिया. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद इन प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने ट्वीट करके सरकार पर सवाल खड़े किए. अखिलेश यादव ने लिखा, 'ये है उप्र की भाजपा सरकार के निर्दयी राज में 4 लाख नौकरियों और 1 करोड़ रोज़गार का वो सच जो आज 69000 भर्ती के मामले में मांग कर रहे अभ्यर्थियों की प्रताड़ना के रूप में सामने आ रहा है. बाइस में बेरोजगार भाजपा को बेरोजजगार कर देंगे.'
यह अभ्यर्थी पिछले करीब 5 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मांग है कि 68,500 भर्ती की रिक्त 22000 सीट 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में जोडी जाए और सुप्रीम कोर्ट के 1.37 लाख पद भरे जाने के आदेश का पालन किया जाए.
अभ्यर्थियों ने बताया कि 95 दिन से आधा दर्जन से अधिक महिला पुरुष अभ्यर्थी 185 फुट ऊंची पानी की टंकी पर बैठे हुए हैं लेकिन, सरकार ने अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है. जिस कारण अभ्यर्थी काफी दुखी एवं परेशान है.
यह अभ्यर्थियों की मांग
उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में 22000 रिक्त पदों को जोड़कर भर्ती कराई जाए. इनका कहना है कि हजारों B.Ed और बीटीसी छात्र बेरोजगार होकर भटक रहे हैं. इन पदों को भर्ती प्रक्रिया में जोड़ने से उन्हें नौकरी पाने का अवसर मिल जाएगा. हालांकि सरकार की तरफ से भी जल्द ही दूसरी भर्ती प्रक्रिया भी लाने की घोषणा की जा चुकी है.
यूपी राज्य सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था कि प्राथमिक शिक्षकों के 51 हज़ार से अधिक पद रिक्त हैं और जल्द ही इन पर भर्ती की जाएगी और शिक्षा मित्रों को एक और मौका दिया जाएगा. उनका कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में पिछले 2 वर्षों से कोई नई भर्ती नहीं हुई है. जो 68,500 और 69,000 शिक्षकों की भर्ती हुई है, वह सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने की वजह से हुई है. आरटीआई से प्राप्त डाटा के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में अब भी डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली हैं.
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